जेएनयू छात्र संघ चुनाव को लेकर हुई बैठक में जमकर हुआ बवाल,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव को लेकर हुई बैठक में जमकर बवाल देखने को मिला है. जानकारी के अनुसार, जेएनयू परिसर में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर बुलायी एक बैठक के दौरान शुक्रवार देर रात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एबीवीपी और वाम दल समर्थक समूहों के बीच झड़प हो गयी जिसमें दोनों पक्षों ने अपने कुछ सदस्यों के घायल होने का दावा किया है. दोनों पक्षों ने इस झड़प के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं जबकि जेएनयू प्रशासन ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
जेएनयू परिसर में 2024 के जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग के सदस्यों को चुनने के लिए साबरमती ढाबे पर विश्वविद्यालय आम सभा की बैठक (यूजीबीएम) बुलायी गयी थी और इस दौरान छात्र समूहों के बीच झड़प हो गयी. वाम दल से संबद्ध ‘डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन’ (डीएसएफ) ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य मंच पर चढ़ गए और उन्होंने परिषद के सदस्यों तथा वक्ताओं के साथ धक्का-मुक्की की.
सोशल मीडिया पर शेयर किया गया वीडियो
सोशल मीडिया पर दोनों समूहों द्वारा साझा की गयी वीडियो में एबीवीपी और जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों को नारेबाजी के बीच बहस करते हुए देखा जा सकता है जबकि विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी स्थिति को काबू में करने की कोशिश में लगे दिखायी दिए. ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ने दावा किया कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष पर एबीवीपी के छात्रों ने हमला किया और झड़प के दौरान उन पर पानी फेंका. एक बयान में कहा गया है कि जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष के साथ एबीवीपी के गुंडों ने बदसलूकी की और उन पर हमला किया. उन्हें घोष पर पानी फेंकते हुए देखा जा सकता है। जेएनयू की एक महिला छात्र के साथ इस तरह का अपमानजनक बर्ताव किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जेएनयू परिसर के साबरमती ढाबे पर बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हुए थे
अभी इन दावों पर घोष की प्रतिक्रिया नहीं मिली है. दक्षिणपंथी छात्र समूह ने आरोप लगाया कि डीएसएफ कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी के जेएनयू सचिव विकास पटेल पर हमला किया. उन्होंने कहा कि झड़प के दौरान निजी दुश्मनी के तहत एक अन्य छात्र प्रशांत बागची से भी मारपीट की गयी. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि एमए अंतिम वर्ष के छात्र प्रफुल्ल पर एक धारदार हथियार से हमला किया गया. उसने यह भी दावा किया कि वामपंथी समूहों के छात्रों ने बीए पर्शियन के एक दिव्यांग छात्र दिव्यप्रकाश के साथ भी मारपीट की क्योंकि वह एबीवीपी का समर्थन कर रहा था. यूजीबीएम में निर्वाचन आयोग के सदस्यों के चुनाव में वोट डालने के लिए जेएनयू परिसर के साबरमती ढाबे पर बड़ी संख्या में छात्र एकत्रित हुए थे.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर भी हो रही है. दरअसल, विश्वविद्यालय की ओर से नयी नियमावली जारी की गई है जिसके मुताबिक शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में पोस्टर चस्पा करना और धरना प्रदर्शन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा.जिसमें बताया गया है कि जुर्माने की राशि 20 हजार रुपये तक हो सकती है.
इतना ही नहीं दोषी को संस्थान से निष्कासित करने का फैसला तक लिया जा सकता है. नयी नियमावली में एक बात का जिक्र है जिसकी चर्चा ज्यादा हो रही है जिसमें कहा गया है कि ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधि पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. शैक्षणिक इमारतों की बात करें तो इसमें क्लास और प्रयोगशालाओं के अलावा विभिन्न स्कूलों के अध्यक्षों के कार्यालय, डीन और अन्य पदाधिकारियों के कार्यालय को शामिल किया गया है.
