सबसे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी कायम हुआ है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा चुनाव 2024 में कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कोई पांचवीं तो कोई सातवीं बार सांसद बनने की दौड़ में है। 1952 में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ था। अब तक 17 बार लोकसभा के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इस बार 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं।
इंद्रजीत गुप्ता: 11 बार लोकसभा चुनाव जीते
कम्युनिस्ट नेता इंद्रजीत गुप्ता के नाम सबसे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 1960 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। 1999 में आखिरी बार सांसद बने थे। इंद्रजीत गुप्ता अपने जीवन काल में 11 बार लोकसभा का चुनाव जीते थे।
18 मार्च 1919 को जन्मे इंद्रजीत गुप्ता ने 1937 में दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल की। इसके बाद इंग्लैंड में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के किंग्स कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। ब्रिटेन में अपने छात्र जीवन के दौरान वे कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़े। इसके बाद अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल करने के बाद 1940 में भारत लौटे। संसद में वे कम्युनिस्ट पार्टी के आवाज थे।
सोमनाथ चटर्जी: 10 बार संसद पहुंचे चटर्जी
25 जुलाई 1929 को असम के तेजपुर में जन्मे सोमनाथ चटर्जी 10 बार लोकसभा चुनाव जीते। चार जून 2004 को सोमनाथ चटर्जी को निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था। चटर्जी ने अपने करियर की शुरुआत एक अधिवक्ता के रूप में की थी।
1968 में उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ज्वॉइन की थी। सोमनाथ चटर्जी ने 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता। वे 1989 से 2004 तक लोकसभा में सीपीआई (एम) के नेता रहे थे। 1971 से 2004 तक सोमनाथ चटर्जी ने 10 बार लोकसभा का चुनाव जीता। चटर्जी को 1996 में ‘उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार’ प्रदान किया गया था। सोमनाथ चटर्जी को एक बार 1984 में ममता बनर्जी ने हराया था।
अटल बिहारी वाजपेयी: नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा पहुंचे
तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के नाम नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है। वे दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे। अटल जी के पास चार दशक से अधिक का संसदीय अनुभव था। अटल बिहारी वाजपेयी ने 1952 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा मगर हार का सामना करना पड़ा।
इन नेताओं ने नौ बार जीता लोकसभा चुनाव
- कमलनाथ: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं में से एक हैं। मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को उनका गढ़ माना जाता है। 1980 में पहली बार यहां से कमलनाथ ने संसदीय चुनाव लड़ा था। कुल नौ बार सांसद रहे। 2019 में उनके बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा से चुनाव जीता था।
- माधव राव सिंधिया: दिवंगत माधव राव सिंधिया ने 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। वे नौ बार सांसद रहे। ग्वालियर लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी हरा चुके थे। चार बार गुना और पांच बार ग्वालियर से लोकसभा चुनाव जीता। 2001 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया।
- खगपती प्रधानी: दिवंगत कांग्रेस नेता खगपति प्रधानी ने ओडिशा के नबरंगपुर लोकसभा सीट से लगातार नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम कायम किया था। 1999 में उन्होंने राजनीति से संन्यास की घोषणा की थी। 2010 में उनका निधन हो गया।
- गिरिधर गमांग: कांग्रेस नेता एवं ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग नौ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। खास बात यह है कि उन्होंने सभी चुनाव कोरापुट निर्वाचन क्षेत्र से जीते। 2004 में उन्होंने आखिरी चुनाव जीता था।
- रामविलास पासवान: रामविलास पासवान की गिनती नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं में होती है। रामविलास ने आठ बार बिहार की हाजीपुर लोकसभा और एक बार रोसड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। मौजूदा समय में उनके भाई पशुपति पारस हाजीपुर से सांसद हैं।
- जॉर्ज फर्नांडिस: जॉर्ज फर्नांडिस भी नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं में से एक थे। 1967 में पहली बार मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से चुनाव जीता। बिहार की मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से पांच और नालंदा से तीन बार लोकसभा का चुनाव जीता था।
- बासुदेब आचार्य: माकपा नेता रहे बासुदेब आचार्य ने पश्चिम बंगाल की बांकुड़ा लोकसभा सीट से नौ बार सांसद का चुनाव जीता था। बासुदेब आचार्य ने 1980 में पहली बार बांकुड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। वे लगातार 2014 तक यहां के सांसद रहे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी प्रत्याशी और अभिनेत्री मुनमुन सेन ने बासुदेब आचार्य को हरा दिया था।
- मानिकराव होडल्या गावित: महाराष्ट्र के दिग्गज कांग्रेस नेता मानिकराव होडल्या गावित लगातार नौ बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। 1981 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। 7वीं से 14वीं लोकसभा तक नांदुरबार से सांसद रहे।
आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुकीं मेनका गांधी
भाजपा नेता संतोष गंगवार के नाम बरेली सीट से आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है। वे इस चुनाव में भाग नहीं ले रहे हैं। सुल्तानपुर से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी अब तक आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से सुमित्रा महाजन आठ बार सांसद रहीं हैं।
मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते छह बार संसदीय चुनाव जीत चुके हैं। टीकमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार सात बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। राधा मोहन सिंह छह बार से लोकसभा सदस्य हैं।
चौथे चरण में कोई पांच तो कोई छठी बार मैदान में
चौथे चरण में पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से उतरे अधीर रंजन चौधरी पांच बार के सांसद हैं। छठी बार वे चुनाव मैदान में हैं। हरदोई से भाजपा नेता जय प्रकाश पांच बार के सासंद रह चुके हैं।
चौथे चरण में चुनाव मैदान में उतरे आसनसोल से भाजपा प्रत्याशी एसएस अहलुवालिया चार बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। हैदराबाद से असदुद्दीन ओवैसी चार बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। पांचवीं बार मैदान में हैं।
इसके बाद 1957 में उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा से पहली बार सांसद बने। अटल जी चार राज्यों से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले एकमात्र नेता थे। वे 1962 और 1986 में दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे थे। अटलजी ने लखनऊ लोकसभा सीट से लगातार पांच बार चुनाव जीता था।
यहां से जीते लोकसभा चुनाव
- बलरामपुर (उत्तर प्रदेश)
- ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
- नई दिल्ली
- विदिशा (मध्य प्रदेश)
- गांधीनगर (गुजरात)
- लखनऊ( उत्तर प्रदेश)
तीन बार बने प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने। 1998 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मगर दोनों ही बार उनकी सरकार अधिक समय तक नहीं चल सकीं। 1999 में तीसरी बार अटल जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और पांच साल तक सरकार चलाई थी।
जेडीयू प्रत्याशी से हारे 10 बार चुनाव जीतने वाले पीएम सईद
10 बार लोकसभा चुनाव जीतने वालों में पीएम सईद का भी नाम है। 1967 से 1999 तक पीएम सईद लगातार 10 बार सांसद बने। लक्षद्वीप में पीएम सईद कांग्रेस का पर्याय थे। उन्होंने अपना पहला चुनाव निर्दलीय लड़ा था। बाद में कांग्रेस ज्वाइन की। 1980 लोकसभा चुनाव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (यू) से लड़ा था। 2004 में जेडीयू प्रत्याशी पी. पूकुन्ही कोया ने पीएम सईद को शिकस्त दी थी।