झारखंड में 4 गिरोहों के 7 अपराधियों पर 1.15 करोड़ का इनाम

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पुलिस मुख्यालय ने तैयार किया प्रस्ताव, जल्द ही सरकार को भेजा जाएग

श्रीनारद मीडिया, रांची, (झारखंड)

नक्सली और उग्रवादियों की तरह झारखंड पुलिस मुख्यालय ने झारखंड में सक्रिय चार बड़े संगठित आपराधिक गिरोह के सात अपराधियों पर 1.15 करोड़ का इनाम तय किया है. इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे शीघ्र ही सरकार के पास भेजा जाएगा.

इन अपराधियों पर 30 लाख से लेकर 10 लाख रुपए तक का ईनाम तय किया गया है. पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर सरकार से मंजूरी मिलते ही सभी सातों कुख्यात अपराधियों के खिलाफ इनाम की घोषणा कर दी जाएगी. राज्य में दर्जन भर से ज्यादा संगठित अपराधी गिरोह सक्रिय हैं.

इन गिरोहों से झारखंड ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के अपराधी भी जुड़े हैं, जो यहां आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद अपने गृह राज्य भाग जाते हैं और पुलिस हाथ मलती रह जाती है. आम लोगों की मदद से ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस मुख्यालय ने सात शातिर अपराधियों पर इनाम की घोषणा करने की रणनीति तैयार की है.
इन अपराधियों पर इनाम👇🏻

– प्रिंस खान पर 30 लाख का इनाम. इसके खिलाफ कुल 50 मामले दर्ज.

– अखिलेश सिंह गिरोह के हरीश कुमार सिंह पर 15 लाख इनाम. इसके खिलाफ 16 मामले दर्ज.

– पांडेय गिरोह के बबलू ठाकुर उर्फ भरत नारायण पर 10 लाख का इनाम. इसके खिलाफ कुल आठ मामले दर्ज.

– पांडेय गिरोह के गोविंद राय पर 10 लाख का इनाम. इसके खिलाफ कुल पांच मामले दर्ज.

– पांडेय गिरोह के विकास साव पर 10 लाख का इनाम. इसके खिलाफ कुल छह मामले दर्ज.

– डब्लू सिंह पर 20 लाख का इनाम. इसके खिलाफ कुल 40 मामले दर्ज.

– प्रिंस खान गिरोह के गोपी खान पर 20 लाख का इनाम. इसके खिलाफ कुल 23 मामले दर्ज.

झारखंड में 5 गैंगस्टर जेल से चला रहे गिरोह
फिलहाल झारखंड में 12 संगठित आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं. इनमें डॉन अखिलेश सिंह, डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, अमन सिंह, अमन साहू, सुशील श्रीवास्तव, भोला पांडे और अनिल शर्मा का गिरोह एक्टिव है. हालांकि कई गैंग लीडर जेल में बंद हैं, लेकिन जेल से ही रंगदारी वसूली सहित टेंडर मैनेज करने का खेल खेल जा रहा है. फिलहाल गैंगस्टर अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, अमन सिंह और अमन साव जेल में बंद हैं, जबकि भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव की हत्या वर्षों पहले हो चुकी है. लेकिन पांडेय और श्रीवास्तव गिरोह अभी भी बेहद सक्रिय हैं. इन गिरोहों पर कार्रवाई की योजना पूर्व में भी बनी थी, जिस पर बेहतर तरीके से काम करने का निर्देश डीजीपी ने दिया है. संगठित आपराधिक गिरोह में जो नए-नए अपराधी शामिल हुए हैं, उनकी भी सूची तैयार करने को कहा गया है, ताकि समय पर उनकी पहचान कर उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जा सके.

अपराधियों की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही सीआईडी
उधर, सीआईडी संगठित आपराधिक गिरोह के अपराधियों की संपत्ति की जानकारी जुटा रही है. साथ ही अपराध का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है. राज्य में पलामू, रामगढ़,गढ़वा, हजारीबाग, लातेहार ,चतरा, धनबाद, रांची जमशेदपुर और देवघर संगठित अपराध के मुख्य केंद्र हैं. अब इन पर लगाम कसने की तैयारी चल रही है.अपराधियों की संपत्ति का पता लगाने के लिए उनके पैन और आधार कार्ड नंबर की जांच की जाएगी. अपराधी व नक्सली जिस मोबाइल नंबर का प्रयोग कर रहे हैं, उन पर भी पैनी नजर रखी जा रही है.

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