आपको बता दें कि इससे पहले हाई कोर्ट के आदेश पर प्रशासनिक इमारत जिसमें कुलपति, रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर सहित शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय हैं उसके 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगाने का काम किया गया था. हालांकि, अब चीफ प्रॉक्टर कार्यालय (सीपीओ) की संशोधित नियमावली जारी की गई है जिसके मुताबिक, विश्वविद्यालय ने कक्षाओं के स्थानों के साथ-साथ शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगाने का काम किया गया है. संशोधित नियमावली के अनुसार, किसी धार्म, जाति या समुदाय के प्रति असहिष्णुता को भड़काने या ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधि में यदि कोई लिप्त पाया जाता है तो उसपर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
जेएनयू छात्र संघ ने नयी नियमावली का विरोध किया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर में जेएनयू में भाषा अध्ययन संस्थान की इमारत की दीवार पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ नारा लिखे जाने के बाद संशोधित नियमावली जारी की गई है. उक्त घटना के बाद प्रशासन ने परिसर में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की थी जिसके बाद से ही इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा था कि कुछ नियमों में बदलाव हो सकता है. इस बीच जेएनयू छात्र संघ ने नयी नियमावली का विरोध किया है.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) परिसर से नशे में धुत कुछ व्यक्तियों द्वारा दो छात्राओं का अपहरण करने की कोशिश का मामला सामने आया है. घटना के एक दिन बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (JNUSU) के मेंबर्स ने आरोप लगाया कि नशे में धुत कुछ कार सवार लोग परिसर में घुस आए और उन्होंने दो छात्राओं का अपहरण करने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मनोज सी ने कहा, दो शिकायतें जेएनयू के स्टूडेंट्स से प्राप्त हुई हैं जिनमें से एक हमले को लेकर और दूसरी छेड़छाड़ और अपहरण की कोशिश से जुडी हुई है. मामले दर्ज कर लिए गए हैं. आगे बताते हुए उन्होंने कहा, दोनों मामलों में आरोपी और घटना में इस्तेमाल किया गया वाहन एक ही है. पुलिस इस मामले की जांच में लगातार जुटी हुई है.
एक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक व्यक्ति को पकड़ा है जिसकी पहचान अभिषेक के तौर पर हुई है. उन्होंने बताया कि वह यूनिवर्सिटी का छात्र नहीं है. जेएनयूएसयू ने कुलपति से भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की मांग करते हुए एक बयान में कहा, जेएनयू की कुलपति को भी इस घटना के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. परिसर में बार-बार हो रही सुरक्षा चूक पर कुलपति को जेएनयू के लोगों से बात करनी चाहिए. बयान के मुताबिक, जिन छात्राओं पर हमला किया गया उनमें से एक की मेडिकल जांच कराई गई और उसने शिकायत दर्ज कराई है.
चार आरोपी फरार
जानकारी के मुताबिक इन आरोपियों ने साफ तौर पर कैंपस में घूम रहे अन्य छात्रों को भी परेशान किया हैं. इस मामले एक आरोपी अभिषेक को हिरासत में ले लिया गया है जबकि, अन्य चार आरोपी फिलहाल फरार हैं. घटनास्थल के आधार पर पुलिस ने वसंत कुंज और किशनगढ़ थाने में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया है. पहले मामले में दो छात्राओं को जो कि रात का खाना खा कर टहलने निकली थी उनके साथ छेड़खानी की गयी और उनका अपहरण करने की भी कोशिश की गयी थी. घटना पर बात करते हुए पुलिस ने बताया कि यह घटना रात के 11 बजे से 11:30 के बीच घटी है और रात के करीबन 1 बजे पीसीआर कॉल आयी थी.
लड़कियों को कार के अंदर खींचने की कोशिश
पुलिस को इस घटना की जानकारी किसी तीसरे छात्र ने कॉल पर दी थी. कॉल पर छात्र ने बताया कि नशे में धुत कुछ लोग दो छात्राओं को अपने कार के अंदर खींचने की कोशिश कर रहे थे. कार की पहचान स्विफ्ट डिजायर के रूप में हुई है. दोनों ही पीड़ित लड़कियों ने अगली सुबह थाने में शिकायत दर्ज कराई. छात्रों ने दावा किया कि जिस समय यह घटना हुई उस समय कार में पांच युवक थे और वे सभी नशे में थे. जब उन युवकों ने उन्हें कार के अंदर घसीटने की कोशिश की तो वे चिल्लाने लगी. लड़कियों द्वारा चिल्लाये जाने पर युवक डर गए और वहां से भाग गए.
पीएचडी स्कॉलर के साथ मार-पीट
इसी रात एक और घटना घटी. यह दूसरी घटना कॉलेज कैंपस के उत्तरी गेट के बाहर घटी. पुलिस ने बताया कि उन्हें रात के 12:30 बजे पीसीआर पर एक कॉल आया, आगे बताते हुए अधिकारी ने कहा कि पुरुष कार का दरवाजा खोलकर अंदर बैठ आइस क्रीम खा रहे थे. उसी दौरान ये छात्र वहां से गुजर रहे थे. छात्रों ने युवकों से कार का दरवाजा बंद करने को कहा. इसके बाद दोनों की पक्षों के बीच बहस होनी शुरू हो गयी और कथित तौर पर युवकों द्वारा छात्रों को पीटा गया. छात्र को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया और युवाकों के खिलाफ किशनगढ़ पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 323 और आईपीसी की धारा 341 के तहत मामला डदर्ज किया गया.