डीएनडीआई की मदद से सारण और पूर्णिया में हुई सीओई की स्थापना, मरीजों का हो रहा बेहतर इलाज: डॉ. कृष्णा पांडेय

डीएनडीआई की मदद से सारण और पूर्णिया में हुई सीओई की स्थापना, मरीजों का हो रहा बेहतर इलाज: डॉ. कृष्णा पांडेय

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विश्व एनटीडी दिवस के अवसर पर कालाजार चैंपियंस को किया गया सम्मानित:

कालाजार चैंपियंस ने लोगों से साझा की बीमारी और इलाज के सफर की कहानी:

सिविल सर्जन ने आरएमआरआईएमएस को हरसंभव सहयोग देने का दिलाया भरोसा:

श्रीनारद मीडिया, छपरा,  (बिहार):

विश्व एनटीडी (नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज) दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में स्थिति सेंटर फॉर एक्सीलेंस (सीओई) में चैंपियंस ऑफ चेंज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य समिति और ड्रग फॉर नेगलेक्टेड डिसीजेस इनिशिएटिव (डीएनडीआई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में कालाजार चैंपियंस को सम्मानित किया गया। साथ ही, कालाजार चैंपियंस ने इस बीमारी और इलाज को लेकर अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट और मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस) के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह, गोपालगंज डीएमओ डॉ. सुषमा शरण व डीएनडीआई के अमित मालिक ने संयुक्त रूप से किया।

 

संयुक्त रूप से उद्घाटन करते हुए राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट और मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस) के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने कहा कि एनटीडी के मुख्य तीन पिलर यूनाइट, एक्ट एंड एलिमिनेट हैं। जो डब्ल्यूएचओ का स्लोगन भी है। उन्होंने बताया कि सारण में कालाजार के मरीजों की जांच होती थी, लेकिन पीकेडीएल के मामलों में बोन मैरो की जांच की सुविधा नहीं थी। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से डीएनडीआई के द्वारा सारण और पूर्णिया जिले में सीओई की शुरुआत की गई। जहां मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है। जिससे बोन मैरो जांच के लिए मरीजों को राज्य मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। साथ ही, सारण में सीओई के संचालन से आसपास के जिलों के मरीजों की भी जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि फिलवक्त आरएमआरआईएमएस अब कुछ नई दवाओं को लेकर रिसर्च कर रहा है। जिसके परीक्षण के लिए कालाजार मरीजों को यहां से रेफर करें। ताकि, कालाजार के इलाज को और भी बेहतर बनाया जा सके।

 

कालाजार उन्मूलन में आरएमआरआईएमएस ने किया उत्कृष्ट कार्य:
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि कालाजार को लेकर आरएमआरआईएमएस ने उत्कृष्ट कार्य किया है। जिससे बिहार और आरएमआरआईएमएस का विश्व में नाम कमाया है। साउथ एशिया के कई देशों में आरएमआरआईएमएस के गाइडलाइन पर ही इलाज हो रहा है। साथ ही, जिले में सीओई की स्थापना में भी आरएमआरआईएमएस और डीएनडीई का भरपूर सहयोग मिला। जिसकी बदौलत सारण डीएचएस को मेडिकल कॉलेज की मान्यता मिली। साथ ही, कालाजार मरीजों के इलाज के लिए डीएनडीआई और सीओई में प्रतिनियुक्त मेडिकल ऑफिसर और एएनएम ने बेहतर कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले में स्वास्थ्य संस्थानों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसका परिणाम आज यह हुआ है कि जिले में नए मरीजों के मिलने की संख्या काफी घट गई है। जो आगामी दिनों में और भी घटेगी। उन्होंने आरएमआरआईएमएस के निदेशक को यह आश्वस्त किया की आगामी दिनों में उन्हें रिसर्च के लिए सारण जिले से भरपूर सहयोग मिलेगा।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से हम नेगलेक्टेड डिडीज को लेकर कार्य कर रहे हैं, उसके आधार पर इन बीमारियों को एनटीडी की सूची से हटाया जाए। उन्होंने बताया कि पूर्व में सारण जिले में चार से पांच हजार मामले सामने आते थे। लेकिन, अब मरीजों की संख्या काफी घट गई है। यह इस बात से स्पष्ट होता है कि पिछले साल कुल 88 मामले चिह्नित हुए। जिसका सारा श्रेय सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और उनकी टीम को जाता है। साथ ही, सहयोगी संस्थानों का भी भरपूर सहयोग मिला। इसलिए इन बीमारियों को अब नेगलेक्टेड डिजीज की सूची से हटा देना चाहिए। अब स्वास्थ्य विभाग इन बीमारियों को अब फोसाइज्ड कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणाम आज सबके सामने है। साथ ही, जिस प्रकार से काम हो रहा है उसके आधार पर हम यह आश्वस्त करते हैं कि सारण से कोई मरीज नहीं मिलेंगे। साथ ही, उन्होंने आरएमआरआईएमएस के निदेशक से पीकेडीएल के मामलों में इलाज को लिए गाइड लाइंस की मांग की। जिससे पीकेडीएल के मरीजों का इलाज और भी सुगम हो सके।

 

स्टाफ नर्स और कलाजार चैंपियन ने साझा की अपनी कहानी:
कार्यक्रम में सीओई के कर्मचारी और कालाजार चैंपियन ने अपनी कहानी लोगों से साझा किया। स्टाफ नर्स नेहा कुमारी ने कहा कि पहले पीकेडीएल के मरीजों को इलाज के लिए पटना जाना पड़ता था। लेकिन, अब यहां पर इलाज पाकर मरीज काफी संतुष्ट हैं और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों को सराहना करते हैं, जिससे अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों पर संतुष्टि होती है। वहीं, पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य रवि कुमार और मंजू देवी ने भी अपनी कहानी से लोगों को अवगत कराया। साथ ही, उन्होंने भविष्य में अपने इलाके और आसपास के गांवों में लोगों को कालाजार के प्रति जागरूकता अभियान चलाने का आश्वासन दिया। तत्पश्चात सीओई के नोडल पदाधिकारी डॉ. सर्वजीत कुमार, डॉ. हरेंद्र प्रसाद, डॉ. संजीत कुमार, स्टाफ नर्स नेहा कुमारी, विष्णु चौधरी, पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्य डॉ रवि कुमार, मंजू देवी, मिथिलेश कुमार और मनीष कुमार को सम्मानित किया गया। इस दौरान सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और बीसीएम सहित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। सेंटर फॉर एडवोकेसी के एसपीएम रणविजय कुमार, एएसपीएम रंजीत कुमार, डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित जिला व प्रखंड स्तरीय समन्वयक शामिल रहे। वहीं, मंच संचालन डीएनडीआई की मनीषा शर्मा और धन्यवाद ज्ञापन अमित मल्लिक ने किया।

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