बिहार में थंब इंप्रेशन से शुरू हुआ सत्यापन तो गायब होने लगे शिक्षक,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में केके पाठक के शिक्षा विभाग और बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के कड़े इंतजाम के बावजूद फर्जीवाड़े का मामला सामने आ रहा है. हालांकि, इन बीपीएससी पास शिक्षकों की कारगुजारी से शिक्षा विभाग चौकन्ना हो गया है. अब तक सूबे के तीन जिलों में फर्जी शिक्षक मिले है, कई शिक्षक तो ऐसे भी हैं जो योगदान के बाद से फरार है. इन शिक्षकों को विभाग द्वारा भगोड़ा शिक्षक करार दिया गया है.
ऐसे में फर्जी शिक्षकों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए विभाग ने एक तकनीक अपनाया है. जिसके तहत उन तमाम शिक्षकों का थंब इंप्रेशन के माध्यम से री -वेरीफिकेशन किया जा रहा है , जो हाल में यानी प्रथम चरण में बीपीएससी से पास होकर बतौर शिक्षक बहाल हुए है. बता दें कि पहले चरण की नियुक्ति परीक्षा में एक लाख 20 हजार शिक्षकों का चयन हुआ था. वहीं, दूसरे चरण की नियुक्ति का रिजल्ट आने के बाद काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है.
थंब इंप्रेशन से बचने वाले शिक्षकों पर बढ़ी सख्ती
शिक्षक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में उस समय बड़ी गड़बड़ी सामने आई जब बीपीएससी से प्रथम चरण में चयनित शिक्षकों के थंब इंप्रेशन का सत्यापन शुरू हुआ. मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को देर शाम तक जिला शिक्षा कार्यालय में थंब इंप्रेशन के सत्यापन के लिए भीड़ जुटी रही. कुल 167 शिक्षकों का थंब इंप्रेशन का सत्यापन किया जाना था. लेकिन इनमें से तीन शिक्षक उपस्थित ही नहीं हुए.
लेकिन इनमें से तीन शिक्षक उपस्थित ही नहीं हुए. बीमारी का बहाना कर कुछ शिक्षक भाग खड़े हुए. जिसके बाद शिक्षा भवन कार्यालय में हड़कंप मैच गया. वहीं इसके बाद विभाग ने थंब इंप्रेशन से बचने वाले शिक्षकों पर सख्ती बढ़ा दी गई है.
46 शिक्षकों का थंब इंप्रेशन नहीं हो सका सत्यापित
मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को थंब इंप्रेशन देने के लिए 164 शिक्षक उपस्थित हुए. जिसमें से 32 शिक्षकों का थंब इंप्रेशन सत्यापित नहीं हो सका. दो दिनों में अब तक 46 ऐसे शिक्षक मिले हैं जिनका थंब इंप्रेशन सत्यापित नहीं हो सका है. जिला शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि हो सकता है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण इन शिक्षकों का सत्यापन नहीं हो सका है. ऐसे में इन्हें दो बार और मौका दिया जायेगा. इसके बाद भी सत्यापन नहीं होने पर विभाग को जानकारी दी जायेगी.
जांच के दौरान ये कागजात अनिवार्य
थंब इंप्रेशन से जांच के दौरान संबंधित शिक्षक के साथ प्रधान शिक्षक भी मौजूद रहेंगे. जांच के दौरान उपयोग के लिए एक प्रपत्र भी तैयार किया गया है, जिसमें शिक्षक का नाम, प्रखंड का नाम, शिक्षक आईडी, विद्यालय का नाम, मोबाइल नंबर, कक्षा और विषय का उल्लेख किया जायेगा.
जांच के दौरान शिक्षकों को जिन कागजातों के साथ मौजूद रहना है, उनमें क्रमश: बीपीएससी एडमिट कार्ड, औपबंधिक नियुक्ति-पत्र, विद्यालय में योगदान का पत्र और फोटो आदि शामिल है. इधर, प्रथम दिन जांच की कार्रवाई की जानकारी नही मिल सकी है.
