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पीएम मोदी तीसरे कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा पर इटली की करने वाले है

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G-7 में हिस्सा लेने 13 जून को होंगे रवाना

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा इटली की करने वाले हैं। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को बताया कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50वें G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को इटली के अपुलिया जाएंगे।

इटली के अपुलिया में होगा शिखर सम्मेलन का आयोजन

50 वां जी-7 शिखर सम्मेलन इस बार इटली के अपुलिया क्षेत्र में लग्जरी रिजॉर्ट बोरगो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक आयोजित होगा। इस शिखर सम्मेलन में  भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।

जॉर्जिया मेलोनी के साथ कर सकते हैं वार्ता

उन्होंने आगे कहा कि तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपने इटली की समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। बैठक में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करने और अगले कदमों के लिए निर्देश देने की उम्मीद है।”

सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जी-7

मालूम हो कि बैठक में, यूक्रेन में युद्ध और गाजा संघर्ष का मुद्दा छाये रहने की संभावना है। जी 7 विश्व की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल हैं।

G-7 में हिस्सा लेने 13 जून को होंगे रवाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत वार्षिक जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 13 जून को इटली का दौरा करने वाले हैं। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से पिछले साल भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।

इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में शामिल हैं।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को कहा, “इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल (13 जून) इटली के अपुलिया जाएंगे। यह शिखर सम्मेलन 14 जून को वहां आयोजित किया जाएगा, जहां भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है… यह लगातार तीसरे कार्यकाल में पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा होगी। इससे उन्हें जी7 शिखर सम्मेलन में उपस्थित अन्य विश्व नेताओं के साथ भारत और वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर भी मिलेगा।”

यूक्रेन के राष्ट्रपति भी होंगे शामिल

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी उनके देश पर रूसी आक्रमण पर एक सत्र में भाग लेने वाले हैं। यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर क्वात्रा ने कहा, “हमने हमेशा यह माना है कि वार्ता और कूटनीति ही इसका समाधान करने का सर्वोत्तम विकल्प है।”

विदेश सचिव ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नई दिल्ली के प्रयासों की बढ़ती मान्यता को दर्शाती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति शिखर सम्मेलन में उचित स्तर पर भाग लेगा। क्वात्रा ने यह नहीं बताया कि शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।

जॉर्जिया मेलोनी के साथ अहम बैठक

सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी होगा जिनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के भी शामिल रहने की संभावना है। पीएम मोदी अपने दौरे पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बैठक सहित कई द्विपक्षीय बैठकें भी करने वाले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल मई में जापान के हिरोशिमा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए थे। इटली जी7 का मौजूदा अध्यक्ष है और इस नाते यह इसकी शिखर बैठक की मेजबानी कर रहा है।

इटली ने भारत के अलावा, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि, यूरोपीय संघ जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है।

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