गर्मी के दिनों में कम से कम समय तक कटा जाए लाइट :- द्विवेदी प्रशांत
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):
इस भीषण गर्मी मे ज्यादा तर लाइट क्यों काट ली जाती हैं, एक तो लोग इस गर्मी से परेशान हैं, उपर से लाइट काट लेना कितना दुल्भ हैं, जो लोग अपने अपने काम से घर आते हैं वो ये सोचते हैं की घर जाकर आराम करेंगे लाइट में पंखे, कुलर का हवा लेगे, पर घर या रुम पर पहुँचते ही लाइट चली जाती हैं।
पुरे दिन काम करने के बाद जो लोग शाम में घर आते है और लाइट नही रहती हैं तो सोचिए उन पर क्या गुजरती होगी। लाइट कम से कम कटे इस विषय में ध्यान दिया जाए तो अच्छा रहेगा। दिन प्रतिदिन गर्मी कम होने का नाम ही नहीं ले रहा हैं!
द्विवेदी प्रशांत जी का कहना है कि लाइट कम से कम कटे और साथ ही साथ शाम और रात में ना कटे इस बात का भी ज्यादा धयान दिया जाए।
ठंडी में इतनी लाइट नही कटती जितनी गर्मी के दिनों में कटता है जब की ठंडी मे लाइट कटे तो काम चल सकता हैं लेकिन गर्मी में थोरा सा भी नही चल सकता, जो लोग खाना बनाते हैं उनका तो गर्मी में गैस के पास खरा होना बहुत मुश्किल हो जाता हैं, पुरा शरीर पसीना से लत पट हो जाता हैं,और सारे कपड़े गिले हो जाते है, काम से आने के बाद खाना बनाना पड़ता है उस समय लाईट ना रहना आदमी बहुत परेशान सा हो जाता हैं। बिहार हो या बिहार के बाहर हर जगह एक ही हाल है ज्यादा तर लाइट शाम में ही काट ली जाती हैं,
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