ईरान में बम धमाके की भारत ने की निंदा,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ईरान में दो बम धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. ये धमाके ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल रहे कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर आयोजित एक समारोह के दौरान हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समारोह में दो विस्फोट की आवाजें सुनी गईं. बताया गया है कि धमाकों में 103 लोगों की मौत हो गई है सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं.
विस्फोट सुलेमानी के दक्षिणी गृहनगर करमान में स्थित अल-ज़मान मस्जिद के पास हुए. इसी जगह सुलेमानी को दफनाया गया था. सुलेमानी के समर्थक उनकी चौथी बरसी मनाने के लिए इलाके की मस्जिद में इकट्ठा हुए थे. करमान के डिप्टी गवर्नर ने इन धमाकों को ‘आतंकवादी हमला’ बताया है.
रिपोर्ट के मुताबिक घटना में 170 लोगों के घायल होने की खबर है. ईरान की तसनीम न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बमों को घटनास्थल पर दो बैगों में रखा गया था. बताया गया कि धमाके रिमोट कंट्रोल से किए गए. ISNA न्यूज एजेंसी ने करमान के मेयर सईद तबरीजी को कोट करते हुए लिखा कि बम धमाके 10 मिनट के अंतराल पर हुए थे. फिलहाल इलाके में पुलिस और मेडिकल टीमें मौजूद हैं.
कुद्स फोर्स के लीडर थे
जनरल सुलेमानी कुद्स फोर्स नाम की एक सैन्य टुकड़ी के लीडर थे. ये टुकड़ी दूसरे देशों में ईरान के हितों के हिसाब से किसी का साथ तो किसी का विरोध करती है. ऐसा भी कहा जाता है कि ईरान में कहने को विदेश मंत्री होता है, लेकिन असल विदेश मंत्री की भूमिका कुद्स फोर्स के प्रमुख ही निभाते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि बीते वर्षों में जब सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा, तो उसे दबाने में सीरियाई राष्ट्रपति की असल मदद जनरल सुलेमानी ने ही की थी. इराक में जब इस्लामिक स्टेट मजबूत होने लगा तो उसे परास्त करने में भी उनकी भूमिका अहम रही. उन्होंने इराक में ईरान-समर्थित अर्धसैनिक बलों का हाथ मजबूत किया था.
बम धमाकों पर भारत ने जताया दुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, हम ईरान के केर्मिन शहर में हुए भीषण बम विस्फोटों से दुखी हैं। इस कठिन घड़ी में हम ईरान की सरकार और लोगों के साथ अपनी एकजुट हैं। पीड़ितों और घायलों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।
बम धमाके में अब तक 103 की मौत
बता दें कि ईरान के केर्मिन में बुधवार को कासिम सुलेमानी के कब्र के पास दो बम धमाके हुए। इन धमाकों में अब तक 103 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा इस घटना में 188 लोग घायल हो गए। ईरानी अधिकारियों ने इसे आतंकी हमला बताया, लेकिन इसपर अधिक जानकारी नहीं दी गई है।
सुलेमानी की कब्र के पास हुए धमाके
ईरान की इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी (आईआरएनए) ने बताया कि पहला विस्फोट सुलेमानी की कब्र से 700 मीटर दूर पर हुआ था और दूसरा करीब 600 मीटर की दूरी पर हुआ था। न्यूज एजेंसी ने बताया कि घटना के वक्त सैकड़ों लोग कब्र के पास मौजूद थे।
बता दें कि कथित तौर पर अमेरिकी हवाई हमले में सुलेमानी की मौत को चार साल हुए थे और उनकी चौथी बरसी पर लोग एकत्रित हुए थे, जिस वक्त हमले को अंजाम दिया गया। इस विस्फोट के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ने का खतरा है, क्योंकि इसे इजरायल और हमास युद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है।
ईरान के राष्ट्रपति ने दी चेतावनी
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ होने का आरोप लगाया है। साथ ही ईरान ने चेतावनी दी है कि उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। हालांकि, अब तक किसी भी संगठन ने धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बम धमाके में अभी तक मिली हैं ये जानकारी
- हमला ईरान के शहर केरमान में हुआ, जहां विस्फोटक से भरे बैगों में धमाका हुआ।
- हमले के बाद कहा गया था कि बम विस्फोटों में 103 लोगों की मौत हुई है लेकिन बाद में मृतकों का आंकड़ा कम कर दिया गया था और कहा गया कि कुछ मृतकों के नामों की दो बार गिनती हो गई थी। इन धमाकों में 210 लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर है।
- अमेरिका के ड्रोन हमले में मारे गए ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की बुधवार को चौथी बरसी थी। इस मौके पर कासिम सुलेमानी की कब्र पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। इसी दौरान पहला बम विस्फोट हुआ।
- दूसरा बम विस्फोट पहले धमाके के 20 मिनट बाद हुआ। इसके चलते ही बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। दरअसल पहले धमाके के बाद मौके पर इमरजेंसी सेवा से जुड़े लोग भी थे, जब दूसरा हमला हुआ तो आम नागरिकों के साथ ही इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े लोग भी इसकी चपेट में आ गए।
- ईरान में साल 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से यह ईरान में हुआ सबसे बड़ा हमला है। अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। शिया बहुल ईरान में सुन्नी कट्टरपंथी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट भी कई हमलों को अंजाम दे चुका है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हुआ यह पहला हमला है।
- ईरान में यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब ईरान समर्थित हमास और हिजबुल्ला जैसे संगठन इस्राइल के साथ युद्ध लड़ रहे हैं। साथ ही ईरान समर्थित हूती विद्रोही भी लाल सागर और अरब सागर के इलाकों में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में ईरान में हमले के बाद आशंकाओं और असमंजस के हालात हैं।
- ईरान में हमले के शक की सुईं इस्राइल की तरफ घूम रही है लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ इतने बड़े पैमाने पर हुए हमले के पीछे इस्राइल की संलिप्तता से इनकार कर रहे हैं। इस्राइल ने ईरान में कई हमले किए हैं लेकिन वह हमले ईरानी वैज्ञानिकों, अधिकारियों और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े स्थानों पर हुए हैं। आम जनता को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में इस्राइल के शामिल होने की संलिप्तता कम ही है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जताया दुख
भारतीय विदेश मंत्रालय ईरान में हुए बम विस्फोट पर दुख जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘हम ईरान के केरमान शहर में हुए बम धमाकों से हैरान और दुखी हैं। यह एक मुश्किल वक्त है और हम ईरान की सरकार और उसके लोगों के प्रति अपनी संवेदना प्रदर्शित करते हैं।’
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