रामकथा मनुष्य को सिखाती है मर्यादापूर्ण जीवन जीने की कला: अनूप जी महाराज

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श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):


रामचरित मानस महाकाव्य धर्म, नैतिकता, और जीवन के सार्थकता को समझाता है। इसके पात्रों के चरित्र प्रेरणादायक हैं। राम-सीता की कथा से हमें प्रेम, समर्पण और साझेदारी की महत्ता सीखने को मिलती है। ये बातें सीवान जिला के बड़हरिया के ऐतिहासिक यमुनागढ़ में आयोजित श्रीरुद्र महायज्ञ के दौरान अपने प्रवचन में अंतरराष्ट्रीय कथावाचक अनूप जी महाराज ने कहीं।

उन्होंने रामचरित मानस केवल एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं है, बल्कि यह मनुष्य को मर्यादित जीवन की सीख देती है। यदि व्यक्ति रामचरित मानस को पूजने के साथ उससे मिलने वाली सीख को अपने जीवन में अनुसरण करें तो वह एक सफल जीवन व्यतीत कर सकता है। रामचरित मानस की कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण बातें हैं जिनमें जीवन का सार छिपा है। इसके पात्र के चरित्र से सीख मिलती है कि व्यक्ति को हर परिस्थिति में संयम बरतना चाहिए।

जो व्यक्ति सुख एवं दुख में संयम और धैर्य बनाए रखता है। वह विषम परिस्थितियों से लड़कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि सभी युगों में सत्य यानी देवत्व की लड़ाई राक्षस प्रवृत्ति के होती रही है। कभी हिरण्यकशिपु, कभी रावण और कभी कंस के रुप में राक्षस प्रवृति में आते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानव में देव और दानव दोनों रहते हैं।

लेकिन हमें देवत्व को मुखरित करना है।इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवधबिहारी चौधरी, डॉ अशरफ अली, मठाधीश रजनीश्वर दास, डॉ अनिल गिरि, प्रो महमूद हसन अंसारी, सरपंच झगरु यादव, मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना यादव, पैक्स अध्यक्ष बलिराम यादव आदि कथावाचक अनूप जी महाराज को फूलमाला और अंगवस्त्र से सम्मानित किया।

वहीं महायज्ञ समिति के अध्यक्ष सह मुखिया प्रतिनिधि बाल्मीकि कुमार अश्विनी, पूर्व मुखिया वीरेंद्र साह, पैक्स अध्यक्ष विद्याभूषण वर्मा,भारद्वाज कुशवाहा, बाबूलाल प्रसाद, मनोज कुशवाहा, रमेश वर्मा, मनोज सर,डॉ वेदप्रकाश, प्रदीप यादव आदि ने अतिथियों को फूल मालाओं और अंगवस्त्रों से सम्मानित किया। मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवधबिहारी चौधरी ने यज्ञ को शांति और सामाजिक सौहार्द को आवश्यक बताते हुए कहा कि रामकथा से मन को शांति मिलती है। मनोविकार दूर होता है।

मौके पर व्यापार मंडल अध्यक्ष संतोष मिश्र, सुजीत कुशवाहा उर्फ गांधी जी, तारकेश्वर शर्मा, लालसाहेब शर्मा, उमाशंकर साह, सुशील कुमार, विनोद कुमार, भीमा कुमार सहित बड़ी संख्या में सुधी श्रोता उपस्थित थे।

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