जिन स्कूलों में एक भी छात्र नहीं, वहां भी होगी सभी विषयों के शिक्षकों की पोस्टिंग,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अब शिक्षकों की पोस्टिंग को लेकर नई योजना बनाई है. केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारियों से कहा है कि राज्य के शून्य नामांकन वाले नए उत्क्रमित उच्च विद्यालयों (कक्षा 9 से 12 तक) में सभी विषयों के शिक्षकों की पोस्टिंग की जाये.
बशर्ते कि उस जिले में उतनी ही संख्या में शिक्षकों की अनुशंसा बिहार लोक सेवा आयोग से उपलब्ध हो. ऐसे स्कूलों में स्कूली शिक्षकों की संख्या 10 से 15 हो सकती है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जिले के अधिकारियों से पंचायत स्तर पर नव उत्क्रमित स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए प्रस्ताव विभाग को भेजने का अनुरोध किया है. आपको बता दें कि नियोजित शिक्षकों की दक्षता परीक्षा और शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण के बाद राज्य को बड़ी संख्या में नये शिक्षक मिलने वाले हैं.
जिला पदाधिकारियों से मांगे नियुक्ति प्रस्ताव
जिला अधिकारियों को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा कि कक्षा 9 से 10 और कक्षा 11 से 12 में यदि एक भी छात्र आता है तो उसे पढ़ाने के लिए संबंधित स्कूल में पांच से सात शिक्षक अनिवार्य रूप से भेजे जाएं. उन्होंने नव उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में भी शिक्षकों की पदस्थापना के लिए जिला पदाधिकारियों से विभागों को प्रस्ताव देने को कहा है. ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती में देरी न करें. जब तक कक्षा 9 से 12 तक छात्र नामांकन में वृद्धि नहीं होती, तब तक उन विद्यालयों में भेजे गये शिक्षक मूल मध्य विद्यालय में ही पढ़ाते रहेंगे.
30 सितंबर तक नामांकन नहीं होने पर बंद होंगे स्कूल
केके पाठक ने जिला अधिकारियों को सलाह दी है कि अगर 30 सितंबर तक कोई छात्र किसी स्कूल में दाखिला नहीं लेता है तो विभाग उन स्कूलों को बंद करने पर विचार करेगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि ऐसे विद्यालयों में एक अप्रैल से 30 सितंबर तक नामांकन नहीं प्राप्त होता है, तो यहां पदस्थापित सभी विद्यालय के शिक्षकों को किसी अन्य विद्यालय में ट्रांसफर कर दिया जायेगा.
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नामांकन का इंतजार न करें
केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों को शून्य नामांकन वाले विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करने को कहा है. ऐसा करने के बाद शैक्षणिक सत्र (1 अप्रैल 2024 से) के अगले छह महीने तक नामांकन का इंतजार करें. विभाग को उम्मीद है कि ऐसे स्कूलों को शिक्षक उपलब्ध कराकर वहां नामांकन कराया जायेगा. हमें नामांकन के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार भी करना चाहिए. अभिभावकों को भी नामांकन के लिए प्रेरित किया जाये. आपको बता दें कि प्लस टू स्कूलों के लिए टीआरई वन और टू में 55 हजार शिक्षकों का चयन किया गया है.
बिहार के तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा का पहला चरण 26 फरवरी 2024 से शुरू हो रहा है. इस परीक्षा को पास करने के बाद नियोजित शिक्षक विशिष्ट शिक्षक कहलाएंगे. इन शिक्षकों की पोस्टिंग मेरिट लिस्ट के आधार पर शहरी क्षेत्रों में की जाएगी.
इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है कि शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों से संबंधित रेशनलाइजेशन प्रस्ताव अनिवार्य तौर पर 29 फरवरी तक विभाग को उपलब्ध करा दें. दरअसल अपर मुख्य सचिव ने यह जानकारी नियोजित शिक्षकों के 26 फरवरी से शुरू होने वाले पहले चरण की सक्षमता परीक्षा के संदर्भ में मांगी है.
दो चरणों में हुई 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति
केके पाठक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा दो चरणों (टीआरई 1 और टीआरई 2) में बड़ी संख्या में लगभग 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई है. इनमें से करीब 35 हजार ऐसे शिक्षक हैं जो पहले नियोजित शिक्षक थे. इन नियोजित शिक्षकों के बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित होने के कारण कई जिलों के विद्यालयों में रिक्तियां निकल गयी हैं.
शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बीपीएससी के दोनों चरणों में चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग केवल ग्रामीण इलाकों में ही की गई है, शहरी इलाकों में नहीं. शहरी क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियोजित शिक्षकों का चयन किये जाने के बाद शिक्षकों की कमी हो गयी है.
रिक्तियों के बारे में केके पाठक ने मांगी जानकारी
केके पाठक ने सभी डीएम को अपने जिले के शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता का आकलन कर शहरी क्षेत्रों में रिक्तियों के बारे में शिक्षा विभाग को सूचित करने को कहा है. आकलन करते समय स्कूलों में छात्रों के नामांकन को भी ध्यान रखने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया कि माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रत्येक विषय का शिक्षक विद्यालय में उपलब्ध हो चाहे बच्चों के नामांकन की संख्या कितनी भी हो.
29 फरवरी तक मांगी जानकारी
केके पाठक ने आगे कहा कि नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का पहला चरण 26 फरवरी 2024 से शुरू हो रहा है. इसी क्रम में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को मेरिट सूची के आधार पर ही शहरी क्षेत्रों में पदस्थापित किया जाएगा. उन्होंने सभी डीएम से शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों से संबंधित रेशनलाइजेशन प्रस्ताव अनिवार्य तौर पर 29 फरवरी तक विभाग को उपलब्ध कराने को कहा है.