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क्या ममता दीदी डरा-धमकाकर चुनाव जीतेंगी? - श्रीनारद मीडिया

क्या ममता दीदी डरा-धमकाकर चुनाव जीतेंगी?

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मछली पालन के नाम पर संदेशखाली में चल रहा था आतंक का खेल

श्रीनारद मीडिया सेन्ट्रल डेस्क

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने संदेशखाली में सीबीआई द्वारा हथियार और गोला-बारूद जब्त किए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उनसे रविवार को सवाल किया कि क्या वह लोगों को डराकर लोकसभा चुनाव जीतना चाहती हैं? नड्डा ने दावा किया कि भाजपा बंगाल की 42 लोकसभा सीट में से 35 से अधिक सीट पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने संदेशखाली की उन महिलाओं के प्रति पार्टी की एकजुटता व्यक्त की जिनका तृणमूल कांग्रेस के नेता रहे शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों ने कथित यौन उत्पीड़न किया था।

हथियार बरामदगी पर ममता 
वहीं, बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि सीबीआई की टीम ने राज्य पुलिस को सूचित किए बिना संदेशखालि में छापेमारी की और हथियार बरामदगी का ‘‘कोई सबूत नहीं’’ है। उन्होंने छापेमारी की कार्रवाई पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि बरामद वस्तुएं ‘‘केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा लाई गई होंगी।’’

मछली पालन के नाम पर संदेशखाली में चल रहा था आतंक का खेल

पश्चिम बंगाल को नदी मातृका का प्रदेश कहा जाता है. पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में नदी और तालाब बड़ी संख्या में हैं और इन नदियों और तालाबों में मछली पालन का कारोबार होता है. पश्चिम बंगाल में जिन तालाबों में मछली पालन का कारोबार होता है, उसे भेड़ीज (फिश फॉर्म) कहा जाता है. प्रायः जिस राजनीतिक पार्टी या नेता का इलाके में दबदबा होता है. भेड़ीज पर उसका कब्जा होता है और वह भेड़ीज से लाखों-करोड़ों का कोराबार करता है. बंगाल के अन्य इलाकों की तरह उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में स्थित संदेशखाली का इलाका इससे अलग नहीं है.

संदेशखाली में टीएमसी के पूर्व नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों का बोलबाला है. उसकी सह पर उसके समर्थकों का भेड़ीज पर कब्जा है, लेकिन शाहजहां शेख और उसके रिश्तेदार अबू तालेब मोल्ला ने इन भेड़ीज का इस्तेमाल केवल कोराबार के लिए नहीं किया, बल्कि बम और बारूद छिपाने के लिए भी किया. सीबीआई को आशंका है कि वे चुनाव के दौरान हथियारों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे थे, लेकिन सीबीआई और एनएसजी के अभियान में बम-बारूद के जखीरे का भंडाफोड़ हो गया.

बता दें कि जमीन कब्जा करना लंबे समय से बंगाल की राजनीति का हिस्सा रहा है और टीएमसी के पूर्व नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों ने बड़े पैमाने पर कृषि भूमि पर कब्जा किया था. उन्हें मछली पकड़ने के तालाबों में बदल दिया था और कई तालाबों को सूखाकर उन्हें भूमि में बदल दिया था. उन्होंने जमीन हथियाने के अभियानों में सहायता के लिए युवा किशोरों को बंदूकों से लैस किया था. इस काम में उनके सहयोगी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार, जिन्हें ‘दादा’ के नाम से जाना जाता है. उनकी मदद करते थे.

वे स्थानीय लोगों की जमीन हड़पने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाते थे और जो जमीन देने के लिए तैयार नहीं होता था. उनकी महिलाओं पर अत्याचार करते थे. हालांकि बाद में महिलाओं ने उनके खिलाफ आवाज उठाईं और ये नेता फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे हैं. अब सीबीआई और एनएसजी के अभियान में यह खुलासा हुआ है कि इन तालाबों और जमीन का इस्तेमाल हथियार छिपाने के लिए किया जाता था.

