बिहार भूमि निबंधन नियमावली की बारीकियों को जान लीजिए जमीन रजिस्ट्री का नया नियम
श्रीनारद मीडिया,प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)
बिहार भूमि निबंधन नियमावली: बिहार में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नया नियम लागू होने के बाद यही तय हुआ है कि अब जिनके नाम से जमाबंदी कायम रहेगी, वो ही जमीन की बिक्री कर सकते हैं. इस नई नियमावली की कई बारिकियां भी हैं जो आपके लिए जानना जरूरी है.
बिहार में जमीन विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने जमीन बेचने के तरीके में बदलाव किया है, लेकिन नया नियम आने के बाद रजिस्ट्री में गिरावट देखी जा रही है. नए नियम के मुताबिक दस्तावेज में जिन के नाम से जमाबंदी होगी उन्हें ही जमीन रजिस्ट्री करने का अधिकार होगा. इससे जमीन रजिस्ट्री के लिए राजस्व जमा करने वालों की संख्या में 50 प्रतिशत तक गिरावट देखने को मिल रही है. कुछ जिलों में तो यह गिरावट 90 प्रतिशत तक देखी जा रही है. हालांकि, यह फर्जीवाड़ा रोकने के लिए है और आम लोगों का इसमें फायदा है.
क्या है नया नियम और इससे फर्जीवाड़े पर कैसे लग रही रोक?-बिहार में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नया नियम लागू होने के बाद यही तय हुआ है कि अब जिनके नाम से जमाबंदी कायम रहेगी, वो ही जमीन की बिक्री कर सकते हैं. इसका सीधा-सीधा अर्थ यह है कि अंचल कार्यालय में जिस व्यक्ति का रजिस्टर टू में नाम दर्ज रहेगा वही जमीन की बिक्री कर सकेंगे. इसका उद्देश्य जमीन रजिस्ट्री में चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए है.
नया नियम बीते गुरुवार से लागू किया गया है. इसके तहत अब जिस जमीन की जमाबंदी जिनके नाम पर रहेगी केवल वे ही उस जमीन की बिक्री कर सकते हैं. सिविल कोर्ट के वकील हरेन्द्र सिंह ने बताया कि नए नियम लागू होने से अब उस जमीन की बिक्री दूसरे लोग नहीं करेंगे, ऐसे में भूमि से संबंधित विवाद में कमी आने की संभावना है. यही नहीं अब जमीन रजिस्ट्री के पहले उससे संबंधित सभी कागजात सही किए जाएंगे, जिससे आने वाले भविष्य के भूमि विवाद में कमी आने की उम्मीद है.
बता दें कि बिहार सरकार ने भूमि निबंधन नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं. इसके तहत अब जमीन रजिस्ट्री कराने से पहले जमाबंदी का नया नियम लागू हो गया है. इससे रजिस्ट्री में कमी आई है. लोगों को अपने दस्तावेजों को दुरुस्त करने जाना पड़ रहा है. अब पुश्तैनी जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए बंटवारा अनिवार्य हो गया है. जमीन बेचने के लिए जमाबंदी में नाम दर्ज कराना होगा, जिससे जमीन की बिक्री के मामलों में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी.
नए नियमों के अनुसार, जमीन खरीद बिक्री के लिए दाखिल खारिज का नंबर अनिवार्य होगा इससे जमीन से जुड़े दस्तावेजों में सही जानकारी होना सुनिश्चित होगा. इसके साथ ही जमीन के मालिकाना हक में किसी भी प्रकार से विवाद की संभावना कम होगी. खास बात यह है कि निबंधन विभाग ने ऑनलाइन सिस्टम में भी परिवर्तन किया है ताकि जमीन रजिस्ट्री के दौरान सभी आवश्यक जानकारी की जांच पड़ताल सही ढंग से की जा सके. यह प्रक्रिया न केवल समय की बचत करोगी बल्कि जमीन से जुड़े विवादों में कमी होगी.
रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या में कमी
बता दें कि नया नियम लागू होने के बात जमीन रजिस्ट्री करानेवालों की संख्या बेहद कम हो गई है. पटना और सीवान जिले में यह करीब पचास प्रतिशत रजिस्ट्री कम हो गए हैं. इसी प्रकार छपरा में जहां प्रतिदिन 50 से 60 रजिस्ट्री होती थी, लेकिन फिलहाल 20 से 25 ही हो पा रहे हैं. इसी प्रकार खगड़िया में जहां 40 से 45 रजिस्ट्री होती थी वहीं, यहां तीन या चार हो पा रही है. वहीं पूर्णिया में औसतन 100 रजिस्ट्री हुआ करती थी, लेकिन नए नियम के बाद यह संख्या 40 से 45 हो गई है।
यह भी पढ़े
आस पास की खबरें : मांझी विधाय ने नव निर्मित छठ घाट का किया उदघाटन
बिहार में पुलिस को मिलेगी खुली छूट, ‘जातिवाद’ फैलाने पर कड़ी सजा, बिहार सरकार लाने जा रही कड़े कानून
पत्रकार रामदर्शन का पार्थिव शरीर पंचतत्व में हुआ विलिन
सर्वजन दवा सेवन अभियान – छूटे हुए लाभुकों को फॉलो अप राउंड में खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवाएं