कश्मीरी माताएं अमित शाह की आभारी रहेंगी-शेहला रशीद

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष और रिसर्चर शेहला रशीद सुर्खियों में बनी हुई हैं। इसकी वजह उनका हालिया बयान है। एक समय था, जब शेहला भाजपा और पीएम मोदी की आलोचना करती थीं, लेकिन अब वह केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए नजर आती हैं।

उमर खालिद पर क्या बोलीं शेहला रशीद?

न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू के दौरान जब शेहला रशीद से पूछा गया कि उन्होंने उमर खालिद के पक्ष में क्यों नहीं बोला, जो इस समय जेल में हैं तो शेहला ने कहा- मैंने बोला था। मैं चाहती हूं कि उमर को छोड़ दिया जाए। उसने आतंकवाद या किसी खतरनाक विचारधारा की वकालत नहीं की।

शेहला रशीद ने कहा कि जेएनयूएसयू की उपाध्यक्ष होने के नाते मेरे ऊपर उमर के बारे में बोलने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। हालांकि, उसके बाद मुझे लगता है कि हम सभी के जीवन में बहुत अलग-अलग मोड़ आए हैं। कन्हैया कांग्रेस में हैं, उमर सीएए विरोधी प्रदर्शनों में थे। मैं किसी और के बारे में बोलना भूल गई हूं। आप जानते हैं कि देश में एक नागरिक के रूप में मेरा क्या स्थान है।

गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ

शेहला रशीद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि कश्मीरी माताएं अमित शाह की आभारी रहेंगी। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के विकास के लिए केंद्र की तरफ से किए गए प्रयासों की सराहना की।

शेहला रशीद ने कहा कि केंद्र के प्रयासों से घाटी में सकारात्मक बदलाव आया है। मैं इस पर किसी भी तरह की बहस करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने अगस्त 2019 में सेना के अधिकारियों पर मानवाधिकार के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर की गई अपनी पोस्ट पर खेद भी व्यक्त किया।

भाजपा की लगातार आलोचना करने वाली शेहला रशीद के सुर अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को वापस ले लिया और कश्मीर को लेकर केंद्र की नीति की सराहना भी की। शेहला रशीद के अचानक हुए हृदय परिवर्तन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। लोग तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। यहां तक कहा जाने लगा कि शेहला रशीद को भाजपा का टिकट मिल सकता है। दरअसल, ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने कहा कि मैं शेहला रशीद से सपने में भी ऐसा कुछ सुनने की कल्पना नहीं कर सकता है। जल्द ही उन्हें भाजपा का टिकट मिल सकता है।

क्या कुछ बोलीं शेहला रशीद?

इस पर शेहला रशीद ने कहा कि यह राजनीति के बारे में कम नैरेटिव के बारे में ज्यादा है जिन्हें हम आगे बढ़ाते हैं। क्या मैं पीड़ित होने की भावना को बढ़ावा देती हूं? क्या मैं अल्पसंख्यकों को राष्ट्रीय प्रगति में हिस्सा लेने से हतोत्साहित कर रही हूं? भारत एक प्रतिभाशाली और विकास समावेशी है। हमें प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को सही स्किल से लैस करना होगा।

शेहला रशीद कौन हैं?

शेहला रशीद एक सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद हैं। वे 2016 में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार तत्कालीन जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की वकालत करने पर सुर्खियों में आईं। जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दों की आलोचना करने वाली शेहला को भारतीय सेना के खिलाफ ट्वीट्स पर देशद्रोह के आरोप का सामना करना पड़ा था। वह 2015-16 में जेएनयूएसयू की उपाध्यक्ष रहीं। एनआईटी श्रीनगर से उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है।

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