कनाडा 39 साल बाद भी एयर इंडिया विमान हादसे की जांच क्यों कर रहा है?
विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जून 1995 में हुई एयर इंडिया की कनिष्क विमान दुर्घटना मामले की जांच अभी जारी है। दुर्घटना के 39 वर्ष पूरे होने पर यह जानकारी कनाडा की पुलिस ने दी है। दुर्घटना में विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। इस दुर्घटना पर गुरुवार को कनाडा की संसद में भी चर्चा हुई थी। मांट्रियल से लंदन होते हुए नई दिल्ली आ रहे इस विमान में लंदन में उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हुआ था। मारे गए लोगों में ज्यादातर भारतीय मूल के कनाडाई थे। शुरुआती जांच में पता चल गया था कि बम विस्फोट से विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
बम रखने के लिए सिख चरमपंथी जिम्मेदार
विमान में बम रखने के लिए सिख चरमपंथियों को जिम्मेदार माना गया जो 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए आपरेशन ब्ल्यू स्टार से नाराज थे। शुक्रवार को रायल कनाडियन माउंटेड पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर डेविड टेबोल ने कहा, विमान में विस्फोट की यह घटना कनाडा को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी आतंकी वारदात थी।
इस घटना में कनाडा के सबसे ज्यादा लोग मारे गए थे। हमें मृतकों के परिवारों से सहानुभूति है। हम इस आतंकवाद की घटना को भूल नहीं सकते हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है। 2025 में इस घटना की 40 वीं वर्षगांठ जांच के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, विश्वास है कि तब हम निष्कर्ष पर पहुंच चुके होंगे।
जून 1985 में हुई कनिष्क विमान दुर्घटना की गुरुवार को कनाडा की संसद में चर्चा हुई। भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि उक्त विमान में रखा बम फटने से 329 लोग मारे गए थे। उस विस्फोट के लिए जो विचारधारा जिम्मेदार थी, उससे अभी भी कनाडा के कुछ लोग प्रभावित हैं।
जून 1985 में हुई कनिष्क विमान दुर्घटना की कनाडा की संसद में चर्चा हुई। भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि उक्त विमान में रखा बम फटने से 329 लोग मारे गए थे। उस विस्फोट के लिए जो विचारधारा जिम्मेदार थी, उससे अभी भी कनाडा के कुछ लोग प्रभावित हैं।
सांसद आर्य ने कहा, खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से संबंधित समारोह आयोजित करना हिंसा को महिमामंडित करने और घृणा को बढ़ावा देने वाला कृत्य है। इसके लिए जिम्मेदार ताकतें कनाडा में एक बार फिर से संगठित हो रही हैं। यह कनाडा में रहने वाले हिंदुओं के लिए चिंता की बात है।
हाल ही में हुई कई घटनाएं हिंदुओं की चिंता का कारण हैं। संसद में आर्य ने कहा, 23 जून को आतंकवाद के शिकार हुए लोगों की याद में राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। 39 वर्ष पूर्व एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 182 में कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी चरमपंथियों ने बम रख दिया था। यह विमान कनाडा के मांट्रियल से उड़ान भरकर लंदन होते हुए नई दिल्ली जाना था।
23 जून, 1985 को हवा में उड़ते हुए विमान में विस्फोट हुआ और उसमें सवार सभी 329 लोग मारे गए। कनाडा के इतिहास में यह सबसे ज्यादा लोगों की सामूहिक हत्या है। लेकिन दुर्भाग्य से बहुत से कनाडावासी आज तक इस विस्फोट के लिए जिम्मेदार विचारधारा की असलियत को नहीं समझे हैं। जिस विचारधारा ने विमान में विस्फोट कराया था, वह विचारधारा आज भी कनाडा के कुछ लोगों में बनी हुई है।
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