मांझी की खबरें : आतंक का पर्याय बने बन्दर को वन विभाग के टीम ने पकड़ा

मांझी की खबरें : आतंक का पर्याय  बने बन्दर को वन विभाग के टीम ने पकड़ा

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श्रीनारद मीडिया, सचिन पांडेय, मांझी, सारण (बिहार):

सारण जिले के  दाउदपुर थाना क्षेत्र के शीतलपुर गांव में विगत छह माह से आतंक का पर्याय बना सनकी बन्दर आखिरकार गिरफ्त में आ हीं गया। वन प्रमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर सोमवार को पटना से पहुंची बंदर पकड़ने वाली टीम द्वारा उसे पकड़ कर पिजड़े में कैद कर लिया गया। सनकी बंदर के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली गई।

ग्रामीणों ने बताया कि कई माह से गांव में सनकी बंदर आतंक मचा रखा था। पकड़ा गया बंदर एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर चालक व ग्रामीणों को काटकर जख्मी कर चुका था। गांव में उसका आतंक इस कदर बढ़ गया था की कोई भी ट्रैक्टर चालक बधार में खेतों की जुताई या गांव में समान लेकर नहीं जाना चाहते थे। आखिरकार वन विभाग के कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद सनकी बंदर को पकड़ लिया

। मुखिया प्रतिनिधि जयप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि गांव में बंदर का दहशत करीब छह माह से बना हुआ था। ग्रामीणों समेत मुखिया पुष्पा देवी ने वन विभाग के कर्मियों से गुहार लगाई थी। वन विभाग की टीम में एएसआई विनितेश कुमार समेत अन्य लोग शामिल थे।

 

गौरी, बंगरा,  बनवार गाँव को जोड़ने वाली सड़क वर्षों से जर्जर

श्रीनारद मीडिया, सचिन पांडेय, मांझी, सारण (बिहार):

सारण जिले के माँझी थाना क्षेत्र के गौरी गाँव को दाउदपुर थाना क्षेत्र के बंगरा तथा बनवार गाँव से जोड़ने वाली सड़क वर्षों से जर्जर बनी सड़क एवम गंडक नहर पुल के दोनों सिरों के भीतर कथित रूप से ठेकेदार द्वारा दो बड़ा गड्ढा खोदकर छोड़ दिये जाने से उक्त सड़क होकर चलने वाले राहगीरों तथा वाहन संचालकों को गम्भीर खतरों से होकर गुजरना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि स्थानीय गंडक नहर परियोजना के ऊपर बनी पुलिया के दोनों तरफ सड़क किनारे ठेकेदार द्वारा महीनों से दो बड़ा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है जहाँ कभी भी कोई भयंकर हादसा हो सकता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार न तो सड़क पुल को फाइनल कर पा रहा है और न ही जर्जर सड़क का पक्कीकरण ही करा पा रहा है। महीनों से ग्रामीण,राहगीर व वाहन संचालक उक्त सड़क पर अपनी जान जोखिम में डालकर लगभग रेंग रहे हैं। लोगों ने बताया कि यदि जल्द ही उक्त सड़क व पुल का निर्माण कार्य पूरा नही किया गया तो बरसात के दिनों में सड़क दुर्घटना के अलावे राहगीरों के डूबने के अतिरिक्त खतरा बढ़ जाएगा।

उक्त सड़क पर उड़ रही धूल तथा बिखरे कंकड़ पत्थर राहगीरों व वाहन संचालकों की परेशानी का सबब बने बैठे हैं। शादी विवाह के मौसम में इस सड़क से होकर गुजरने वाले लोगों की परेशानी दुगुनी हो जाएगी। खासकर तीन अलग अलग गाँवों के लोगों को सड़क के माध्यम से एक सूत्र में बांधने वाले इस प्रमुख सड़क की उपेक्षा से ग्रामीण त्रस्त हैं।

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