अमेरिका के सप्लाई रोकने का इजराइल पर क्या असर पड़ेगा?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अमेरिका ने इजरायल के कुछ हथियारों की शिपमेंट रोक दी है। ये पहली बार है जब अमेरिका ने इजरायल हमास जंग के बीच हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाई है। वैसे तो ये रोक पर्मानेंट नहीं है। लेकिन इसे कड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इजरायल ने अमेरिका की अपील के बावजूद राफा में ऑपरेशन शुरू किया, इसलिए सख्ती दिखाना उसकी मजबूरी है।

ये सख्ती कब तक कायम रहेगी कहना मुश्किल है। हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान अमेरिका की नाराजगी की पुष्टि करता है। 8 मई को राष्ट्रपति बाइडेन ने सीएनएन से बात करते हुए बोला कि मैंने साफ कहा है कि अगर उन्होंने राफा पर हमला किया तो मैं हथियारों की सप्लाई बंद कर दूंगा। जिसका इस्तेमाल राफा या दूसरे क्षेत्रों में हो सकता है.

अमेरिका इजराइल को सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है, उसके बाद जर्मनी और इटली हैं। इस बीच, गाजा में नागरिक हताहतों और आवासीय क्षेत्रों को नुकसान सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के संभावित उल्लंघन के बारे में चिंताओं के कारण कनाडा और नीदरलैंड ने इज़राइल को अपने हथियारों की आपूर्ति रोक दी है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इज़राइल को निलंबित हथियारों की डिलीवरी में 1,800 2,000-पाउंड (907-किलो) बम और 1,700 500-पाउंड बम शामिल थे।

एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि 2,000 पाउंड के बमों के अंतिम उपयोग और घने शहरी इलाकों (जैसे राफा) में उनके प्रभाव के बारे में चिंताओं से यह निर्णय लिया गया। साल 2016 में अमेरिका और इज़राइल के बीच 2018-2028 की अवधि को कवर करने के लिए तीसरे 10-वर्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। इस डील केतहत सैन्य सहायता में $38 बिलियन (3.17 लाख करोड़ रुपये), सैन्य उपकरण खरीदने के लिए अनुदान में $33 बिलियन (2.75 लाख करोड़ रुपये) और मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए $5 बिलियन (4,17,40 करोड़ रुपये) का प्रावधान किया गया था। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) द्वारा जारी मार्च फैक्टशीट के अनुसार, 2019-2023 की अवधि में इज़राइल को अमेरिका से 69 प्रतिशत सैन्य सहायता प्राप्त हुई। इज़राइल यूएस F-35 ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर का पहला अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेटर है, जिसे अब तक का सबसे तकनीकी रूप से उन्नत फाइटर जेट माना जाता है।

इज़राइल 75 एफ-35 खरीदने की प्रक्रिया में है और पिछले साल तक 36 की डिलीवरी ले चुका था। इजरायल इसके लिए अमेरिकी सहायता से भुगतान कर रहा था। अमेरिका ने इज़राइल को उसकी आयरन डोम कम दूरी की रॉकेट रक्षा प्रणाली विकसित करने और हथियारों से लैस करने में भी मदद की है, जिसे इज़राइल और लेबनान स्थित हिजबुल्लाह के बीच 2006 के युद्ध के बाद विकसित किया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी इंटरसेप्टर मिसाइलों को फिर से भरने में मदद के लिए इज़राइल को बार-बार करोड़ों डॉलर भेजे हैं। इसके अलावा, वाशिंगटन ने इज़राइल की “डेविड्स स्लिंग” प्रणाली के विकास के लिए धन देने में मदद की है, जिसे 100 किमी से 200 किमी (62 मील से 124 मील) दूर से दागे गए रॉकेटों को मार गिराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इजरायल अकेला खड़ा रहेगा

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के खिलाफ युद्ध में यदि जरूरत पड़ी तो उनका देश ‘अकेला भी खड़ा’ रहेगा। इजराइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हमें अकेला खड़ा रहना होगा तो हम अकेले ही खड़े रहेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। इजराइली सेना ने दावा किया कि गाजा के दक्षिणी शहर रफह में सैन्य कार्रवाई करने के लिए जरूरी हथियार उसके पास हैं। इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हैगरी ने यह टिप्पणी संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर की कि क्या सेना अमेरिकी हथियारों के बिना भी अभियान चला सकती है।

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