स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने दूसरे दिन भी किया सीवान में दौरा
खाली पेट दवाओं का सेवन कराया गया तो बच्चों को हो सकती है परेशानी: संयुक्त सचिव
हाथीपांव के मरीज अनिवार्य रूप से करें एमएमडीपी किट का इस्तेमाल: डॉ एमआर रंजन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान जिले में चल रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की सतत और उच्च स्तरीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने अपने चार दिवसीय सिवान दौरे के दूसरे दिन जिले के हसनपुरा प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्र सहित कई अन्य गांवों का दौरा किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट, चाय के डॉ जयराम, बीडीओ, एमओआईसी, वीबीडीसीओ राजेश कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार, बीएचएम, बीसीएम सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
हाथीपांव के मरीज अनिवार्य रूप से करें एमएमडीपी किट का इस्तेमाल: डॉ एमआर रंजन
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने जिले के हसनपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट और टीबी मरीजों के बीच फूड बास्केट का वितरण किया। उन्होंने फाइलेरिया मरीजों को अनिवार्य रूप से किट का इस्तेमाल करने के लिए सलाह दिया, ताकि उनकी बीमारी को आसानी से कम किया जा सके। उसके बाद उन्होंने साहुली गांव में जीविका दीदियों के साथ बैठक कर एमडीए अभियान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर जानकारी लिया। वहीं जीविका दीदियों के द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की भी जानकारी ली।
खाली पेट दवाओं का सेवन कराया गया तो बच्चों को हो सकती है परेशानी: संयुक्त सचिव
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजीव मांझी ने हसनपुरा प्रखंड के अरंडा स्कूल का भी दौरा कर स्कूल में संचालित एमडीए बूथ का भी जायजा लेने के बाद स्कूल में दवा खिलाने वाली टीम सहित शिक्षकों और बच्चों को आवश्यक रूप से निर्देश दिया कि किसी भी हाल में खाली पेट दवाओं का सेवन नहीं कराना है। यदि खाली पेट दवाओं का सेवन कराया गया तो बच्चों को परेशानी हो सकती है। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि खाना खाने के बाद ही दवाओं का सेवन करना है। वहीं, कई मामलों में यह देखा जाता है कि खाना खाने के बावजूद भी लाभुकों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है कि जिन लोगों में फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उन्हें दवा सेवन के बाद बुखार, उल्टी, सिर दर और चक्कर आने की संभावना रहती हैं। जो अच्छे संकेत हैं। क्योंकि दवा खाने से फाइलेरिया के परजीवी मरते हैं और उसके कारण इस तरह की परेशानियां होती है। हालांकि फाइलेरिया बीमारी से ठीक होने के लिए नहीं, बल्कि यह बीमारी न हो इसके लिए दवा खाना जरूरी है।
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