CAA, UAPA, PMLA करेंगे रद्द, अमीरों से वसूलेंगे टैक्स-CPM
विश्व की कई राजनीतिक पार्टियां भारत में चुनाव देखने आयेगी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पार्टी ने अपने चुनाव वादों की पोटली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) जैसे सभी ‘‘कठोर’’ कानूनों को निरस्त करने का वादा किया है।
इसके साथ ही CPM ने मतदाताओं से भाजपा को हराने, वामपंथ को मजबूत करने और केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन सुनिश्चित करने की अपील की है। अपने घोषणापत्र में पार्टी ने इस सिद्धांत के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ने का वादा किया है कि धर्म राजनीति से अलग है।
सीपीएम के घोषणा पत्र में कहा गया है, “माकपा यूएपीए ओर पीएमएलए जैसे सभी कठोर कानूनों को खत्म करने के लिए अडिग है।’’ पार्टी ने कहा कि वह ‘‘घृणास्पद भाषण और अपराधों के खिलाफ एक कानून के लिए लड़ाई लड़ेगी, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
सीपीएम ने देश के सबसे अमीर वर्ग पर कर लगाने और सामान्य संपत्ति कर और विरासत कर पर एक कानून लाने का वादा किया है। इसके अलावा वामपंथी पार्टी ने कहा कि मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन दोगुना किया जाना चाहिए और शहरी रोजगार की गारंटी देने वाला एक नया कानून बनाया जाएगा। पार्टी ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण लागू करने, चुनावों के लिए सरकारी फंड का आवंटन करने का प्रावधान और जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा तत्काल बहाल करने का ऐलान किया है।
घोषणापत्र जारी करने के मौके पर बोलते हुए, पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को मतदाताओं से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों को हराने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोकसभा में सीपीएम और वाम दलों की ताकत बढ़ाने की अपील की। बता दें कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे। इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी।
विश्व की कई राजनीतिक पार्टियां भारत में चुनाव देखने आयेगी
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां हर 5 साल में शांतिपूर्वक ढंग से चुनाव होता है और सत्ताधारी दल की परायज पर आसानी से सत्ता हस्तांतरण होता रहा है। इतनी आसान और शांतिपूर्ण प्रक्रिया के तहत नेतृत्व परिवर्तन होना दुनिया के कई देशों के लिए हैरानी और सीख वाली बात रही है। यही वजह है कि भाजपा ने दुनिया के कई देशों से 15 दलों को चुनाव देखने के लिए आमंत्रित किया है। यह पहला मौका होगा, जब भारत से बाहर का कोई राजनीतिक दल देश में इलेक्शन देखने आएगा। इससे पहले भाजपा ने हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में विदेशी डिप्लोमैट्स को न्योता दिया था और चुनाव दर्शन पर भेजा था।
इस बार भाजपा ने दूसरे देशों के 15 दलों को बुलाया है। इन विदेशी पार्टियों के लोग 7 मई को तीसरे और 13 मई को चौथे चरण में चुनाव देखेंगी। इस दौरान विदेशी दलों के प्रतिनिधि चुनाव में उतरे कैंडिडेट्स से मुलाकात करेंगे, देश के अलग-अलग हिस्सों में जाएंगे और रैलियों एवं पार्टी की मीटिंग्स में हिस्सा लेंगे। भाजपा सूत्रों के अनुसार यह प्रयास इसलिए किया गया है ताकि हम दुनिया को दिखा सकें कि भारत में डेमोक्रेसी कितनी वाइब्रेंट है। भाजपा सूत्रों ने कहा कि दुनिया देखना चाहती है कि इतने बड़े और अधिक आबादी वाले देश में कैसे चुनाव होते हैं। इसके अलावा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा कैसे काम करती है। इसलिए हमने विदेशी प्रतिनिधियों को बुलाया है ताकि वे भारत में लोकतंत्र के दर्शन कर सकें।
भाजपा की विदेश विंग के प्रभारी विजय चौथाईवाले कहते हैं कि अब तक दुनिया के 15 देशों ने आने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भारत वाइब्रेंट डेमोक्रेसी है और हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। इसके अलावा भाजपा सत्ता में है तो दूसरे देशों के राजनीतिक दल उसके कामकाज के बारे में भी जानना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इन लोगों को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय भी ले जाया जाएगा। यहां उन्हें भारत में डेमोक्रेसी के बारे में बताया जाएगा। फिर उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में ले जाया जाएगा ताकि उन्हें जमीन पर उतरकर चुनाव देखने को मौका मिले। यही नहीं भाजपा की ओर से विदेशों में रहने वाले भारतीयों को भी चुनाव में वॉलंटियर के तौर पर काम करने के लिए बुलाया है।
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