बिहार के शिक्षकों की तैनाती को भारी गड़बड़ी,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के सारण जिले में 2833 प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के विभिन्न विद्यालयों में योगदान के लिए ऑनलाइन जारी की गयी सूची को देखकर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी व कर्मी हतप्रभ हैं. सारण जिले में विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना में अनियमितता को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा डीइओ कौशल किशोर तथा डीपीओ स्थापना धनंजय पासवान से जवाब-तलब किया गया है कि किन परिस्थितियों में इतनी बड़ी अनियमितता हुई है.
- विद्यालयों में योगदान के लिए जारी ऑनलाइन सूची देख पदाधिकारी हतप्रभ, डीइओ व डीपीओ से जवाब-तलब
- यूएमएस छूरी छपरा व अमर छपरा में उर्दू के दो-दो शिक्षक, पर छात्र नहीं
- प्लस टू स्कूल सैद सराय में वाणिज्य संकाय की पढ़ाई नहीं, पर तैनात किये गये बिजनेस स्टडी के शिक्षक
- सारण में 2833 शिक्षकों की पदस्थापना में शिक्षा विभाग के आदेश पर खरा नहीं उतरा विभाग
- जहां विषय की पढ़ाई नहीं वहां शिक्षकों का पदस्थापनजारी सूची में जिले के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर कला में संगीत विषय में पांच शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गयी है. वहीं, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सैद सराय गड़खा जहां वाणिज्य विषय की पढ़ाई ही नहीं होती है, वहां पर बिजनेस स्टडी विषय के शिक्षक की पदस्थापना की गयी है. यही नहीं, जिले के दो उत्क्रमित मध्य विद्यालयों, जो सदर प्रखंड में पड़ते हैं, उनमें मुस्लिम समुदाय के एक भी छात्र नहीं हैं. इन दोनों विद्यालयों के तीन किलोमीटर के रेडियस में मुस्लिम आबादी है ही नहीं, ऐसी स्थिति में स्वाभाविक रूप से उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थी नहीं हैं. बावजूद इन दोनों विद्यालयों में एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए दो-दो उर्दू शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गयी है.
कई स्कूलों में शिक्षकों का अब भी इंतजार
ये विद्यालय तो पदस्थापना की बानगी है. धरातल पर पदस्थापना में भारी अनियमितता दिख रही है. कई विद्यालयों में जिन विषयों में पूर्व से शिक्षक पदस्थापित हैं, उन्हीं विषयों में शिक्षक की पदस्थापना कर दी गयी है. जबकि, जिस विषय में पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी हैं तथा लंबे समय से संबंधित विषय के शिक्षक नहीं हैं, ऐसी स्थिति में संबंधित विषयों में पदस्थापना की ही नहीं गयी है. यहीं नहीं, कई उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्लस टू में एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गयी है. जबकि, कई स्कूलों में चार से पांच शिक्षकों की पदस्थापना की गयी है, जो निश्चित तौर पर पदस्थापना में अनियमितता को दर्शाता है.
शिक्षकों की पदस्थापना में अनियमितता ने विभाग के दावे की खोली पोल
शिक्षा विभाग द्वारा रेंडमाइजेशन के माध्यम से पूरे पारदर्शी तरीके से छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की पदस्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. वहीं, जिला स्तर पर भी डीएम अमन समीर द्वारा डीइओ व उनकी टीम को रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया बेहतर ढंग से करने का निर्देश दिया गया था. परंतु, पदस्थापना से संबंधित ऑनलाइन सूची जारी होने के बाद पदस्थापना की खामियों ने पदस्थापन में मानकों को नजरअंदाज करने का मामला उजागर कर दिया है.
रिक्ति का रोस्टर जिला मुख्यालय से भेजा गया
कई विद्यालयों के शिक्षकों का कहना है कि एक ही विद्यालय में संगीत के पांच-पांच शिक्षकों की पदस्थापना तथा बिना छात्र तथा बिना वाणिज्य संकाय के संबंधित विषय व संकाय में शिक्षकों की तैनाती ने पदस्थापन के दौरान बरती गयी उदासीनता को दर्शाता है. वहीं, शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों व कर्मियों की माने, तो पदस्थापना के लिए रिक्ति का रोस्टर जिला मुख्यालय से भेजा गया था. परंतु, पदस्थापना राज्य मुख्यालय से हुई. ऐसी स्थिति में पूरे मामले में कहां से गलती हुई, इसकी जांच के बाद ही स्थिति का पता लगेगा.
समस्तीपुर व सीवान के डीइओ-डीपीओ को कारण बताओ नोटिस
नवनियुक्त शिक्षकों के स्कूल आवंटन मामले में समस्तीपुर और सीवान के जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस शिक्षकों की पदस्थापना के संदर्भ में दिया गया है. दरअसल, एक ही स्कूल में अधिक शिक्षकों का पदस्थापना कर दी गयी है. इसे शिक्षा विभाग ने गंभीर लापरवाही और विभागीय आदेशों का उल्लंघन माना है.
इन तीनों जिलों में विभाग को गंभीर विसंगतियां देखने को मिली
समस्तीपुर के डीइओ मदन राय व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) नरेंद्र कुमार सिंह और सीवान के डीइओ मिथिलेश कुमार व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अवधेश कुमार को दिये गये कारण बताओ नोटिस में शिक्षा विभाग ने कहा है कि विद्यालय आवंटन में शिक्षकों का युक्तिसंगत एकीकरण नहीं किया गया. साथ ही मुख्यालय के स्तर पर शिक्षकों के पदस्थापन के अंतिम चरण में किये सत्यापन के क्रम में भी वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं की है.
नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न निंदन की सजा दी जाय. नोटिस का जवाब चार घंटे में मांगा गया है. शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित नव शिक्षकों की स्कूलों में पदस्थापना सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गयी है. विभाग का दावा था कि इसके जरिये पारदर्शिता पूर्ण और तकनीकी तौर पर नियुक्तियां सही होंगी. फिलहला इन तीनों जिलों में विभाग को गंभीर विसंगतियां देखने को मिली हैं.