प्रतिबंध के बावजूद भी क्यों बिखरा है प्लास्टिक कचरा?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में प्लास्टिक के कचरे के निपटारे और निगरानी को लेकर एक संसदीय समिति ने केंद्र और राज्य की एजेंसियों के निरुत्साहपूर्ण रवैये की जमकर खिंचाई की है। 22 सदस्यीय लोकलेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को अभी तक अमल में नहीं लाया जा सका है क्योंकि देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अभी भी प्लास्टिक हर तरफ बिखरा नजर आता है।
अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह टिप्पणी की है, जिसका ऑडिट दिल्ली, पंजाब और सिक्किम में बेअसर नजर आती है। 2015-20 के बीच लागू प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियमों को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। इस समिति ने पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या समितियों और प्रमुख मेट्रो शहरों के शहरी विकास विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई है।
कचरे के प्रबंधन की प्रणाली में कई खामियांः समिति
समिति ने रिपोर्ट में बताया है कि प्लास्टिक कचरे का मूल्यांकन, संकलन और सुरक्षित निस्तारण करने की प्रणाली में गंभीर खामियां पाई गई हैं। इस संबंध में मंत्रालय, सीपीसीबी, एसपीसीबी या पीसीसी आदि सभी साझीदार उचित तालमेल से काम नहीं कर रहे हैं। इसीलिए इस घातक कचरे के प्रबंधन की प्रणाली में कई खामियां देखी गई हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर समिति ने क्या कहा?
समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ढीले-ढाले रवैये पर निराशा जताते हुए कहा कि इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ठोस कदम उठाने चाहिए।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड:
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 को किया गया।
- इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
- यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।
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