Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
चाइल्ड पोर्नोग्राफी या बाल अश्लीलता चित्रण क्या है? - श्रीनारद मीडिया

चाइल्ड पोर्नोग्राफी या बाल अश्लीलता चित्रण क्या है?

चाइल्ड पोर्नोग्राफी या बाल अश्लीलता चित्रण क्या है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 यूरोपीय संघ के सांसदों ने ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी/बाल अश्लीलता चित्रण की पहचान करने और उसे हटाने के लिये अल्फाबेट की Google, मेटा और अन्य ऑनलाइन सेवाओं की आवश्यकता वाले नियमों का मसौदा तैयार करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें कहा गया कि इससे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रभावित नहीं होगा।

  • वर्ष 2022 में यूरोपीय आयोग द्वारा प्रस्तावित बाल यौन शोषण सामग्री (CSAM) पर मसौदा नियम, ऑनलाइन सुरक्षा उपायों के समर्थक और निगरानी के विषय में चिंतित गोपनीयता कार्यकर्त्ताओं के बीच विवाद का विषय रहा है।
  • यूरोपीय आयोग ने तकनीकी कंपनियों द्वारा स्वैच्छिक पहचान और रिपोर्टिंग सिस्टम की अपर्याप्तता को संबोधित करते हुए CSAM की पहचान करने तथा उसे हटाने के लिये ऑनलाइन सेवाओं की आवश्यकता वाले नियमों का प्रस्ताव रखा।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी/बाल अश्लीलता चित्रण क्या है?

  • परिचय:
    • चाइल्ड पोर्नोग्राफी से तात्पर्य स्पष्टतः नाबालिगों से जुड़ी यौन सामग्री के निर्माण, वितरण या परिग्रह से है। भारत और विश्व स्तर पर यह गंभीर प्रभाव वाला एक जघन्य अपराध है, जो बच्चों के यौन शोषण और उनसे दुर्व्यवहार जारी रखता है।
    • ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी डिजिटल शोषण की अभिव्यक्ति है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नाबालिगों से जुड़ी स्पष्ट यौन सामग्री के उत्पादन, वितरण या परिग्रह को संदर्भित करती है।
    • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 चाइल्ड पोर्नोग्राफी को स्पष्ट तौर पर किसी बच्चे से जुड़े यौन आचरण के किसी भी दृश्य चित्रण के रूप में परिभाषित करता है जिसमें फोटोग्राफ, वीडियो, डिजिटल या कंप्यूटर से उत्पन्न छवियाँ शामिल होती हैं जो वास्तविक बच्चे से अप्रभेद्य हैं।
  • भारतीय परिदृश्य:
    • चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों में बढ़ोतरी भारत में ऑनलाइन बाल यौन शोषण की गंभीर स्थिति को दर्शाती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau-NCRB) 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 738 मामले थे जो वर्ष 2021 में बढ़कर 969 हो गए थे।
  • प्रभाव:
    • मनोवैज्ञानिक प्रभाव: पोर्न बच्चों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालता है। यह अवसाद, क्रोध तथा चिंता से संबंधित है। इससे मानसिक पीड़ा हो सकती है। इसका प्रभाव बच्चों के दैनिक कामकाज़, उनकी जैविक क्रियाओं (Biological Clock), कार्य एवं सामाजिक संबंधों पर भी पड़ता है।
    • कामुकता पर प्रभाव: इसे नियमित रूप से देखा जाना यौन संतुष्टि और यौन उत्तेजना की भावना उत्पन्न करता है, जिससे वास्तविक जीवन में भी समान कृत्य करने की इच्छा उत्पन्न होती है।
    • यौन व्यसन: कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, पोर्नोग्राफी एक व्यसन की भाँति की तरह है। यह मस्तिष्क पर वैसा ही प्रभाव उत्पन्न करता है जैसा नियमित रूप से नशीली दवाओं अथवा शराब के सेवन से होता है।
    • व्याहारिक प्रभाव: किशोरों में पोर्नोग्राफी का उपयोग, खासकर पुरुषों के मामले में, लैंगिक रूढ़िवादिता में मज़बूत विश्वास से जुड़ा है। जो पुरुष किशोर अक्सर पोर्नोग्राफी देखते हैं, उनके द्वारा महिलाओं को सेक्स ऑब्जेक्ट के रूप में देखे जाने की अधिक संभावना होती है।
      • महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा को प्रोत्साहित करने वाले विचारों को पोर्नोग्राफी द्वारा प्रबलित किया जा सकता है।

पोर्नोग्राफी से निपटने में क्या चुनौतियाँ हैं?

