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श्वेत पत्र में लालू और ममता भी निशाने पर,क्यों?

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चुनाव से पहले श्वेत पत्र क्यों लाई मोदी सरकार?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में यूपीए के 10 वर्षों के कार्यकाल पर भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर श्वेत पत्र पेश किया। वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि 2014 में जब हमने सरकार बनाई थी, तब अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी और देश की वित्त स्थिति काफी कमजोर थी।

आर्थिक कुप्रबंधन, वित्तीय अनुशासनहीनता और व्यापक भ्रष्टाचार हुआ था। इसके अलावा देश पर कर्ज का बोझ बढ़ने का दावा भी किया गया। संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र पर अब बहस होगी और इस बहस का जवाब खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी। आइए जानते हैं श्वेत पत्र में काग्रेस पर क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं।

कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला

श्वेत पत्र में कोयला ब्लॉक आवंटन का जिक्र किया गया। वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर निजी कंपनियों को कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप लगाया।

नौकरी के बदले जमीन घोटाला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजद नेता लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा। श्वेत पत्र में नौकरी के बदले जमीन घोटाले को शामिल किया। इस मामले में लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ जांच चल रही है। यह घोटाले तब होने का दावा किया गया जब लालू यादव रेल मंत्री थे।

2जी टेलीकॉम घोटाला

श्वेत पत्र में 2जी घोटाले का भी जिक्र किया गया। इसमें बताया गया कि दूरसंचार कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के नाम पर घोटाला हुआ और संभवता राजस्व को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

सारदा चिट फंड घोटाला

वित्त मंत्री ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए श्वेत पत्र में सारदा चिट फंड घोटाले का भी जिक्र किया। श्वेत पत्र में कहा गया है कि फंड को निजी इस्तेमाल और निवेशकों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया गया और लाखों निवेशकों को वित्तीय संकट में डाल दिया।

ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए श्वेत पत्र में बताया गया कि क्रिश्चियन मिशेल पर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में बिचौलिया होने और रिश्वत का आरोप है और इसका संबंध कांग्रेस से है।

राष्ट्रमंडल खेल घोटाला

श्वेत पत्र में राष्ट्रमंडल खेलों से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया और बताया गया कि इस संबंध में आठ मामले दर्ज किए गए थे।

आईएनएक्स मीडिया केस

श्वेत पत्र में में आईएनएक्स मीडिया केस का भी जिक्र किया गया है। इस केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम शामिल है। श्वेत पत्र में कहा गया है कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी निवेश मंजूरी में अनियमितताओं से जुड़ा है।

एयरसेल-मैक्सिस मामला

इस मामले में भी पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम शामिल है। श्वेत पत्र में कहा गया है कि इसमें एक टेलीकॉम कंपनी में विदेशी निवेश की मंजूरी में अनियमितता और अवैध रिश्वत लेने के आरोप है।

आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए श्वेत पत्र में बताया गया कि आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामला एक रक्षा भूमि परियोजना में अपार्टमेंट के आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा है।

एंट्रिक्स-देवास डील

श्वेत पत्र में यूपीए सरकार में हुई एंट्रिक्स-देवास डील का भी जिक्र किया गया है। इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन और देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक उपग्रह सौदे में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।

एम्ब्रेयर डील

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए श्वेत पत्र में एम्ब्रेयर डील का भी जिक्र किया गया। इस डील में ब्राजीलियाई एयरोस्पेस कंपनी के साथ 2008 में 208 मिलियन डॉलर के एम्ब्रेयर विमान सौदे पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह मामला भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और खरीद में दलाली से जुड़ा हुआ है।

भूमि का आवंटन घोटाला

वित्त मंत्री ने बताया कि पंचकुला और गुड़गांव में कांग्रेस इस मामले से जुड़ी हुई थी। श्वेत पत्र में कहा गया है कि निजी बिल्डरों के साथ मिलीभगत थी। निचली अदालतों में आरोप पत्र दायर किए गए हैं।

पिलाटस बेसिक एयरक्राफ्ट ट्रेनर

वित्त मंत्री ने श्वेत पत्र में बताया कि पिलाटस बेसिक एयरक्राफ्ट ट्रेनर का मामला 2009 में भारतीय वायु सेना के लिए 75 पिलाटस बेसिक एयरक्राफ्ट ट्रेनर की खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़ा है।

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन

वित्त मंत्री ने श्वेत पत्र में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का भी जिक्र किया। इस मामले में फर्जी बैंक खाते खोलकर लगभग 44 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है।

हॉक विमान खरीद घोटाला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए श्वेत पत्र में हॉक विमान खरीद का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह मामला 2003 से 2012 के बीच हॉक विमान की खरीद में रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने से जुड़ा है।

श्वेत पत्र क्या होता है?

श्वेत पत्र के जरिए यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए कार्यों की तुलना की जाएगी। साथ ही सरकार अपने कार्यकाल में उठाए गए सकारात्मक कदमों के बारे में भी बताएगी। श्वेत पत्र एक रिपोर्ट होती है, जिसके जरिए सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाता है। श्वेत पत्र में शामिल दस्तावेज कई रंगों में होते हैं। इन्हीं रंगों के हिसाब से दस्तावेजों का वितरण किया जाता है।

कौन जारी करता है श्वेत पत्र?

सरकार के अलावा कोई भी कंपनी, या संस्था श्वेत पत्र ला सकती है। आमतौर पर कंपनियां इसके जरिए अपनी स्थिति के बारे में बताती हैं। इससे कंपनी के ग्राहकों और उत्पादों के बारे में विस्तृत जानकारी भी मिलती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 1922 में ब्रिटेन में पहली बार श्वेत पत्र लाया गया था।

कांग्रेस लाई ब्लैक पेपर

उधर, श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस ब्लैक पेपर लेकर आई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को ब्लैक पेपर जारी किया। खरगे ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को खत्म कर रही है। इसके अलावा इसमें रोजगार, बेरोजगारी, महंगाई का मुद्या उठाया गया।

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