राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम- जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक आयोजित
तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता जरूरी: सिविल सर्जन
तंबाकू मुक्त जिला बनाने को लेकर हो विशेष पहल: एनसीडीओ
श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी के अध्यक्षता में आयोजित की गई। कार्यशाला में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के संबंध में अध्यक्षता करते हुए डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम राज्य के सभी 38 जिलों में संचालित है। इस कार्यशाला के दौरान जिले में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने संबंधी विभिन्न मामलों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी।
इस अवसर पर जिला मूल्यांकन और अनुश्रवण पदाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, एनसीडी की फाइनेंस सह लॉजिस्टिक सलाहकार प्रियंका कुमारी, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, मनोवैज्ञानिक जिला स्वास्थ्य समिति के डेटा ऑपरेटर गौरव कुमार, एनसीडीओ के डेटा ऑपरेटर राजीव कुमार गर्ग सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता जरूरी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने में सामूहिक रूप से हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है। ताकि हम लोग समाज के सभी वर्गों को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक कर सके। खास कर आजकल के युवाओं में तंबाकू सेवन की बढ़ती लत को रोकने के लिए हमें विशेष रूप से कदम उठाने होंगे। आम लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित व जागरूक करने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान मामले में सख्ती के साथ निबटने के लिए टीम गठित कर कार्रवाई करने की बात कही गई है। साथ ही सार्वजनिक स्थलों सहित सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में तंबाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का भी दिशा निर्देश दिया गया है।
तंबाकू मुक्त जिला बनाने को लेकर हो विशेष पहल: एनसीडीओ
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि जिले को तंबाकू मुक्त जिला बनाने को लेकर विशेष रूप से मुहिम चलाने की आवश्यकता है। ताकि आने वाली पीढ़ियों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। उन्होंने जिले में त्रिस्तरीय छापामार दस्ता के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तंबाकू दुकान को हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन को ठोस कदम उठाने के लिए दिशा निर्देश दिया गया। तंबाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा- 2003 की विभिन्न धाराओं की विस्तृत जानकारी देते हुए तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करने को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई।
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