Breaking

संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से गूंजेगी भारत में महिला सशक्तीकरण की कहानी

संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से गूंजेगी भारत में महिला सशक्तीकरण की कहानी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेन्ट्रल डेस्क

स्थानीय प्रशासन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और महिला सशक्तीकरण की ओर बढ़ते बढ़ते भारत के मजबूत कदमों की गूंज संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर सुनाई देगी। सरकार के प्रयासों की सफलता के प्रतीक के रूप में राजस्थान, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश से दो महिला सरपंच और एक जिला परिषद अध्यक्ष तीन मई को न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय में आयोजित सम्मेलन में अपने अनुभवों के साथ इस बदलाव की कहानी सुनाएंगी।

भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल में इन तीनों महिला जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। सतत विकास के लक्ष्य पर भारत स्थायी मिशन के रूप में काम कर रहा है और इनका स्थानीयकरण करते हुए 17 लक्ष्यों को नौ थीम में विभाजित किया है, जिनमें से एक महिला अनुकूल पंचायत (वुमन फ्रेंडली पंचायत) भी है।

महिलाओं के हितों की रक्षा और स्थानीय प्रशासन में उनकी भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से ही 29 अप्रैल से तीन मई तक न्यूयार्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र संघ के कमीशन ऑन पॉपुलेशन डेवलपमेंट (सीपीडी-57)- 2024 में तीन मई को भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय के सहयोग से “एसडीजी का स्थानीयकरण : भारत में स्थानीय प्रशासन में महिलाओं की अग्रणी भूमिका” का भी विशेष सत्र रखा गया है।

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पंचायतीराज सचिव विवेक भारद्वाज के नेतृत्व में जा रहे इस दल में भारत की तीन महिला जनप्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इनमें त्रिपुरा के सेपाहिजाला जिला पंचायत की अध्यक्ष सुपिरया दास दत्ता, राजस्थान के झुंझुनू स्थित लंबी अहीर ग्राम पंचायत की सरपंच नीरू यादव और आंध्र प्रदेश की पेकेरू ग्राम पंचायत की सरपंच हेमा कुमारी कुनुकू को शामिल किया गया है। यह तीनों महिला जनप्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से बताएंगी कि उन्होंने महिलाओं के हितों की रक्षा, उनकी स्थानीय प्रशासन में सक्रियता आदि के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं और उनके परिणाम क्या रहे।

इसलिए चयनित हुईं यह महिला

जनप्रतिनिधि सुप्रिया दास दत्ता- जनहित से जुड़े निर्णयों में महिलाओं की सक्रयिता के लिए मजबूत पैरवी की। पहल करते हुए अपने जिले में एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया, जिसके माध्यम से गांवों के विकास से जुड़े गंभीर विषयों पर सबसे पहले संबंधित महिलाएं विचार-विमर्श करती हैं और अपने सुझाव देती हैं। उसके बाद उस दिशा में पंचायत के अधिकारी काम करते हैं।

दत्ता ने अपने जिले में शिशु सुरक्षा सुविधाओं का भी बेहतर विकास किया है। नीरू यादव- बालिकाओं के स्कूल ड्रापआउट को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए, जिसमें सफलता मिलने के कारण ही नीरू को राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

बालिकाओं को खेलों और खास तौर पर राष्ट्रीय खेल हॉकी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए काफी काम किया है। गणित में परास्नातक नीरू को राज्य में “हॉकी वाली सरपंच” के नाम से भी पहचाना जाता है। उनकी उपलब्धियों में पौधरोपण को बढ़ावा देना भी है।

हेमा कुमारी कुनुकू – इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ई-कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करने वालीं हेमा ने अपने क्षेत्र में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रति जागरुकता पर विशेष काम किया है। जन सुविधाओं को धरातल और खास तौर पर गरीब-वंचित वर्ग तक पहुंचाने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। महिलाओं-बालिकाओं के स्वास्थ्य संबंधी अभियानों पर विशेष जोर देने के साथ ही वह अपनी ग्राम पंचायत में लगातार स्वास्थ्य शिविर आयोजित कराती हैं।

पंचायतीराज सचिव दिखाएंगे बदलाव की तस्वीर

भारत सरकार की ओर से इस दल का नेतृत्व पंचायतीराज सचिव विवेक भारद्वाज करेंगे। सत्र में उनका भी संबोधन होगा, जिसके माध्यम से वह महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार की रणनीति, प्रयास और सफलता का ब्योरा रखेंगे। वह बताएंगे कि भारत में पंचायतीराज संस्थाओं और स्थानीय निकायों के कुल निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में 46 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की है।

साथ ही हाल ही में केंद्र सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को संसद में पारित कराया है, जो कि संसद और राज्य विधानसभाओं में महिला सदस्यों की एक तिहाई भागीदारी को सुनिश्चित करेगा।

Leave a Reply

error: Content is protected !!