चैत्र पूर्णिमा हनुमान जंयती के रुप में भी मनाया जाता है।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां पड़ती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जंयती के रुप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वहीं इस दिन हनुमान जी की भी आराधना की जाती है।
पांचांग के अनुसार, चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 23 अप्रैल, दिन मंगलावर को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगा। वहीं इसका समापन 24 अप्रैल, दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र माह की पूर्णिमा 23 अप्रैल, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
इस दिन देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा होती है। इसी पावन दिन त्रेता युग में हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी दिन हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। इस दिन बड़े ही धूम-धाम से हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है। हनुमान जी का जन्मोत्सव होने से इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरु होगा और इसका समापन दोपहर 12 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना बेहतर रहेगा। साथ ही स्नान-दान के लिए मुहूर्त सुबह 4 बजकर 52 मिनट से सुबह 4 बजकर 52 मिनट से सुबह 6 बजकर 5 मिनट है। वहीं, चंद्रमा का उदय इस दिन शाम को 6 बजकर 25 मिनट पर होगा। चंद्रमा की पूजा का समय चैत्र पूर्णिमा के दिन शाम 6 बजकर 52 मिनट है।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
23 अप्रैल 2024 को चैत्र पूर्णिमा है, इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजी करते है घर में धन-वैभव आता है। घर में सुख और समृद्धि का प्रवेश होता है। वहीं, इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
- चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।
- इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।
- इस पावन दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन दान का महत्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन दान का दोगुना फल मिलता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद उत्तम माना गया है।
पूर्णिमा के दिन क्यों होती है चंद्रमा की पूजा- चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विधान है। रात के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा की शुभता में वृद्धि होती है।
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