जामताड़ा से ट्रेनिंग लेकर 12वीं पास युवकों ने खड़ा किया साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क

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बॉलीवुड – हॉलीवुड तक को हिला डाला

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

चोरी, लूट और डकैती के तरीकों ने अब हाईटेक रूप ले लिया है। शातिर बदमाश अब साइबर ठगी के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी करने लगे हैं। जयपुर पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है जो घर बैठे लोगों के अकाउंट साफ कर देते थे। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी महज 12वीं क्लास पास हैं। इसके बावजूद भी टेक्नोलॉजी में इतने एक्सपर्ट हैं कि आपके बैंक खाते से रुपए ट्रांसफर करने, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करने में चंद मिनट लगाते हैं। जयपुर कमिश्नरेट की विद्याधर नगर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह का सरगना बिहार निवासी 22 वर्षीय अभिषेक कुमार है। तीन अन्य बदमाशों में दो भीलवाड़ा के रहने वाले हैं जबकि एक जयपुर का रहने वाला है।

जामताड़ा से ट्रेनिंग ली फिर यूट्यूब पर सीखकर हुए एक्सपर्ट
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सायबर ठग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। साइबर ठगी सीखने के लिए इन्होंने जामताड़ा से ठगों से ट्रेनिंग ली। ठगी की सारी बारीकियां ठगों से सीखी। इसके बाद यूट्यूब पर ठगी से जुड़े वीडियोज देखकर साइबर ठगी में एक्सपर्ट बन गए। जामताड़ा झारखंड का एक शहर है जहां अनपढ़ से लेकर 5वीं पास तक के कई युवा साइबर ठगी में मास्टरमाइंड है। जामताड़ा की ठगी देश में इतनी बदनाम है कि जामताड़ा के नाम पर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है सिर्फ वेदेशी लोगों से करते थे ठगी गिरफ्तार किए गए आरोपी केवल विदेशी लोगों को अपना शिकार बनाते थे। इसके पीछे वजह यह है ठगी के शिकार हुए लोग केस दर्ज कराने नहीं आएंगे। अगर जयपुर या अन्य राज्यों की पुलिस गिरफ्तार कर भी लेती है तो ठगी के शिकार हुए लोग कोर्ट में बयान देने के लिए बार बार नहीं आ सकेंगे। ऐसे में इन बदमाशों को फायदा मिल जाएगा और ये जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे। डीसीपी नॉर्थ राशि डूडी डोगरा ने बताया कि अब तक ठगी के मामले सामने आए हैं, वे सब विदेशी हैं।

जानिए कैसे करते थे ठगी
सायबर ठगों ने विभिन्न वेबसाइट, एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्म से करोड़ों विदेशी लोगों का पर्सनल डेटा चुरा लिया। ये डेटा उनके बैंक खातों, सीवीसी नंबर, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की संपूर्ण जानकारी इन ठगों के पास थी। ये बदमाश ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स से विदेशी लोगों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से लाखों रुपए की खरीदारी करते थे। फिर उन्हीं प्रोडेक्ट को अन्य कंपनियों को बेचकर ऑनलाइन रुपए प्राप्त कर लेते थे। कई बार तो ठगी के शिकार लोगों को कई दिन तक पता ही नहीं चलता कि उसके साथ ठगी हो चुकी है।

बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्म कंपनियों को भी लगाया चूना
डीसीपी राशि डूडी डोगरा के मुताबिक ये बदमाश बॉलीवुड, हॉलीवुड और वेबसीरीज बनाने वाली कई कंपनियों को भी चूना लगा चुके हैं। उन कंपनियों के ओटीटी प्लेटफार्म क्रेक करके मूवीज और वेब सीरीज डाउनलोड कर लेते थे। फिर उन्हीं मूवीज और वेब सीरीज को स्वयं के बनाए ओटीटी प्लेटफार्म पर सस्ते दामों पर बेच देते थे। आरोपियों के कब्जे से एक हाईटेक मॉडिफाइड कम्प्यूटर सिस्टम, एक लैपटॉप, जियो फाइबर राउटर, 2 हेडफोन, 2 इयरबग, 3 एप्पल आईफोन और कई अन्य मोबाइल जब्त किए हैं।

किराए के मकान से चलाते थे ठगी का नेटवर्क
विद्याधर नगर थाना प्रभारी दिलीप खदाव ने बताया कि पुलिस को मुखबिर के जरिए ठगी की सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद तकनीकी आधार पर जांच की गई। सूचना सत्य पाए जाने के बाद ठगों के ठिकाने पर दबिश देकर उन्हें दबोच लिया गया। खदाव के मुताबिक पुराना विद्याधर नगर में मकान नंबर 281 को इन बदमाशों ने किराए पर लिया था। इसी मकान में बिहार निवासी अभिषेक कुमार, जयपुर निवासी बाबानी, भीलवाड़ा निवासी राहुल कुमार और रोहित कुमार रहते थे। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 6 दिन का रिमांड लिया है।

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