अब सीवान की सड़कों पर स्नैचर्स का कब्जा, सो रही पुलिस!
चैन और मोबाइल छीनने की हो रही प्रतिदिन घटनाएं
बाइक सवार अपराधी बने बड़ी चुनौती
सीवान पुलिस फिलहाल नींद में
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के सीवान में इन दिनों शादी विवाह और अन्य पारिवारिक मांगलिक आयोजन का दौर चल रहा है। लोग उत्साह और उमंग के साथ पारिवारिक मांगलिक आयोजनों में धूम धाम से शरीक हो रहे हैं। परंतु सीवान की सड़कें अब डरावनी लग रही है। पता नहीं कब किस ओर से बाइकर्स आयेंगे और सोने की चैन और मोबाइल खींच कर रफ्फूचक्कर हो जायेंगे कहा नहीं जा सकता।
साथ ही, कब सड़क पर लगी मोटरसाइकिल भी गायब हो जायेगी, यह भी कहा नहीं जा सकता। लोग पुलिस की कार्यशैली से वाकिफ हैं इसलिए शिकायत भी दर्ज नहीं कराते और सीवान पुलिस भी अपने ही अंदाज में हमेशा की तरह सोई और सुस्त सी दिख रही है। नतीजन असामाजिक तत्वों की हरकतें इतनी बढ़ गई है कि सिवान की सड़कें अब डरावनी बनती जा रही है। सीवान की सड़कों पर स्नैचर्स का कब्जा हो गया है!
विगत दिनों बाबुनिया रोड के पास स्थित तुलसी वाटिका के पास से शादी समारोह से घर जा रही थी एक पत्रकार की बुजुर्ग माता जी । सड़क पर बाइक सवार कुछ लफंगे आए और उनकी सोने की चैन खींचने की कोशिश की। तब तक महिला की जांबाज शिक्षिका बहू ने देख लिया और बाइकर्स को पकड़ने की कोशिश किया। आसपास लोग इकट्ठा होने लगे और फिर जैसे तैसे बाइकर्स भाग निकले और अनहोनी होने से बच गई।
इस तरह की घटनाएं आम हो चली है। चाहे श्रीनगर का अयोध्यापुरी मोड़ हो या गोपालगंज मोड़ के पास दाहा नदी पुल, चिकटोली मोड़ हो या महादेवा, शिश्वन ढाला हो या आनंद नगर कई जगह इस तरह की घटनाएं सरेआम हो रही हैं। बाइकर्स स्नैचर्स ने सिवान की सड़कों पर कोहराम मचा रखा है। साथ ही घर के सामने से दुकान के सामने से सार्वजनिक स्थलों पर से प्रतिदिन बाइक गायब हो रही है। लेकिन पुलिस की तरफ से कोई सख्त करवाई नहीं हो रही है और पुलिस के आलाधिकारी चैन से बैठे हुए है जबकि सीवान की जनता बेचैन है, परेशान है। दहशत में है।
आज के दौर में बाइकर्स सीवान जिले के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। चौक चौराहों से चैन या मोबाइल खींचकर रफ्फू चक्कर हो जा रहे हैं। आवश्यकता है कि नियमित तौर पर बाइक की जांच हो, चौक चौराहों पर पुलिस सख्त नजर रखे और मुख्य चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। धार्मिक जुलूसों के समय चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते रहे हैं।
इन कैमरों को स्थाई कर पुलिस मुख्यालय से जोड़ने की दरकार है। पुलिस सड़कों पर संजीदगी से गश्त लगाए और आने जानेवाले बाइकर्स को रोक कर पूछ ताछ करें तो स्थिति बेहतर हो सकती है। पुलिस के आलाधिकारियों को भी इस मसले पर संजीदगी दिखानी चाहिए और अपने मातहतों को सक्रिय और सजग बनाना चाहिए।
सीवान की सड़कों पर डर का साया एक चुनौती है लेकिन पुलिस इन हरकतों पर अंकुश लगा सकती है। लेकिन देखना होगा कि पुलिस के आलाधिकारी कब नींद से जागते हैं और उनके मातहत पुलिसकर्मी कब सक्रियता दिखाते है?
आभार- डॉ. गणेश दत्त पाठक
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