मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के ब्रेथलाइजर परीक्षण की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया

मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के ब्रेथलाइजर परीक्षण की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं को वोट डालने की अनुमति देने से पहले उनका, रक्त में शराब (अल्कोहल) की मात्रा मापने वाला ‘ब्रेथलाइजर परीक्षण’ किए जाने की मांग कर रही याचिका बुधवार को खारिज कर दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका खारिज करने के आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया और कहा कि यह प्रचार हित की याचिका अधिक है।

हम इस पर विचार नहीं करेंगे और याचिका खारिज की जाती है

जनवाहिनी पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई की ओर से पेश वकील ने कहा कि चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए किसी भी मतदाता को शराब के नशे में मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पीठ ने कहा, ‘यह क्या है? यह प्रचार के लिए है। मतदान के दिन मद्य निषेध दिवस (ड्राई डे) होता है और हर जगह पुलिसकर्मी तैनात होते हैं। हम इस पर विचार नहीं करेंगे और याचिका खारिज की जाती है।’ जनवाहिनी पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई ने शुरू में हाई कोर्ट का रुख किया, जिसने 28 फरवरी को याचिका खारिज कर दी थी।

ब्रेथलाइजर परीक्षण क्या है?

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता किसी भी ऐसे विशिष्ट कानूनी प्रविधान पर अपना ध्यान आकर्षित करने में विफल रहा है जो भारत के चुनाव आयोग के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य बना दे कि मतदान की अनुमति मिलने के बाद मतदान केंद्र में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रक्त में अल्कोहल की मात्रा मापने वाला ‘ब्रेथलाइजर परीक्षण’ हो।

जनवाहिनी पार्टी ने छह जनवरी के अपने प्रतिवेदन पर चुनाव आयोग की कथित निष्कि्रयता को चुनौती दी। प्रतिवेदन में प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं के प्रवेश ¨बदु पर एक ‘ब्रेथलाइजर’ परीक्षण की व्यवस्था करने और केवल उन्हीं मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देने की मांग की गई है, जो शराब के नशे में ना हों।

Leave a Reply

error: Content is protected !!