बक्सर से अश्विनी चौबे का टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को बनाया गया उम्मीदवार

बक्सर से अश्विनी चौबे का टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को बनाया गया उम्मीदवार

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भाजपा ने 58% उम्मीदवार सवर्ण समुदाय से उतारे

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में लगातार दो बार बक्सर संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीत रहे केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे इस बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में उतरने से पहले ही बाहर हो गए। भाजपा द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची से अश्विनी चौबे का नाम कट जाने पर पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार प्रारंभ हो गया है। उनके टिकट कटने के कारणों का लोग अपने तरीके से आकलन कर रहे हैं।

वहीं उनके उत्तराधिकारी मिथिलेश तिवारी के बारे में भी लोगों को जानने की उत्सुकता देखी जा रही है। 2015 के विधानसभा चुनाव में मिथिलेश तिवारी अपने गृह जिला गोपालगंज के बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। अभी वह भाजपा संगठन में प्रदेश महासचिव है। उनकी गिनती भाजपा के तेज तरह युवा नेता के रूप में होती रही है। पार्टी में सक्रिय रहने की चलते ही उन्हें प्रदेश संगठन में महामंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है।

वहीं भागलपुर से पांच बार विधायक रहने के बाद 2014 के आम चुनाव में भाजपा द्वारा अश्विनी चौबे को बक्सर से प्रत्याशी बनाया गया था। उस चुनाव में जीतने के बाद 2017 में उन्हें पहली बार केंद्र सरकार में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया। फिर 2019 के आम चुनाव में भी क्षेत्र से उन्होंने दूसरी बार लगातार सफलता पाई तथा बड़े अंतर से राजद प्रत्याशी जगतानंद सिंह को पराजित किया था। इस बार वे तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरकर हैट्रिक लगाने की पुरजोर तैयारी कर रहे थे। लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया है।

वैसे तो अश्विनी चौबे के टिकट कटने की चर्चा कई दिनों से क्षेत्र में चल रही थी। कई संभावित उम्मीदवारों को लेकर भी अटकलें बाजार में लग रही थी। लेकिन रविवार की शाम पार्टी द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में अश्विनी चौबे का नाम नहीं रहने से उसको लेकर चल रही चर्चाओं पर मोहर लग गई है। वहीं पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी के नाम के बाद संभावित प्रत्याशियों को लेकर चल रही चर्चाओं पर भी पूर्ण विराम लग गया है।

भाजपा ने 58% उम्मीदवार सवर्ण समुदाय से उतारे

भाजपा की ओर से जारी 17 लोकसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों में सवर्णोँ का बोलबाला है। पार्टी ने अपने कोर वोटर का पूरा ख्याल रखा है। 58 फीसदी सवर्ण समुदाय से उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें सबसे अधिक पांच राजपूत हैं। सूची के अनुसार कुल 17 उम्मीदवारों में 10 सवर्ण समुदाय से हैं। पिछली बार की तरह ही इस बार भी पांच राजपूत को उम्मीदवार बनाया गया है। इसमें पूर्वी चम्पारण से राधामोहन सिंह, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रिवाल, आरा से आरके सिंह, सारण से राजीव प्रताप रूडी और औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। ये पांचों अभी सांसद हैँ।

वहीं पिछली बार भूमिहार कोटे से एक मात्र गिरिराज सिंह ही उम्मीदवार थे। इस बार पार्टी के हिस्से में आई नवादा सीट से विवेक ठाकुर को भी लोकसभा के रण में उतारा गया है। ब्राह्मण कोटे से पिछली बार भी दो ही उम्मीदवार थे। इस बार भी बक्सर से अश्विनी कुमार चौबे के बदले मिथिलेश तिवारी तो दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर को मैदान में उतारा गया है। इकलौते कायस्थ उम्मीदवार पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद हैं।

पार्टी ने चार पिछड़ा, दो अतिपिछड़ा और एक दलित कोटे से उम्मीदवार बनाया  है। पश्चिम चम्पारण से डॉ संजय जायसवाल, मधुबनी से अशोक कुमार यादव, उजियारपुर से नित्यानंद राय और पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। राजद के वोट में सेंध लगाने के लिए चार पिछड़ों में से तीन यादव को पार्टी ने लोकसभा के रण में उतारा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल वैश्य समुदाय से हैं। दो अतिपिछड़ा कोटे से मुजफ्फरपुर से राजभूषण निषाद और अररिया से प्रदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। एकमात्र दलित नेता सासाराम से शिवेश राम को उम्मीदवार बनाया गया है। शिवेश पूर्व मंत्री मुनिलाल के बेटे हैं।

पार्टी ने बक्सर से केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बदले पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। मुजफ्फरपुर से अजय निषाद के बदले राजभूषण निषाद को उम्मीदवार बनाया गया है। सासाराम से छेदी पासवान के बदले शिवेश राम तो नवादा से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि उम्मीदवारों में किसी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। मौजूदा सांसदों में शिवहर से रमा देवी पार्टी की इकलौता महिला सांसद थीं। शिवहर सीट जदयू के कोटे में जाने के कारण रमा देवी पहले ही बेटिकट हो चुकी हैं।

पश्चिम चंपारण – संजय जायसवाल
पूर्वी चंपारण- राधा मोहन सिंह
अररिया- प्रदीप कुमार सिंह
औरंगाबाद- सुशील कुमार सिंह
मधुबनी- अशोक कुमार यादव
दरभंगा – गोपाल जी ठाकुर
मुजफ्फरपुर – राज भूषण निषाद
महाराजगंज – जनार्दन सिंह सिग्रिवाल
सारण – राजीव प्रताप रूडी
उजियारपुर – नित्यानंद राय
बेगूसराय – गिरिराज सिंह
नवादा – विवेक ठाकुर
पटना साहिब – रविशंकर प्रसाद
पाटलिपुत्र – रामकृपाल यादव
आरा- राजकुमार सिंह
बक्सर – मिथिलेश तिवारी
सासाराम – शिवेश राम

 

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