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गणतंत्र दिवस:’थैंक्यू, माय डियर फ्रेंड मोदी’-इमैनुएल मैक्रों

गणतंत्र दिवस:’थैंक्यू, माय डियर फ्रेंड मोदी’-इमैनुएल मैक्रों

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को भारत की 75वीं गणतंत्र परेड में अपने देश की सैन्य टुकड़ियों और विमानों को आमंत्रित किए जाने के लिए, मार्च करने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। इसे फ्रांस के लिए ‘महान सम्मान’ बताया। मैक्रों ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा, “फ्रांस के लिए एक बड़ा सम्मान। धन्यवाद, भारत।” उन्होंने दूसरे पोस्ट में लिखा, “आपके गणतंत्र दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। आपके साथ रहकर खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।”

मैक्रों ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे प्रिय मित्र नरेन्द्र मोदी और भारत के लोग। गणतंत्र दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। आपके साथ होने पर खुशी और गर्व है। आइये, जश्न मनाते हैं!’’ इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ गुरुवार को जयपुर में ली गई एक सेल्फी भी साझा की।

मैक्रों भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। यह 2023 बैस्टिल दिवस के लिए पेरिस में भारतीय सैनिकों और विमानों की परेड के कुछ महीने बाद आया है, फ्रांस के 95 सदस्यीय मार्चिंग दल और 33 सदस्यीय बैंड दल ने आज नई दिल्ली में 75वें गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया।

फ्रांस के बैंड दल का नेतृत्व कैप्टन खुर्दा ने किया और उसके पीछे मार्चिंग दल का नेतृत्व कैप्टन नोएल ने किया। इसके बाद फ्रांसीसी विदेशी सेना की दूसरी इन्फैंट्री रेजिमेंट आई, जिसमें कैप्टन नोएल के नेतृत्व में 90 सेनापति शामिल थे। लीजियोनेयर प्रसिद्ध ‘व्हाइट कैप’ पहनते हैं, जिसे केवल वही लीजियोनेयर पहन सकते हैं जो चार महीने की कठिन चयन परीक्षाओं से सफलतापूर्वक गुजरे हों।

जब फ्रांस के करीब 95 जवानों ने कर्तव्य पथ पर मार्च में भाग लिया तब राफेल विमानों ने आसमान में उड़ान भरी। फ्रांस के 30 सदस्यीय बैंड ने भी भव्य परेड में प्रस्तुति दी। फ्रांस के सशस्त्र बलों ने दूसरी बार भारत की गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया है। इससे पहले 2016 में फ्रांस के सैनिक भारत के इस भव्य समारोह में भाग लेने वाली पहली विदेशी सैन्य टुकड़ी के तौर पर शामिल हुए थे।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने शुक्रवार को भारत के लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं और दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बनने पर खुशी व्यक्त की। मैक्रॉन, आज 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन ने गणतंत्र दिवस की दी बधाई

गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन का जयपुर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। जिस दौरान उन्होने पीएम मोदी के साथ जयपुर भ्रमण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रिय मित्र बताते हुए मैक्रों ने एक्स पर पोस्ट किया, “मेरे प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी, भारतीय लोगों, आपके गणतंत्र दिवस पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। आपके साथ रहकर खुशी और गर्व महसूस हो रहा है। आइए जश्न मनाएं!”

मजबूत हो रहे भारत और फ्रांस के रिश्ते

पीएम मोदी ने कहा था कि यह बेहद गर्व की बात है कि फ्रांस के राष्ट्रपति शुक्रवार को नई दिल्ली में 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि मैक्रॉन की उपस्थिति न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करती है बल्कि “दोस्ती और सहयोग के हमारे साझा इतिहास” में एक महत्वपूर्ण अध्याय भी जोड़ती है।

मुख्य अतिथि कैसे चुना जाता है?

यह प्रक्रिया घटना से करीब छह महीने पहले शुरू हो जाती है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान विदेश मंत्रालय शामिल रहता है। किसी भी देश को आमंत्रित करने के लिए सबसे पहले यह देखा जाना चाहिए कि भारत और दूसरे संबंधित देश के बीच मौजूदा संबंध कितने अच्छे हैं। इसका निर्णय भी देश के राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य और वाणिज्यिक हितों को ध्यान में रखकर लिया जाता है। सबसे पहले विदेश मंत्रालय संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करता है और फिर इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है। इसके बाद संबंधित मुख्य अतिथि की उपलब्धता देखी जाती है। फिर उन्हें निमंत्रण भेजा जाता है।

कौन से देश हमारे मुख्य अतिथि रहे हैं?

1968 और 1974 में दो बार ऐसा हुआ जब भारत ने एक ही गणतंत्र दिवस पर दो देशों के मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया। 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के कारण कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया। इंदिरा गांधी ने गणतंत्र दिवस से ठीक दो दिन पहले 24 जनवरी 1966 को शपथ ली। 2021 और 2022 में भी भारत में कोरोना महामारी के कारण कोई मुख्य अतिथि नहीं था। इस कार्यक्रम में भारत ने सर्वाधिक 36 एशियाई देशों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इसके बाद यूरोप के 24 देश और अफ्रीका के 12 देश गणतंत्र दिवस पर हमारे मेहमान बने हैं। भारत ने दक्षिण अमेरिका के पांच, उत्तरी अमेरिका के तीन और ओशिनिया क्षेत्र के एकमात्र देश की मेजबानी की है।

गणतंत्र दिवस में अतिथि देश क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत के गणतंत्र बनने के बाद से ही इस समारोह में मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने की परंपरा रही है। भारत हर साल नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किसी अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख को राजकीय अतिथि के रूप में आमंत्रित करता है। रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक हितों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद ही अतिथि देश का चयन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि का निमंत्रण भारत और आमंत्रित व्यक्ति के देश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का एक उदाहरण माना जाता है।

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