बिहार में कैबिनेट ने 25 प्रस्तावों पर लगाई मुहर, बेरोजगारों को मिलेगा भत्ता
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को तीन महीने बाद बिहार कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में 25 अहम एजेंडों पर मुहर लगी. कैबिनेट की बैठक में मनरेगा के तहत बिहार बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता (हाउस अलाउंस) दर में बदलाव के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.
मिलेगा बेरोजगारी भत्ता
बेरोजगारी भत्ता नियमावली के तहत अगर कोई व्यक्ति मनरेगा के तहत काम करना चाहता है और उसने आवेदन किया हुआ है. लेकिन फिर भी 15 दिनों के अंदर अगर रोजगार नहीं मिलता है तो मांग तिथि से तय सीमा तक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.
सरकारी कर्मचारियों के हाउस अलाउंस में इजाफा
कैबिनेट ने राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा पर मकान किराया भत्ता दर में बदलाव किया है. जिसके बाद राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता में एक से चार फीसदी की वृद्धि हुई है. नये मकान किराया भत्ता के अनुसार पटना शहर में रहनेवाले कर्मियों को मूल वेतन का 20 प्रतिशत जबकि अन्य शहरों में रहनेवाले कर्मियों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत मकान किराय भत्ता मिलेगा. अवर्गीकृत शहरों के कर्मियों को 7.5 प्रतिशत तो ग्रामीण क्षेत्र के कर्मियों को पांच प्रतिशत की दर से मकान किराया भत्ता मिलेगा.
किस शहर में कितना हाउस अलाउंस
- कैबिनेट ने राजधानी पटना में रहने वाले कर्मियों का मकान किराया भत्ता 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की स्वीकृति दी है.
- इसी प्रकार से अररिया, आरा, औरंगाबाद, बगहा, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, बक्सर, छपरा, दरभंगा, डिहरी, गया, गोपालगंज, हाजीपुर, जमालपुर, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मोकामा, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सीतामढ़ी, सीवान और सुपौल में रहने वाले कर्मियों को आठ प्रतिशत की जगह मूल वेतन का 10 प्रतिशत मकान किराया भत्ता मिलेगा.
- अवर्गीकृत शहर में रहने वाले कर्मियों को छह प्रतिशत की जगह पर 7.5 प्रतिशत जबकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले कर्मी हैं उनको चार प्रतिशत की जगह पर पांच प्रतिशत मकान किराया भत्ता मिलेगा.
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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में महादलित एवं अल्पसंख्यक अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना कार्यक्रम के संचालन के लिए
इन एजेंडों पर भी लगी मुहर
कैबिनेट की बैठक में बिहार भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती कार्यकम के तहत भूमि सर्वेक्षण का काम करने वाले नियमित और संविदा कर्मियों का सेवा विस्तार के प्रस्ताव को भी पारित किया गया. 15 हजार 847 कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा. 31 दिसंबर 2025 तक के लिए सेवा विस्तार को मंजूरी दी गई है.
नीतीश कैबिनेट ने 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों को स्क्रैपिंग की योजना को मंजूरी दे दी है. गोपालगंज जिला के कटैया अंचल में एक लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दुग्ध प्रसंस्करण संयन्त्र की स्थापना होगी. प्लांट स्थापित करने के लिए पशु मत्स्य संसाधन विभाग को निशुल्क अंतरविभागीय हस्तांतरण को मंजूरी दी गई है.
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