श्रीराम विवाह कथा प्रसंग सुनकर भावविभोर हुए श्रोता
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के पड़रौना स्थित नवनिर्मित शिवमंदिर में शिव परिवार प्राणप्रतिष्ठा को लेकर आयोजित एक कुंडलीय महायज्ञ के तत्वावधान में चल रही श्रीराम कथा में गुरुवार को श्रीराम -जानकी विवाह प्रसंग हुआ। धनुष यज्ञ की कथा सुन कर श्रोता मुग्ध हो गए। मधुर भजनों पर से प्रभु का गुणगान किया। जयकारे से पंडाल गूंजता रहा। सुप्रसिद्ध कथा वाचिकाअर्चना मणि पराशर ने कहा कि भगवान नाम के स्मरण मात्र से प्राणियों का कल्याण होता है।
प्रभु का स्मरण करने से सभी प्रकार के दु:ख, पाप व घमंड का नाश हो जाता है।
उन्होंने श्रीराम विवाह की कथा में परशुराम -लक्ष्मण संवाद विस्तार से सुनाया। कथा में जब सभी राजा धनुष उठाने में असमर्थ रहे तो राजा जनक को चिंता होने लगी। उन्होंने कहा कि यहां पर आए सभी राजाओं की शक्ति का अगर मुझे पहले ज्ञात होती तो मैं अपनी पुत्री के स्वयंवर में यह शर्त न रखता। इस बात को सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो गए।
बोले यदि मेरे बड़े भाई आज्ञा दें तो मैं पूरी पृथ्वी को गेंद की तरह उठाकर पटक दूंगा। राम ने अनुज लक्ष्मण को शांत किया और कहा के जिस स्थान पर रघुकुल का कोई भी व्यक्ति विराजमान हो वहां पर इस तरह की बातें अशोभनीय हैं। इसके बाद गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर श्रीराम ने भगवान शिव की धनुष को उठाया। प्रत्यंचा चढ़ाते समय धनुष टूट गया। इसके बाद कथा वाचिका अर्चना मणि पराशर ने परशुराम के क्रोधित व शांत होने की कथा सुनाकर मार्ग दर्शन दिया।
इस मौके पर त्यागी जी महाराज, किशोर श्रीवास्तव, यज्ञ समिति अध्यक्ष प्रदीप सिंह, पूर्व मुखिया अशोक सिंह, रवींद्र यादव,राजेश शर्मा, तारकेश्वर शर्मा,पं नवलकिशोर मिश्र,श्याम कुमार, रंजन सिंह,विद्या सिंह,मोहन यादव,गुड्डू सिंह,दीना चौहान, जीतेंद्र सिंह,सुदामा साह,उमेश चौहान, विपिन सिंह, राजेंद्र सिंह,संजय यादव,दीपक साह,गौरीशंकर चौधरी,रामचंद्र चौधरी, सुनील चौहान,ललन यादव सहित अन्य सुधी श्रद्धालु उपस्थित थे।
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