मानव अधिकारों के संरक्षण में न्यायालय की भूमिका अहम – जिला जज

मानव अधिकारों के संरक्षण में न्यायालय की भूमिका अहम – जिला जज
* हम सभी को दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन करने से बचना चाहिए

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श्रीनारद मीडिया, डॉ विजय कुमार पाण्डेय, सीवान (बिहार):


प्रत्येक व्यक्ति को एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। यह एक मानव धर्म भी है।उक्त बातें जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह- जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष प्रदीप कुमार मलिक ने मण्डल कारा में बंदियों के बीच मानवाधिकार दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने आगे कहा कि मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए हमारे संविधान में पूर्ण रूप से प्रावधानित किया गया है।इसकी सुरक्षा को लेकर मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम1993 में कानून भी अस्तित्व में आ गया है ।जिसको लागू करने में न्यायालय की भूमिका अहम है।ऐसे तो न्यायालय मानव अधिकारों की सुरक्षा को हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए सतत कार्य कर रहा है परन्तु हमारा भी कर्तव्य है कि हम हर हाल में एक दूसरे के प्रति अपने नैतिक कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रहें।

उन्होंने बंदियो से अपील करते हुए कहा कि मानव होने के नाते हमारे अधिकारों के साथ साथ कर्तव्य भी हैं। जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों के प्रति जितना जागरूक होगा समाज मे मानव अधिकारों का हनन उतना ही कम होगा।इसलिए हम जहाँ भी रहे अपने अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों के प्रति जागरूक एवम सँवेदनशील रहें।

कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव -सह – अवर न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार राय के संयोजन में किया गया था।जिसमे संगोष्ठी को पैनल एडवोकेट डॉ विजय कुमार पांडेय, पैनल एडवोकेट अनिल मणि त्रिपाठी ,डीएलएसए की निहारिका, ने सम्बोधित किया।

कार्यक्रम में पैनल एडवोकेट अनिल राम ,जेलर के के झा , प्रभारी जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी सहित डीएलएसए तथा मंडल कारा समस्त पदाधिकारी एवम कर्मचारीगण उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन पैनल अधिवक्ता गणेश राम तथा धन्यवाद ज्ञापन काराधीक्षक संजीव कुमार ने किया।

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