अब तक इतने शिक्षकों की हुई काउंसलिंग
मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा भवन में शुक्रवार को कुल 18 शिक्षकों की काउंसलिंग की गयी. छठी से आठवीं के लिए तीन, नौवीं – 10वीं के लिए तीन और 11 वीं – 12 वीं के लिए 12 शिक्षक उपस्थित हुए. छठी से आठवीं के लिए कुल 1499, नौवीं – 10वीं के लिए 674 और 11वीं – 12वीं के लिए 1516 शिक्षकों की काउंसलिंग की जानी है. इसमें से अबतक छठी से आठवीं के लिए 1071, नौवीं – 10 वीं के लिए 487 और 11 वीं – 12 वीं के लिए 1424 शिक्षकों की काउंसलिंग की गयी है.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक बहाली परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा होने की आशंका शिक्षा विभाग को है. सूत्रों की माने तो सारण सहित राज्य भर में कई अभ्यर्थियों ने अपनी जगह दूसरे को शामिल करा परीक्षा पास कर ली है और शिक्षक भी बन गये हैं. अब इन फर्जी शिक्षकों की पड़ताल के लिए शिक्षा विभाग द्वारा मेगा ऑपरेशन दो जनवरी से शुरू कर दिया गया है, जो एक महीने तक चलेगा.
फर्जी शिक्षकों के धड़-पकड़ की कार्रवाई शुरू
शिक्षा विभाग को शक है कि शिक्षक नियुक्ति में कुछ फर्जी दस्तावेज वाले टीचर ने भी नौकरी ज्वाइन कर लिया हैं. इतना ही नहीं फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बनने के लिए कई अन्य कदम भी उठाये गये हैं और कुछ अभ्यर्थी इसमें सफल भी हो गये हैं. मसलन अपने जगह किसी अन्य व्यक्ति (स्कालर) को बैठा कर परीक्षा पास करना और फिर खुद जाकर स्कूल में योगदान करना, मार्कशीट व अन्य दस्तावेज का स्कैन करा कर बहाली कर लेना आदि जैसे मामले शामिल हो सकते हैं. लिहाजा उनकी धर-पकड़ शुरू करने की कार्रवाई शुरू हो गयी है.
फर्जी शिक्षकों पर होगी सख्त कार्रवाई
इससे पहले भी चेकिंग के दौरान कुछ टीचर पकड़े गये थे. इसके बाद से सभी शिक्षकों की एक-एक डॉक्यूमेंट की डिजिटली और फिजिकली पड़ताल की जायेगी. शिक्षा विभाग, थंब इम्प्रेशन के जरिए जो शिक्षक ज्वाइन किए हैं, उनकी डेटा जुटा लेना चाह रहा है. फिर 15 जनवरी से कागजातों की पड़ताल शुरू हो जायेगी. इसमें जो फर्जी टीचर पकड़े जायेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
क्या है आदेश…
इस संबंध में बीते दिनों माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया लाल श्रीवास्तव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में कहा गया था कि विज्ञापन संख्या 26 / 2023 अर्थात बीपीएससी के प्रथम चरण में नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के थंब इम्प्रेशन का मिलान दो जनवरी से किया जाये. इसके लिए जिला स्तर पर बुलाये जाने वाले शिक्षकों की संख्या का निर्धारण इस प्रकार करें, जिससे जनवरी महीने में सभी नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों का सत्यापन पूरा किये जा सके.
थंब इम्प्रेशन के मिलान के दौरान प्रिंसिपल का रहना जरूरी
नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों की पहचान के लिए संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों या प्रभारी प्रधानाध्यापकोंभे भी थंब इम्प्रेशन के मिलान के दौरान अनिवार्य तौर पर उपस्थित रहना होगा. बीपीएससी के वेंडर्स ने थंब इम्प्रेशन मशीनें स्टॉल कर दी हैं. यह कवायद जिला स्तर पर की जानी है.