स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक सह एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर जिला समन्वय समिति (डीसीसी) की बैठक आयोजित

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक सह एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर जिला समन्वय समिति (डीसीसी) की बैठक आयोजित:

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दवा सेवन में ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका: डीडीसी

टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम को लेकर की गई चर्चा:

संस्थागत प्रसव में सुधार के लिए दिया गया आवश्यक दिशा निर्देश:

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला मुख्यालय सहित अन्य प्रखंडों में आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) की सफलता के लिए सभी विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर अभियान के दौरान सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने डीईसी एवं अल्बेंडोजोल की गोली लाभुकों को खिलाना सुनिश्चित करेंगे। जिला एवं प्रखंड स्तर पर बनाए गए माइक्रो प्लान के अनुसार ही दवा खिलाना होगा। जिसमें पहले तीन दिन बूथ स्तर पर और 14 दिन गृह भ्रमण कर दवा खिलाया जाएगा। उक्त बातें स्वास्थ्य विभाग के मासिक समीक्षात्मक बैठक सह एमडीए अभियान की सफलता के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त भूपेंद्र प्रसाद यादव ने कही।

इस अवसर पर डीडीसी भूपेंद्र प्रसाद यादव, सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट, डीवीबीसीसीओ डॉ एमआर रंजन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, डीटीओ, डीआईओ, डीपीएम विशाल कुमार सिंह, डीपीसी सहित जिले के सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम के अलावा आईसीडीएस के अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा के दौरान उपविकास आयुक्त के द्वारा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता एवं उनकी ससमय उपस्थिति, दवाओं की आपूर्ति एवं उपलब्धता सहित कई अन्य प्रकार की योजनाओं से संबंधित जानकारी ली गई। वहीं स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई एवं अन्य प्रकार की सुविधाओं की व्यवस्था, एंबुलेंस की उपलब्धता, गर्भवती माताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं को भुगतान की स्थिति सहित कई बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया। टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम का जिले के सभी पंचायतों में सफलता पूर्वक संचालन को लेकर चर्चा की गई। वहीं मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, ओपीडी, विभिन्न प्रकार की जांच, टेलीमेडिसिन, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, मिशन बुनियाद, महिला और पुरुष नसबंदी सहित मिशन परिवार अभियान को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

 

प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के दौरान गर्भवती महिलाओं को चार तरह की जांच के साथ ही आयरन की गोली खाने को लेकर डीडीसी के द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। क्योंकि जब तक गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच ठीक से नहीं होगी तब तक प्रसव के दौरान जच्चा व बच्चा सुरक्षित नहीं रह सकता है। जिससे प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (आरोग्य दिवस) के दिन अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वहीं ठंड के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य संस्थानों के द्वारा मरीज़ों को दी जा रही चिकित्सीय सुविधाओं को लेकर गहनतापूर्वक जानकारी ली गई।

 

दवा सेवन में ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका: डीडीसी
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एमडीए अभियान को लेकर जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीसीसी) के दौरान उपविकास आयुक्त ने कहा कि एमडीए अभियान की सफलता में जन- जागरूकता बढ़ाने में जीविका, पंचायती राज विभाग एवं शिक्षा विभाग सहित जुम्मे की दिन मस्जिद में इमाम के द्वारा प्रचार प्रसार की अहम भूमिका होती हैं। जिले में गठित स्वयं सहायता समूहों में जीविका कार्यकर्ता अभियान के दौरान फाइलेरिया दवा के बारे में लोगों को अवगत कराएंगी साथ ही यह सुनश्चित कराएंगी कि अभियान में दवा का सेवन शत-प्रतिशत हो। क्योंकि फाइलेरिया बीमारी हाथीपांव रोग के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया की शुरुआती लक्ष्ण होते हैं। यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है।

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