समाज निर्माण में पत्रकारों की भूमिका पर संगोष्ठी का आयोजन
जन जन की आवाज है पत्रकारिता -आचार्य विनोद
श्रीनारद मीडिया, पटना :
बिहार के नालंदा जिले के बिहार शरीफ स्थित होटल मंगलम में “समाज निर्माण में पत्रकारों की भूमिका “नामक विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया ।जिसकी अध्यक्षता पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रणविजय सिंह और संचालन जाने माने युवा कवि अविनाश कुमार पांडेय ने किया ।इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन पद्म श्री सम्मान से सम्मानित कपिल देव प्रसाद,
अतिपिछडा वर्ग आयोग बिहार सरकार के सदस्य तारकेश्वर ठाकुर एवं देश के प्रख्यात विचारक आचार्य विनोद , चुनाव आयोग के ब्रांड एंबेसडर डॉ.मानव , पीएचसी के अधिवक्ता रणविजय सिंह व युवा पत्रकार दीपक कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र एवं बुके देकर किया गया ।मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने संगोष्ठी आयोजन के लिए टीम को बधाई दिया और उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है साथ ही पत्रकारिता समाज का आइना है ।
पत्रकार भाई लगातार कड़ी मेहनत करते है ।
समाज निर्माण में पत्रकारों की अहम भूमिका होती है
मौके पर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अति पिछड़ा वर्ग आयोग बिहार सरकार के सदस्य तारकेश्वर ठाकुर ने कहा कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़े बड़े औद्योगिक घराने के लोग भी शामिल है ।कुछ लोग पत्रकारिता को भी उद्योग का रूप देना चाहते हैं जिससे पत्रकारिता को उचित दिशा नही मिल पाती ।
पत्रकारों को सदैव सजग ,सचेत एवं जागरूक होना चाहिए ।उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आयोजक मंडल में शामिल सभी सदस्यों का हौसला आफजाई किया ।वही समाज निर्माण में पत्रकारों की भूमिका विषय को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित जाने माने विचारक आचार्य विनोद ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता लोकतंत्र का मजबूत आधार माना जाता है ।जनता मूक प्राणी होती है ।इस मूक प्राणी की आवाज जनता की आवाज हुआ करती है और आवाज बुलंद की जाती है ।जिस तरह शहीद आजम भगत सिंह देश की आवाज थे,
महात्मा गांधी देश की आवाज बने ,सुभाष चंद्र बोस देश की आवाज हुए ठीक उसी तरह से पत्रकारों को पत्रकारिता के माध्यम से जनता की आवाज बननी चाहिए ।दुर्गुण से , दोषों से ,दुर्वलताओ से समाज खंडित हुआ करता है ।उसका निर्माण नही होता ।अतः पत्रकारों को पत्रकारिता के माध्यम से अपने मूल्यों और आदर्शो पर आरूढ़ रहकर समाज का निर्माण करना चाहिए।इसके लिए आवश्यक है कि पत्रकार सदैव निर्भय ,निर्वैर एवम निष्पक्ष चरित्र का आरोहण करे ।अपने अंदर की कायरता एवं नपुंसकता को दूर करे ।सत्य के खातिर अडिग हो और हर हाल में अपनी आवाज बुलंद करे ।यही पत्रकारों का धर्म होना चाहिए ।लोगों की भावनाओं एवं विचारों को अख़बार के माध्यम से सरल, सहज, सुलभ और सुगम्य भाषा में व्यक्त करना एवं सभ्य समाज की स्थापना करना एक निष्पक्ष एवं ईमानदार पत्रकार का सामाजिक दायित्व है।
मौके पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भारत गौरव पत्रकार सम्मान से सम्मानित जाने-माने पत्रकार दीपक कुमार ने कहा कि
कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली।
दिल ही नहीं दिमाग में भी आग लगाने वाली।।
उन्होंने विस्तार पूर्वक पत्रकारिता जगत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को रखते हुए वर्तमान में पत्रकारों के समक्ष मौजूद चुनौतियों का भी विश्लेषण किया।
साथी उन्होंने कहा कि पीत पत्रकारिता से पत्रकारों को दूर रहने की जरूरत है।
पत्रकारों में अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लिखने की ताकत होनी चाहिए।इसलिए पत्रकारों को बेजुबानो की जुबान भी कहा जाता है । वर्तमान समय में पत्रकार के सम्मुख समाज निर्माण की एक बहुत बड़ी चुनौती सामने खड़ी है। पत्रकार फौजियों की तरह राष्ट्र के सच्चे प्रहरी होते हैं, जिस प्रकार देश की सरहदों की फौजी रक्षा करते है, उसी प्रकार से देश के अंदर फैली कुरीतियों को मिटाकर पत्रकार राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान देते हैं, इसलिए प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। पत्रकार ही समाज में फैली बुराईयों को अपनी कलम की लेखनी से आम जन को जागृत करते है ।
मौके पर जाने माने शिक्षाविद् नालंदा महिला कॉलेज के पूर्व प्राचार्य अनिल कुमार गुप्ता ने
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारों का नैतिक बल इतना मजबूत होना चाहिए कि
उन्हें कोई आंख दिखा ना पाए।तथ्य और सत्य पर आधारित निष्पक्ष समाचार ही आम जनता की आवाज बन पाती है।उन्होंने कार्यक्रम संयोजक दीपक कुमार को बधाई दी।
वक्ताओं ने कहा कि एक अच्छे पत्रकार अपने लेखन कला के बल पर जनमानस में अपनी अलग पहचान बनाते है।और बिना डर और भय के सच्चाई को सामने लाता है। मौके पर समाजसेवी संजय भाई ने समाज निर्माण के क्षेत्र में पत्रकारों को आगे आने का आवाहन किया और कहा कि पीत पत्रकारिता से समाज को सकारात्मक दिशा नहीं मिलती ।समारोह के बाद सभी आगंतुकों को पौधा दिया और उसे बचा कर एक विशाल पेड़ बनाने का संकल्प लिया।इस अवसर पर जाने माने शिक्षाविद् डॉ.कृष्ण मुरारी ठाकुर ने बेहतर संगोष्ठी आयोजित करने के लिए आयोजक टीम को धन्यवाद दिया। और उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकार अपनी लेखनी द्वारा समाज की सच्ची सेवा करते है ।
और गरीबों मजलूमो की आवाज बनते हैं।
राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित सुजीत कुमार ,
ज्ञानदीप विद्यालय के निदेशक अजय कुमार, लक्ष्यम अकादमी के निदेशक कमलेश कुमार पर्वतारोही प्रिया रानी , ए रस वैली के निदेशक सुनील कुमार शुक्ला ,पूर्व बैंक प्रबंधक अजय कुमार सहित कई समाजसेवी,पत्रकार साहित्यकार, शिक्षाविद् एवं शहर के गणमान्य प्रबुद्ध लोग मौजूद थे।
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