मलमलिया एपीएचसी पर रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता की रोकथाम को लेकर फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट हुआ वितरण:
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
वेक्टर जनित रोग में हाथी पांव के मरीजों को फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित अंगों को अनिवार्य रूप से स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए:
कोड़र पीएसजी से जुड़े 14 सदस्यों को एमएमडीपी वितरण के बाद सिफ़ार द्वारा किया गया प्रशिक्षित: एमओआईसी
फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित अंगों को अनिवार्य रूप से स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए: डॉ एमआर रंजन
फाइलेरिया (हाथी पांव) सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों में आवश्यक दवाओ के साथ- साथ संक्रमित अंगों का विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि सही तरीके से ध्यान रखने पर फाइलेरिया संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सकता है। उक्त बातें फाइलेरिया प्रभारी विनय कुमार ने भगवानपुर हाट प्रखंड क्षेत्र के मालमलिया स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एमएमडीपी कीट वितरण के दौरान फाइलेरिया मरीजों से कही। क्योंकि वेक्टर जनित संक्रमण रोगों में शामिल फाइलेरिया (हाथी पांव) मरीजों को नियमित रूप से सफाई एवं आवश्यक उपचार की जरूरत अत्यधिक होती है।उन्होंने यह भी कहा कि नियमित रूप से फाइलेरिया मरीजों को फाइलेरिया से बचाव एवं साफ- सफाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अलावा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) और पीरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी देने का काम किया जाता है। इस अवसर पर प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) अनूप कुमार, फाइलेरिया प्रभारी विनय कुमार, एएनएम सोनम कुमारी, डाटा ऑपरेटर राजेश कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफ़ार) के जिला समन्वयक जमाल अख़्तर और प्रखंड समन्यवक राजेश कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
कोड़र पीएसजी से जुड़े 14 सदस्यों को एमएमडीपी वितरण के बाद सिफ़ार द्वारा किया गया प्रशिक्षित: एमओआईसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर हाट के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रखंड में फिलहाल 284 फाइलेरिया के मरीजों की पहचान हुई है। फाइलेरिया प्रभारी विनय कुमार के नेतृत्व में मलमलिया स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) परिसर में कोडर गांव स्थित पैशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) के 14 सदस्यों को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता की रोकथाम (एमएमडीपी) किट का वितरण किया गया। जबकि सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफ़ार) के जिला समन्वयक जमाल अख़्तर द्वारा फाइलेरिया के सभी रोगियों को सफाई को लेकर प्रशिक्षित किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एमएमडीपी किट वितरण के बाद सिफार और पीरामल स्वास्थ्य के अधिकारियों द्वारा संक्रमित मरीज़ों को फाईलेरिया वाले स्थान को पानी से पूरी तरह सफाई करने को लेकर भी बताया गया। क्योंकि जब तक सफाई पर ध्यान नही दिया जाएगा तब तक सुधार नही हो सकता है।
हाथीपांव का कोई पर्याप्त उपचार तो नहीं, लेकिन शुरुआती दिनों में बीमारी की पहचान से आगे बढ़ने से रोकना होगा आसान: एमआर रंजन
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। जिस कारण फाइलेरिया में या तो व्यक्ति के हाथ या पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। हालांकि अभी तक इसका कोई पर्याप्त उपचार संभव नहीं है। लेकिन शुरुआती दिनों में बीमारी की पहचान कर इसे रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्तियों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करते रहना पड़ेगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भगवानपुर हाट के मलमलिया एपीएचसी सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा फाइलेरिया रोग से ग्रसित मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण करने को लेकर आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया जा सकें।
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