संयुक्त राष्ट्र में भारत की बेटी अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान को आईना दिखाया,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हर बार मुंह की खाने के बावजूद बदहाल पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। इस बार पाकिस्तान ने तुर्किये के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया, लेकिन भारत की बहादुर बेटी ने आतंकवाद के खूब-खराबे की वजह से लाल ‘पाक’ को करारा जवाब दिया।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 55वें नियमित सत्र में ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए साफ कर दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। ऐसे में अब पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली अनुपमा सिंह की खूब वाहवाही हो रही है।
कौन हैं अनुपमा सिंह ?
- अनुपमा सिंह 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं।
- आईएफएस अधिकारी अनुपमा सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फाइनेंस में एमबीए किया है। इससे पहले उन्होंने मौलाना आज़ाद नेशनल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी से कम्प्यूटर साइंस और इजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री ली थी।
- मौजूदा समय में अनुपमा सिंह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव हैं। 2014 से वह भारतीय विदेश सेवा में राजनयिक हैं।
- इससे पहले अनुपमा सिंह केपीएमजी में दो साल तीन माह तक काम किया। जुलाई 2012 में उनकी नियुक्ति बतौर सलाहकार हुई थी। अक्टूबर 2013 से लेकर सितंबर 2014 तक उन्होंने वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएं दीं हैं।
क्या कुछ बोलीं अनुपमा सिंह?
IFS अनुपमा सिंह ने सबसे पहले तुर्किये द्वारा की गई टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया और यह स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा, हम उस देश पर ध्यान नहीं दे सकते जिसके हाथ दुनियाभर में प्रायोजित आतंकवाद के खून-खराबे की वजह से ‘लाल’ हैं। इसके अपने ही लोगों को शर्मिंदगी महसूस होती है कि उनकी सरकार उनके वास्तविक हितों को पूरा करने में विफल रही है।
भारत ने तुर्किए-पाकिस्तान को एक साथ लगाई लताड़
भारत ने कश्मीर के मामले में पाकिस्तान और तुर्किये को एक साथ संयुक्त राष्ट्र के मंच पर तगड़ी फटकार लगाई है। भारत ने कश्मीर पर तुर्किए और पाकिस्तान के हालिया बयानों का करारा जवाब दिया। भारत ने दोनों देशों को कहा कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और इसमें किसी भी देश को दखल नहीं करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें नियमित सत्र में पाकिस्तान के खिलाफ बोलते हुए भारत की प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने कहा, हमें कश्मीर मामले पर तुर्किये द्वारा की गई टिप्पणी पर खेद है। यह भारत का आंतरिक मामला है। हम उम्मीद करते हैं कि तुर्किये भविष्य में हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचेगा।”
काउंसिल के मंच का दुरुपयोग करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण
भारत पर पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों को लेकर हम ये कहना चाहेंगे कि एक बार फिर भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए काउंसिल के मंच का दुरुपयोग करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक विकास और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए संवैधानिक उपाय भारत के आंतरिक मासला है।”
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