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यज्ञ की अग्नि के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि है अरणी मंथन - श्रीनारद मीडिया

यज्ञ की अग्नि के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि है अरणी मंथन

यज्ञ की अग्नि के लिए सर्वश्रेष्ठ विधि है अरणी मंथन

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श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के जीरादेई  प्रखंड के शिवब्रह्म स्थान भैंसाखाल में चल रहे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के तीसरे दिन श्री श्री 1008 श्री श्यामसुंदर जी महाराज के सानिध्य में सोमवार को यज्ञाचार्य श्री लक्ष्मी निधि मिश्रा के नेतृत्व में वैदिक अनुष्ठान की कठिन प्रक्रिया व कई महापंडितों व विद्वानों के मंत्रोच्चारण द्वारा यज्ञशाला में अरणी मंथन से अग्नि प्रज्ज्वलित होते ही समूचा क्षेत्र व मंडप जय मां लक्ष्मी, जय भगवान विष्णु, जय प्रभु शिवब्रह्म जैसे जयकारों से गूंज उठा । काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञशाला की परिक्रमा की । प्रतिदिन सुबह में पूजा अर्चना व परिक्रमा कार्यक्रम , दिन में रामलीला , शाम में प्रवचन व रात में रासलीला का मंचन किया जा रहा है ।

कलयुग में पाप संहारक है श्रीमद्भागवत कथा श्रवण –

संध्या समय प्रवचन के दौरान कथावाचिका मधुश्री उपाध्याय ने श्रीमद्भागवत महिमा का वर्णन कर श्रद्धालु भक्तों को ज्ञान की बहती गंगा से रसास्वादन करवाया । कथा का प्रारंभ शौनक ऋषि द्वारा सूतजी से पूछे गए छह प्रश्नों से शुरू हुआ । उन्हीं 6 प्रश्नों के विस्तार को कथावाचिका ने भागवत कथा बताया । कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है । जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होने पर ही श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है । जीवन में पाप हमारा मन कथा श्रवण में नहीं लगने देता बल्कि बुरे कर्मों में संलिप्त कर कुकर्म करने पर विवश कर देता है । अत : कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण सबसे बड़ा पाप संहारक ब्रह्मास्त्र है । भागवत कथा सुनने मात्र से व्यक्ति कलयुग में लौकिक व आध्यात्मिक विकास के साथ भवसागर को पार कर जाता है । यह कथा कल्पवृक्ष की भांति मनुष्य की सभी इच्छाओं की पूर्ति करती है ।

यज्ञ को सफल बनाने में इनकी भूमिका है सराहनीय –

अनुष्ठान को सफल बनाने में यज्ञ समिति के सक्रिय सदस्य अनिल कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह, हरिनारायण चौबे, विपीन उपाध्याय, उपेन्द्र कुमार उपाध्याय, देवेन्द्र कुमार उपाध्याय, बृजकिशोर मिश्र, सर्वेश्वर मिश्र, रवि तिवारी, विनय सिंह, संजीव सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह, हरेराम उपाध्याय, मिंटू चौबे, राम मनोहर सिंह, कमलेश्वर सिंह, फूलदेव सिंह, ओंकारनाथ मिश्रा, सरपंच श्यामसुंदर ठाकुर, जयकिशोर ठाकुर, राजकिशोर ठाकुर समेत हजारों श्रद्धालु भक्तगण की भूमिका अग्रणी है।

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