CBI-NSG ने बरामद किया हथियारों का जखीरा

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शुक्रवार को सीबीआई के अधिकारी संदेशखाली पहुंचे थे. उन्हें गुप्त सूत्रों से पता चला था कि तृणमूल नेता के रिश्तेदार अबू तालेब मोल्ला के घर के फर्श के नीचे बड़ी संख्या में फायर आर्म्स छिपाये गये हैं. इसके बाद एनएसजी की टीम वहां पहुंची. उनके साथ रोबॉट-स्निफर डॉग्स और मेटल डिटेक्टर लाए गए. रोबॉट-स्निफर डॉग्स और मेटल डिटेक्टर की मदद से सीबीआई और एनएसजी के कमांडो ने संदेशखाली से सात छोटे हथियार बरामद किये.

7 में से 4 विदेशी आग्नेयास्त्र हैं, बाकी देशी पिस्तौल हैं. 228 राउंड कारतूस बरामद किये गये. बरामद सभी बम स्वदेशी हैं. साथ में कई पहचान पत्र, सोने के आभूषण के बैग और बिल भी मिले हैं. बताया गया है कि अधिकारियों को इस बिल से कोलकाता का लिंक मिला है. इनमें एक रिवॉल्वर कोलकाता पुलिस का पाया गया है. इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोलकाता पुलिस के रिवॉल्वर शाहजहां शेख और उसके शार्गिदों के पास कैसे पहुंच गए.

कोलकाता के हथियार डीलर से खरीदे गए थे हथियार

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संदेशखाली में हथियार बरामदगी मामले में सीबीआई को विस्फोटक जानकारी मिली है. सीबीआई अधिकारियों को पता चला कि कारतूस कोलकाता के एक हथियार डीलर से खरीदे गए थे. हथियार खरीद का बिल भी मिला है. हालांकि इसकी जांच की जा रही है कि कारतूस उसकी दुकान से खरीदे गए थे या नहीं. बता दें कि शेख शाहजहां के पास हथियार का लाइसेंस था. यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि बरामद हथियार चोरी के हैं या किसी के नाम पर जारी किये गये हैं. मूलतः खुले बाजार में ऐसे विदेशी हथियारों की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है. इसकी जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है.

अबू तालेब मोल्ला ने घर और ‘भेड़ीज’ में छिपा रखे थे हथियार

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संदेशखाली में सीबीआई और एनएसजी का अभियान

बता दें कि सीबीआई ने शुक्रवार से फिर से कोलकाता कार्यालय से ‘मिशन संदेशखाली’ शुरू किया था. यह कार्रवाई 5 जनवरी को राशन भ्रष्टाचार मामले में शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी के दौरान ईडी के हमले के मामले के मद्देनजर थी. शुक्रवार को बम और हथियारों के लिए कभी शाहजहां-करीबी के घर की तलाशी ली गई तो कभी खेत की तलाशी ली गई.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, शाहजहां के पड़ोस में हथियार मिले थे. अबू तालेब मोल्ला के घर पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. वहां कई हथियार बरामद किये गये.उसने घर की फर्श के नीचे और भेड़ीज में हथियार और बम-बारूद छुपा रखे थे. तबसीबीआई ने एनएसजी को तलब किया. उस कॉल का जवाब देते हुए एनएसजी कमांडो संदेशखाली आए और फिर बड़ा खुलासा हुआ.

चुनाव में हथियारों के इस्तेमाल की थी योजना

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संदेशखाली, पश्चिम बंगाल

उल्लेखनीय है कि बंगाल में सात चरणों में मतदान है और शुक्रवार को उत्तर बंगाल के तीन संसदीय सीटों पर मतदान चल रहा था. बीजेपी ने संदेशखाली में टीएमसी के अत्याचार का मुद्दा बनाया है और शाहजहां शेख के अत्याचारों की एक पीड़िता को बशीरहाट लोकसभा सीट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, टीएमसी ने निवर्तमान सांसद नुसरत जहां की जगह हाजी नुरूल इस्लाम को उम्मीदवार बनाया है.

ऐसे में सीबीआई अधिकारियों को आशंका है कि चुनाव के दौरान आतंक पैदा करने और दशहत पैदा करने के लिए हथियार और बम-बारूद इकट्ठा किये गये थे, लेकिन सीबीआई को इसकी पहले ही जानकारी मिल गई और उसका भंडाफोड़ कर दिया, लेकिन सीएम ममता बनर्जी ने संदेशखाली से हथियार बरामदगी पर ही सवाल उठाये हैं. ममता बनर्जी ने सवाल किया कि बीजेपी चुनाव में आतंक पैदा करने के लिए ऐसा कर रही है. बंगाल में चॉकलेट बम भी फूटने पर भी एनआईए, एनएसजी और सीबीआई की टीम आ जाती है.

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