घर को बनाया हथियार बनाने का कारखाना, मिस्त्री को पिस्टल बनाने पर देता था 3 हजार, रायफल पर 5 हजार
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार के कैमूर -(भभुआ) पुलिस ने देसी पिस्टल बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए इस काम में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार किया. ये मिनी गन फैक्ट्री सोनहन थाना इलाके के अमाढ़ी गांव में चल रही थी और इसके लिए पटना से स्पेशलिस्ट कारीगर बुलाए गए थे. पुलिस ने मौके से हथियार बनाने के कई सामान के साथ 1 देसी पिस्टल और 27 खोखे बरामद किए.
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाईः कैमूर एसपी के मुताबिक “पुलिस को इस बात की खबर मिली थी कि सोनहन थाने के अमाढ़ी गांव में देसी पिस्टल बनाने का काम चल रहा है. खबर मिलने के बाद पुलिस की एक टीम गठित की गयी और गुरुवार की रात में ही केशोनाथ राम की मड़ई पर छापेमारी की गयी. जहां से एक पिस्टल, 27 खोखे और हथियार निर्माण में प्रयुक्त होनेवाली सामग्री जब्त की गयी.”
पटना जिले से बुलाया कारीगरः पुलिस ने बताया कि “केशोनाथ राम ने अपने तीन बेटों के साथ हथियार बनाकर बेचने की योजना बनाई और इसके लिए पटना जिले के कादिरगंज थाना इलाके के मनकी गांव के मुखलाल मिस्त्री को रखा. मुखलाल मिस्त्री को एक पिस्टल पर 3 हजार रुपये और एक देसी राइफल बनाने पर 5 हजार रुपये दिए जाते थे.
“10 दिन पहले शुरू किया अवैध कारोबारः पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि पिछले 10 दिनों से यहां अवैध हथियार बनाए जा रहे थे. इन 10 दिनों में कई हथियार बेचे भी जा चुके हैं. इसके साथ ही पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि पटना से लाए गये कारीगर का क्या इतिहास रहा है ताकि ये पता चल सके कि ये लोग कितने दिनों से अवैध हथियार के कारोबार से जुड़े हुए हैं.
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