भ्रांतियों को तोड़ स्वास्थ्य विभाग ने 28 लोगों को कराया दवाओं का सेवन:
लोगों को फाइलेरिया के दुष्प्रभाव की जानकारी देने पर हुए जागरूक:
लोगों को फाइलेरिया से बचाने के लिए कराया जाता है दवाओं का सेवन: एमओआईसी
शरीर के प्रभावित अंगों में होने लगता है सूजन: साबिर मियां
श्रीनारद मीडिया, सीवान, (बिहार):
सीवान जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चलाया जा रहा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड अब अपने अंतिम चरण में है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सहयोगी संस्थान और भी सजग हो गया।
इस क्रम में जहां फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से कई लोग वंचित रह गए हैं, वहीं कई लोगों ने दवाओं का सेवन करने में साफ इन्कार कर दिया। ऐसे में लोगों को फाइलेरिया के दुष्प्रभाव से बचाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग तत्पर हो गया है। ताकि, दवाओं का लाभ पाने से वंचित लोगों को दवाओं का सेवन कराया जा सके।
इस क्रम में मंगलवार को सदर प्रखंड मुुख्यालय स्थित अमलोरी (दर्जी टोला) में विशेष जागरूकता अभियान चला जिसमें स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थान के साथ साथ नेटवर्क सदस्यों से दवाओं का सेवन करने से इन्कार करने वाले लोगों का जागरूक किया। जिसके बाद कुल 28 लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन किया और लगातार पांच साल तक दवाओं का ससेवन करने बात कही।
लोगों को फाइलेरिया से बचाने के लिए कराया जाता है दवाओं का सेवन: एमओआईसी
सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद निसार ने लोगों को समझाया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया के लिए नहीं है, बल्कि लोगों को फाइलेरिया से बचाने के लिए है। जिस प्रकार से बच्चों को पाेलियो से बचाने के लिए पोलियो की खुराक दी जाती है। वैसा ही फाइलेरिया से बचाने के लिए लोगों को साल में एक बार दवाओं का सेवन कराया जाता है। जिससे जिले को फाइलेरिया से मुक्त कराया जा सके। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। जो किसी भी उम्र में हो सकता है। जिसके लक्षण आठ से 10 सालों में दिखाई देते हैं। जब तक किसी को इस बीमारी की गंभीरता समझ में आती है, तब तक काफी देर हो जाता है। यह बीमारी इंसान को दिव्यांग बना सकती है। इसलिए लोगों को दवाओं का सेवन करना अनिवार्य है।
शरीर के प्रभावित अंगों में होने लगता है सूजन: साबिर मियां
जिआए ग्रुप से जुड़े नेटवर्क सदस्य साबिर मियां ने लोगों को समझाया कि यह बीमारी हाथ, पैर, स्तन और हाइड्रोसिल में होती है। जिसके कारण प्रभावित अंगों में सूजन होने लगता है। जिसका समय पर इलाज नहीं कराया गया तो यह मरीज के तंत्रिका तंत्र को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है। साथ ही हाइड्रोसिल के अलावा फाइलेरिया प्रभावित किसी भी अंग का ऑपरेशन नहीं हो सकता है। दवाओं का सेवन करना ही इस बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें, ताकि कोई भी उनकी तरह इस बीमारी की चपेट में नही आए। लगातार पांच साल तक साल में एक बार इन दवाओं का सेवन करने से हम सभी फाइलेरिया की चपेट में आने से बचेंगे। इस दौरान बीएचएम आलोक रंजन, बीसीएम अर्चना गिरि, बीईई शंभुनाथ गिरि, आशा फैसिलिटेटर मीना देवी, आशा रीना देवी, सुनीता देवी, सीएफएआर के जिला समन्वयक जमाल अख्तर भी मौजूद रहे।