जीरादेई महोत्सव आज – खेल कूद स्पर्धाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रहेगी धूम
जीरादेई महोत्सव से जीरादेई क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर, तितिर स्तूप महोत्सव मनाने की उठी मांग
श्रीनारद मीडया, जीरादेई, सीवान (बिहार):
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई में सोमवार को खेल स्पर्धाओं और सांस्कृतिक उत्सव की धूम रहेगी।सोमवार को बिहार सरकार द्वारा पूरे उत्साह के साथ जीरदेई महोत्सव का आगाज किया जा रहा है। इस महोत्सव में सिवान के जिलाधिकारी सहित अन्य वरीय पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पैतृक गांव में जीरादेई महोत्सव का श्रीगणेश होना बिहार सरकार की अच्छी पहल है। जिसका प्रखण्ड एवं जिले के वासी तहेदिल से स्वागत कर रहे हैं । देशरत्न राजेंद्र बाबू के पैतृक संपत्ति के प्रबंधक 85 वर्षीय सुरेंद्र सिंह उर्फ बच्चा बाबू ने बताया कि बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा जीरादेई महोत्सव की जानकारी सुनकर मन गदगद हो गया तथा आंखों से खुशी के आंसू निकल आए। उन्होंने बताया कि मुझे वह भी दिन याद है, जब बाबू के गोद में खेल रहे थे तथा बाबू को जब प्रथम राष्ट्रपति बनना था तो इसी राजेन्द्र पार्क में
क्षेत्रवासियों द्वारा राजतिलक लगाकर उनको दिल्ली भेजा गया था, जो दृश्य आज भी मेरे आंखों के सामने दृष्टिगोचर होता है। पर अफसोस जरूर इस बात पर होता था कि स्वतंत्र भारत के प्रथम लाल को सरकार ने बिसार दिया था पर चलिए विलंब से भी सरकार की नींद तो टूटी तथा अपने अंतिम समय में जीरादेई महोत्सव तो देख लूं। उन्होंने बताया कि जो हक व महत्व जीरादेई को मिलना चाहिए वह आज तक नहीं मिला जिसका टीस तो अवश्य है । उन्होंने बताया कि जिस भारतीय संविधान की आप बात करते हैं उसकी निर्माण में बाबू की महती भूमिका रही तथा बाबू ने संविधान सभा का अध्यक्षता भी किया।
सर्वप्रथम जिला पदाधिकारी श्री मुकुल कुमार गुप्ता के नेतृत्व में
प्रातः 9 बजे देशरत्न के प्रतिमा पर माल्यार्पण होगा। फिर 10 .30 में जीरादेई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समीप स्थित मैदान में खेलकूद स्पर्धा का आयोजन होगा । उसके बाद अपराह्न 2 बजे से राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा शाम 5 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा । खेलकूद स्पर्धा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के सम्बंध में बच्चा बाबू ने बताया कि राजेन्द्र बाबू को ग्रामीण खेलों से काफी लगाव था वे कबड्डी ,कुकुहा एवं चिका का खेल खेलते थे। उन्होंने बताया कि बाबू 22 हाथ चिका कूद जाते थे तथा उनको घुड़सवारी का भी शौक था।
वहीं दूसरी ओर सिवान तीतिर स्तूप बौद्ध विकास मिशन के संस्थापक कृष्ण कुमार सिंह ने बिहार सरकार से मांग किया कि जीरादेई स्थित तीतिर स्तूप एवं बौद्ध मंदिर परिसर में तीतिर स्तूप महोत्सव मनाया जाय क्योंकि इस स्थल का सम्बंध भगवान बुद्ध के जीवनकाल से है तथा यहाँ देशविदेश के बौद्ध भिक्षु दर्शन एवं पूजा अर्चना करने आते है ।उन्होंने बताया कि राजेन्द्र बाबू को बौद्ध दर्शन से काफी लगाव था तथा बोधगया मंदिर के जीर्णोद्धार में उनकी महती भूमिका रही थी। श्री सिंह ने बताया कि दरौली के विधायक सह पर्यटन उद्योग विभाग के सभापति तीतिर स्तूप के विकास के लिए कटिबद्ध है तथा उनके अथक प्रयास से बहुत जल्द तीतिर स्तूप राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर आ जायेगा तथा सिवानवासियों को बहुत बड़ा सौगात मिलेगा। साथ ही, जिले का राजस्व बढ़ेगा तथा रोजगार का सुअवसर मिलेगा ।
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