अपनी दाहा नदी को बचाने का जतन

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विश्व पर्यावरण दिवस पर नगरवासियों ने दाहा नदी की सफाई के लिए किया श्रमदान

नगर के भूगर्भ जल स्तर को कायम रखने के संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली दाहा नदी जलकुंभी से पटी पड़ी है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान। बुधवार को सुबह छह बजे। नगर के कुछ प्रबुद्धजन और युवा जुटे दाहा नदी के तट पर। दिन खास था विश्व पर्यावरण दिवस का। संकल्प भी खास था अपनी दाहा नदी के सफाई का। जलकुंभी से पटी दाहा नदी में जल का प्रवाह भी अवरुद्ध था। सबने समर्पित प्रयास से कुछ जलकुंभी को हटाकर नदी के प्रवाह को कायम करने में योगदान दिया। प्रयास का संदेश साफ था सीवान की जीवनरेखा दाहा नदी को स्वच्छ रखना हम सब का कर्तव्य है। थोड़े थोड़े से संजीदगी भरे प्रयास हमारी अपनी दाहा नदी को बचाने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं।

बुधवार को सुबह 6 बजे नगर के शिक्षाविद्, प्रबुद्धजन, कलाकार, समाजसेवी और युवा गोपालगंज मोड़ के समीप स्थित पुलवा घाट पर जुटे। जलकुंभी और कचरे से पटी दाहा नदी के अवरुद्ध जल के प्रवाह को कायम करने के लिए बेहद संजीदगी से श्रमदान किया और संकल्प लिया कि समय समय पर दाहा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे।

प्रोफेसर रवींद्र नाथ पाठक ने इस अवसर पर श्रमदान में भागीदारी निभाने के बाद कहा कि जल के प्रवाह कायम रहने से ही जिंदगी का प्रवाह भी कायम रखा जा सकता है। इसलिए नगर के मध्य भाग से बहनेवाली दाहा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए सभी स्तर पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। इस अवसर पर विद्याभवन की प्राचार्या डॉक्टर रीता कुमारी ने कहा कि दाहा नदी में व्याप्त गंदगी व्यथित करती रही है। 10 साल पूर्व मैंने दाहा नदी पर शोध किया था समस्या जस की तस है। आज हम सभी ने मिलकर दाहा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए श्रमदान किया है। यह प्रयास नगरवासियों के लिए एक संदेश भी है।

इस अवसर पर मौजूद शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि नगर के भूगर्भ जल स्तर को कायम रखने में दाहा नदी की बड़ी भूमिका है। इस नदी की सफाई के लिए प्रशासन को संजीदगी दिखानी चाहिए। दाहा नदी का सौंदर्यीकरण इसको बेहद रमणीक स्थल में तब्दील कर देगा। उन्होंने कहा कि दाहा नदी के ऊपर स्थित पुल के दोनों किनारों पर जाली लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। जिससे लोग कचरा नहीं फेंक सके।

युवा कलाकार रजनीश मौर्य, समाजसेवी आर एस पांडेय, गदाधर विद्रोही, संदीप यादव, कन्हैया जी, अभिमन्यु कुमार, धनंजय कुमार ने कहा कि दाहा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर चलते रहेंगे। सभी ने एक स्वर से स्वीकार किया कि दाहा नदी में कचरा आदि फेंकने से रोकने के लिए जनजागरुकता का प्रसार बेहद जरूरी है।

मौके पर मौजूद नगरवासियों ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नगर के प्रबुद्धजनों और युवाओं ने अपनी दाहा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए श्रमदान कर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। अब प्रशासन को भी भूगर्भ जल स्तर और पर्यावरण के संरक्षण के संदर्भ में दाहा नदी के विशेष महत्व को देखते हुए एक नियोजित कार्ययोजना को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस पर दाहा नदी को स्वच्छ बनाने का संजीदगी भरा एक प्रयास बेहद महत्वपूर्ण नजीर बनता दिखा।

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