टीएमसी के सांसदों ने ED, CBI को लेकर चुनाव आयोग के बाहर दिया धरना
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर शिकायत करने पहुंचे टीएमसी के कम से कम 10 सांसद चुनाव आयोग के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल हैं। इसके थोड़ी ही देर के बाद दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची और सांसदों को हिरासत में ले लिया। जानकारी के मुताबिक टीएमसी सांसदों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के चीफ को पद से हटा दिया जाए। उन्होंने कहा था कि सीबीआई, ईडी और एनआईए का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए उनके चीफ पर कार्रवाई की जाए।
टीएमसी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा। टीएमसी नेता डोला सेन ने कहा कि भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरुपयोग कर रही है और विपक्षी नेताओं को झूठे केस में फंसा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इन जांच एजेंसियों के चीफ को हटा देना चाहिए जिससे कि चुनाव में हर दल को समान मौका मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी तरह से चुनाव से पहले ही हमारे नेताओं को गिरफ्तार करवा लेना चाहती है।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, हम शाम साढ़े 4 बजे के करीब चुनाव आयोग गए थे। जब हम शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे थे तो पुलिस पहुंची और कहा गया कि हमें मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया जा रहा है। लेकिन वे हमें डेढ़ घंटे तक यूं ही घुमाते रहे और फिर थाने पहुंचे।
टीएमसी सांसदों की यह भी मांग है कि राज्य की सरकार को जलपाइगुड़ी में तूफान पीड़ितों की मदद के लिए अनुमति दी जाए जिससे कि उनके टूटे घरों का निर्माण करवाया जा सके। बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ रामलीला मैदान में हुए विरोध प्रदर्शन में भी टीएमसी ने हिस्सा लिया था। हालांकि टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
पश्चिम बंगाल में एनआईए की टीम पर हुए हमले को लेकर भी सियासत गर्म है। रविवार को भूपतिनगर इलाके मे एनआईए की टीम 2022 में हुए विस्फोट माले में जांच के लिए टीएमसी नेता के ठिकाने पर पहुंची थी। यहां स्थानीय लोगों ने पत्थऱबाजी कर दी। इसके बाद टीम के वाहनों को नुकसान पहुंचा और एनआईए का एक अधिकारी भी घायल हो गया। इसके बाद एनआईए ने शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टीएमसी को घेर चुके हैं। वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि इस तरह से रात में टीम का दबिश देना ही गलत था।
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