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मणिपुर हिंसा पर अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक

मणिपुर हिंसा पर अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को मणिपुर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करेंगे जहां एक वर्ष से अधिक समय से जातीय हिंसा का माहौल है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों तथा अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में एक उच्च-स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे। मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने रविवार को यहां शाह से मुलाकात की थी और समझा जाता है कि दोनों ने राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पदभार संभालने के बाद एक्शन मोड में नज़र आ रहे हैं। पहले गृहमंत्री की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की गई। जिसके बाद आज शाह ने मणिपुर में चल रहे हिंसा और सुरक्षा की स्थिति को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठ की है।

गृहमंत्री द्वारा किए गए इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जीओसी थ्री कोर एचएस साही, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर मौजूद रहें। यह बैठक दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में हुई ।

बता दें कि अमित शाह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों पर हुए हमले को लेकर भी हाई कमान बैठक की थी। जिसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी NIA को सौंपी है।

बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेइती समुदायों तथा सुरक्षा बलों के 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी।

मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार’

उन्होंने कहा था कि मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा। चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अशांति या तो भड़की या भड़काई गई, लेकिन मणिपुर जल रहा है और लोग इसकी तपिश का सामना कर रहे हैं।

राज्यपाल ने की थी मुलाकात

बता दें कि इस बैठक से पहले मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गृह मंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी। जहां उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में अमित शाह को बताया था। मणिपुर में कुकी और मैतेई समाज के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान लगभग 225 लोगों ने अपनी जान खो दी है। यह हिंसा पिछले साल 3 मई से शुरु हुआ था। अब तक संघर्ष की वजह से लगभग 50 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। जिसके बाद उन्हें केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहा राहत केंद्रों में रखा गया है।

मणिपुर को शांती का इंतजार

पिछले कुछ हफ्तों में एक बार फिर मणिपुर में हिंसा बढ़ती हुई नजर आ रही है। कुछ दिनों के अंदर एक स्कूल में आग दिया गया। वहीं एक लापता व्यक्ति का कटा हुआ सिर भी पाया गया। इसके अलावा वहां के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के काफिले पर हमला भी किया गया। जिसमें चालक के साथ एक सुरक्षा अधिकारी भी घायल हो गए। वहीं एक हफ्ते पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा पर खुल कर बात की थी। उन्होंने कहा था कि मणिपुर पिछले एक साल से शांती के इंतजार में है। इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

 

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