पैन सत्यापन के बिना डाकघर में निवेश नहीं
विभाग ने विभिन्न योजनाओं में विवरण देना अनिवार्य किया था
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
पिछले साल एक अप्रैल से डाकघर की योजनाओं में निवेश करने के लिए पैन और आधार का विवरण देना अनिवार्य कर दिया गया था। ताजा जानकारी के अनुसार डाक विभाग निवेशक के पैन की सत्यता का आयकर विभाग के डाटा से मिलान कर फिर से सत्यापित करेगा।इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि निवेश का पैन और आधार आपस में लिंक हों। इसके अलावा निवेशक ने डाक विभाग की योजना के लिए जो नाम और जन्मतिथि के विवरण दिए हैं, वह सही हैं या नहीं। अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो निवेशक इन योजनाओं में निवेश नहीं कर पाएंगे।
सत्यापन की प्रणाली में संशोधन
पैन सत्यापन प्रणाली प्रोटीन ई-गर्व टेक्नोलॉजीज के सिस्टम के साथ जुड़ी हुई है। इसे पहले एनएसडीएल के नाम से जाना जाता था। इससे मिली प्रतिक्रिया के आधार पर पैन को मान्य किया जाता है। पीपीएफ, एनएससी और अन्य छोटी बचत योजनाओं के लिए पैन, आधार अनिवार्य है। सात मई को जारी डाक विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया है कि पैन सत्यापन से संबंधित प्रोटीन प्रणाली को एक मई, 2024 को संशोधित किया गया है।
ये नुकसान होंगे
आपका पैन अब कर संबंधी कार्यों के लिए वैध नहीं होगा। अगर आपका पैन निष्क्रिय हो जाता है, तो लंबित टैक्स बकाया और उस पर ब्याज जारी नहीं किया जाएगा। वहीं उच्चदर पर स्रोत पर कर की कटौती होगी। अगर पैन आधार से जुड़ा नहीं है, तो लेन-देन करते समय उस पर लागू दर से दोगुनी दर पर टीडीएस काटा जाएगा।
इतने पैन कार्ड हुए निष्क्रिय
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष यानी साल 2023 में करीब 12 करोड़ पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं होने की वजह से निष्क्रिय हो गए थे। अगर आपका पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं है, तो आप बैंक से जुड़ा कोई काम नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बैंक के लगभग सभी कामों के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है।
निवेशकों के पास आखिरी मौका
अगर आपने अभी तक भी अपना पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं कराया है, तो इसे फटाफट करा लें। ऐसे लोग जो 30 जून, 2023 की समयसीमा तक पैन-आधार लिंक नहीं करा सके हैं उन पर पेनल्टी लगाने की समयसीमा में आयकर विभाग ने ढील दी है। आयकर विभाग के मुताबिक, 31 मई तक आधार के साथ पैन को लिंक करा लेने पर टीडीएस की कम कटौती के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। आयकर नियमों के अनुसार करदाता को अपने पैन को अपने आधार नंबर के साथ लिंक करना होता है। अगर ये दोनों लिंक नहीं होते तो लागू दर से दोगुनी दर पर टीडीएस काटा जाना जरूरी है।
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