टीबी मुक्त अभियान – दो दिवसीय दौरे पर आई डब्ल्यूजेसीएफ दिल्ली की टीम, पोर्टेबल एक्स- रे मशीन से हो रही जांच का लिया जायजा:
टीबी बीमारी से संबंधित मरीजों की खोज में अल्ट्रा पोर्टेबल डिजिटल एक्स- रे मशीन काफी मददगार: डॉ आरपी सिंह
ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सामुदायिक स्तर पर जनांदोलन के रूप में कार्य करने की जरूरत: अमरजीत प्रभाकर
केंद्रीय टीम ने इसुआपुर और अमनौर में चल रहे स्वास्थ्य जांच शिविर का किया भ्रमण: जिला प्रतिनिधि
श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):
राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के सभी प्रखंडों में चल रहें स्वास्थ्य शिविर में टीबी मरीजों की पोर्टेबल एक्स- रे मशीन से हो रही जांच का निरीक्षण करने के लिए राज्य स्तरीय वर्ल्ड विजन इंडिया और चाय की टीम दो दिवसीय दौरे पर है। इस टीम में विलियम जे क्लिंटन फाउंडेशन (डब्ल्यूजेसीएफ) दिल्ली की ओर से अहेली बासु और राज्य प्रतिनिधि अमरजीत प्रभाकर, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी,
वर्ल्ड विजन इंडिया के जिला प्रतिनिधि रणधीर कुमार, जिला पर्यवेक्षक पंकज कुमार सिन्हा, सामुदायिक उत्प्रेरक फहीम और सुनील, एक्सरे ऑपरेटर आयुष्मान शामिल थे। जबकि अमनौर के कटसा स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एमओआईसी डॉ नवेंदु कुमार, बीएचएम सुशील कुमार गौतम, बीसीएम दीपक कुमार, एसटीएस अनिता गोस्वामी, सीएचओ शारदा कुमारी, वहीं इसुआपुर के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहवा में एसटीएस वेंकटेश कुमार और सीएचओ राहुल कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी शामिल है।
टीबी बीमारी से संबंधित मरीजों की खोज में अल्ट्रा पोर्टेबल डिजिटल एक्स- रे मशीन काफी मददगार: डॉ आरपी सिंह
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि टीबी बीमारी से बचाव के लिए हम सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है, लेकिन जब किसी को टीबी के लक्षण होने का अनुमान लगे तो जल्द ही अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपने बलगम की जांच के साथ ही एक्स-रे कराना चाहिए। हालांकि इसके साथ ही चिकित्सकों द्वारा पुष्टि करने के बाद सावधानी पूर्वक अपने कार्यों को निबटाना होगा। अपने घरों में साफ-सफाई के साथ ही बीमार व्यक्ति अपने मुंह पर रुमाल लगाकर रहने की जरूरत होती है। जिले के सभी प्रखंडो में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन कर अल्ट्रा पोर्टेबल डिजिटल एक्स- रे मशीन से टीबी बीमारी से संबंधित मरीजों की खोज करने में काफी सहूलियत हो रही है। क्योंकि इससे बहुत ही कम समय में टीबी मरीजों की पहचान की जा रही है। ताकि टीबी मरीजों का समय पर पहचान एवं इलाज कर इसके प्रसार को आसानी से खत्म किया जा सकें।
ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सामुदायिक स्तर पर जनांदोलन के रूप में कार्य करने की जरूरत: अमरजीत प्रभाकर
डब्ल्यूजेसीएफ के राज्य प्रमुख अमरजीत प्रभाकर ने कहा कि लगभग एक महीने से जिले के विभिन्न क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर टीबी जांच कराई जा रही है। हालांकि उसके पहले टीम द्वारा संबंधित क्षेत्र में एक दिन पहले डोर टू डोर भ्रमण कर लोगो को जागरूक किया जाता है। ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों की जांच करवाई जा सके। टीबी की पहचान लक्षण आने के समय हो जाने के बाद हम सभी को एकजुटता का परिचय देते हुए ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए एक साथ कार्य करने की जरूरत है। क्योंकि ऐसा देखा जाता है कि टीबी रोगियों में लक्षण आने के बाद उनके रोग की पहचान होती है। ऐसे में उनमें रोग की संभावना प्रबल तो होती ही है, साथ ही संक्रमण का प्रसार भी हो चुका होता है। इसलिए जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सामुदायिक स्तर पर जनांदोलन के रूप में कार्य करना होगा।
केंद्रीय टीम ने इसुआपुर और अमनौर में चल रहे स्वास्थ्य जांच शिविर का किया भ्रमण: जिला प्रतिनिधि
वर्ल्ड विजन इंडिया के जिला प्रतिनिधि रणधीर कुमार ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में केंद्रीय टीम के साथ ही राज्य की टीम के द्वारा पहले दिन सारण जिले के इसुआपुर प्रखंड अंतर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहवा और दूसरे दिन अमनौर प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कटसा के ग्रामीणों का पोर्टेबल एक्स- रे मशीन से टीबी रोगियों की जांच का जायजा लिया गया है। क्योंकि बेहद कम समय में आसानी से एक दिन में सैकड़ों लोगों की जांच की जा रही है। जिससे टीबी मरीजों की खोज आसानी से हो रही है। स्थानीय स्तर पर सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओ का भरपूर सहयोग मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग और टीबी मुक्त अभियान में सहयोगी संस्था के रूप में कार्य करने वाली वर्ल्ड विज़न इंडिया संस्था के सहयोग से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन कर टीबी के संदिग्ध मरीजों का स्क्रीनिंग के साथ ही अल्ट्रा पोर्टेबल डिजटल एक्सरे मशीन से किया जा रहा है।
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