  • उच्च वर्ग के बच्चों की तुलना में निम्न वर्ग के बच्चों में पोर्नोग्राफी का प्रभाव अलग होता है। कोई भी एकल दृष्टिकोण समस्या को प्रभावी ढंग से हल में सक्षम नहीं होगा।
  • भारत में सेक्स को नकारात्मक (कुछ ऐसा जिसे छिपाया जाना चाहिये) रूप में देखा जाता है। सेक्स के संबंध में कोई स्वस्थ पारिवारिक संवाद नहीं होता है। इससे बच्चा बाहर से सीखता है और उसे पोर्नोग्राफी की लत लग जाती है।
  • एजेंसियों के लिये चाइल्ड पोर्नोग्राफी की गतिविधियों का पता लगाना और उन पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखना बहुत मुश्किल है।
  • नियमित रूप से वेबसाइट्स और अमेजॅन प्राइम, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार इत्यादि जैसी OTT (ओवर द टॉप) सेवाओं पर अश्लील सामग्री की उपलब्धता से गैर-अश्लील तथा अश्लील सामग्री के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है।

बच्चों के साथ अश्लीलता और शोषण को रोकने के लिये भारत की क्या पहलें हैं?

  • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012:
    • POCSO अधिनियम, 2019 में संशोधन किया गया है, जिसमें बच्चों के गंभीर यौन उत्पीड़न के लिये मृत्युदंड जैसे कड़े उपाय शामिल हैं।
    • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 ने भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाने के लिये कई प्रावधान प्रस्तुत किये हैं।
      • संशोधित अधिनियम के अनुसार, जो कोई भी किसी बच्चे या बच्चों का उपयोग अश्लील उद्देश्यों के लिये करता है, उसे कम-से-कम पाँच वर्ष का कारावास होगा, साथ ही ज़ुर्माना भी देना होगा और दूसरी अथवा बाद की स्थिति में कारावास की अवधि सात वर्ष से कम नहीं होगी, साथ ही ज़ुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • अन्य पहल:
    • आईटी अधिनियम 2000
    • बाल दुर्व्यवहार रोकथाम और जाँच इकाई
    • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
    • किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015
    • बाल विवाह निषेध अधिनियम (2006)
    • बाल श्रम निषेध एवं विनियमन अधिनियम, 2016
    • विशेष फास्ट ट्रैक न्यायालयों के अंतर्गत POCSO न्यायालय

आगे की राह

  • चाइल्ड पोर्न और बच्चों के बीच पोर्नोग्राफी के बीच अंतर करने की आवश्यकता है। जबकि चाइल्ड  पोर्न तथा यौन हिंसा दिखाने वाले पोर्न पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिये, अन्य पोर्नोग्राफी के विनियमन की आवश्यकता है।
  • उदाहरण के लिये सामान्यतः किसी बच्चे का पहली बार पोर्न से संपर्क आकस्मिक होता है। इंटरनेट पर अन्य चीज़ों को ब्राउज़ करते समय विज्ञापन के रूप में, सरकार को इस तरह के आकस्मिक जोखिम को रोकने के लिये तकनीकी समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिये।
  • जागरूकता के साथ यौन शिक्षा बहुत ज़रूरी है, इसलिये स्कूलों में इसे अनिवार्य किया जाना चाहिये। माता-पिता और शिक्षकों को आधुनिक प्रौद्योगिकी में बच्चों के साथ व्यवहार करने में कुशल होना चाहिये।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!