भारत भूटान के लोगों के दिलों में बसता है-PM शेरिंग
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने रविवार को खराब मौसम और लोकसभा चुनाव से पहले अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद हिमालयी राष्ट्र का दौरा करने के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि राजकीय दौरे का वादा पूरा करना ‘मोदी की गारंटी’ है।
मेरे भाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारे देश की यात्रा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। उन्होंने हमसे मिलने का वादा किया था और न तो उनका बिजी शेड्यूल और न ही खराब मौसम इसे पूरा करने से रोक पाया। यह #ModiKaGuarantee ही तो है!
दो दिवसीय यात्रा के बाद भारत लौटे पीएम मोदी
पीएम मोदी भूटान की दो दिवसीय सार्थक यात्रा के बाद शनिवार को भारत रवाना हुए। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ ही प्रधानमंत्री टोबगे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मोदी को विदा करने आए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं महामहिम भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के दिल्ली के लिए प्रस्थान करते समय मुझे विदा करने के लिए हवाई अड्डे पर आने के विशेष भाव से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह भूटान की बहुत खास यात्रा रही। मुझे भूटान नरेश, प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे और भूटान के अन्य विशिष्ट लोगों से मुलाकात करने का अवसर मिला। हमारी बातचीत से भारत-भूटान मित्रता में और भी मजबूती आएगी। मैं ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित करने के लिए आभारी हूं।”
इससे पहले, पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है। उन्होंने कहा कि ‘‘भारत’’ भूटान के लोगों के दिलों में बसता है। उन्होंने कहा कि भूटान के लोगों द्वारा अपने सुंदर देश में उनका ‘‘यादगार स्वागत’’ करने के लिए वह आभारी हैं। साथ ही उन्होंने भारत-भूटान मित्रता के ‘‘नई ऊचांइयां छूते रहने” की उम्मीद जताई।
बता दें कि पीएम मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हिमालयी देश भूटान में पहुंचे थे। उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाना है। मोदी का पारो हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने उनकी अगवानी की।
पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थिम्पू तक के 45 किलोमीटर लंबे मार्ग को भारत और भूटान के झंडों से सजाया गया था और मार्ग के दोनों ओर खड़े भूटानी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में, पारंपरिक भारतीय पोशाक पहने भूटानी युवाओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री मोदी का देश में स्वागत करते हुए उनके द्वारा लिखे एक गरबा गीत पर नृत्य किया। मोदी ने उन्हें नृत्य करते हुए देखा और प्रस्तुति के अंत में उनकी सराहना की।
उल्लेखनीय है कि यह यात्रा 21 से 22 मार्च को होनी थी लेकिन भूटान में खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया था। भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे। भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है,जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था।
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