बिहार में परीक्षा के नाम पर सिर्फ हो रही खानापूर्ति!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. वहीं दूसरी और कुछ स्कूलों में प्रबंधन की लापरवाही की वजह से शिक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही है. ताजा मामला नालंदा जिले के श्री गांधी प्लस टू उच्च विद्यालय सिलाव में सोमवार को देखने को मिला. जहां समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण विद्यालय में हिंदी व उर्दू विषय की मासिक परीक्षा देने आये छात्रों ने जमकर हंगामा किया.

स्कूल में मची अफरा-तफरी

दरअसल, विद्यालय प्रबंधन द्वारा हिंदी एवं उर्दू की मासिक परीक्षा की तिथि घोषित की गयी थी. लेकिन विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई थी. नौवीं और 12 वीं के सभी छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने के लिए बुलाया गया था. लेकिन जब सुबह में विद्यार्थी स्कूल पहुंचे तो बैठने की जगह की कमी की वजह से पूरे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

विद्यालय परिसर में इधर-उधर बैठकर दी परीक्षा

इसी बीच छात्रों ने शिक्षकों से परीक्षा पत्र छीनने का प्रयास किया, माहौल बिगड़ता देख शिक्षकों ने भी प्रश्न पत्रों को हवा में उड़ा दिया. इसके छात्र-छात्राएं प्रश्न पत्र लूटकर विद्यालय परिसर में इधर-उधर बैठकर हाल करने लगे. कुछ विद्यार्थी विद्यालय परिसर में बरामदे की सीढ़ियों पर बैठे दिखे तो कुछ विद्यालय के बाहर बगीचे में चबूतरे पर समूह में बैठकर प्रश्नपत्र हल करते दिखे.

पुलिस ने छात्रों को कराया शांत

जब विद्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया तो स्थानीय पुलिस को सूचना दी गयी. थानाध्यक्ष मो. इरफान खान फोर्स के साथ पहुंचे और बच्चों को समझा कर शांत कराया. स्कूल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मासिक परीक्षा में शामिल होने के लिए कक्षावार कोई रूटीन नहीं बनाया गया था, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई.

परीक्षा देने आए थे 1300 विद्यार्थी

सूत्रों का कहना है कि विद्यालय में प्रबंधन व्यवस्था बेहद खराब है, प्रधानाध्यापक अपने विवेक से कोई भी निर्णय नहीं ले पाते हैं. जिसके कारण विद्यालय में आये दिन स्थिति तनावपूर्ण बनी रहती है. जानकारी के अनुसार सोमवार को सभी कक्षाओं से कुल 1300 विद्यार्थी परीक्षा देने आये थे. जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहम्मद मुस्ताक अहमद अंसारी से कक्षाओं में कुल नामांकन संख्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सही संख्या बताने में भी असमर्थता जतायी और कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.

पहले भी सामने आया है लापरवाही का मामला

बता दें कि इस स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही पहले से ही प्रचलित है, कुछ महीने पहले एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें देखा गया था कि पढ़ने आई एक छात्रा पढ़ाई के समय चहारदीवारी फांद कर घर की ओर भाग रही थी. जिसके बाद इस स्कूल के हेडमास्टर समेत सभी शिक्षकों का वेतन शिक्षा विभाग ने रोक दिया था.

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