हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में हाई कोर्ट से मिली जमानत

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दिए जाने के बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ गए। सोरेन जब पत्नी कल्पना सोरेन के साथ जेल से बाहर निकले तो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी के बीच उनका स्वागत किया। मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन, आईएएस अधिकारी और रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, भानु प्रताप प्रसाद और अन्य सहित 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।

अपनी गिरफ्तारी के समय, सोरेन ने अपने खिलाफ जमीन हड़पने के आरोपों से दृढ़ता से इनकार किया था और कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला थोपा था। झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही मिनट बाद उन्हें 31 जनवरी को रांची राजभवन से गिरफ्तार कर लिया गया था। 22 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन और अन्य के खिलाफ कथित भूमि हड़पने से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत रांची में छापे के बाद 1 करोड़ रुपये नकद और 100 जिंदा गोलियां जब्त कीं।

सोरेन को जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर कहा कि वह विकास से “बहुत खुश” हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि एक महत्वपूर्ण आदिवासी नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक मामले के कारण इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन आज उन्हें माननीय उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है! मैं इस महान विकास से बहुत खुश हूं और मुझे यकीन है कि वह अपनी सार्वजनिक गतिविधियाँ तुरंत शुरू कर देंगे।

जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दी है। इस मामले में हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अनाधिकृत रूप से बड़गाईं अंचल के 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है। सोरेन पर पीएमएलए एक्ट के तहत मनी लाउंड्रिंग मामला चल रहा है।

इस मामले में सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट में कहा था कि सोरेन ने जमीन पर कब्जा किया है। इस वजह से उन्हें जमानत नहीं दिया जाना चाहिए। वहीं हेमंत सोरेन की ओर से इन आरोपों को कहा था कि ईडी द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। यह मामला मनी लाउंड्रिंग का नहीं बल्कि राजनीतिक बदले का है। ईडी केंद्र सरकार के इसारे पर कार्य कर रही है।

हेमंत सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को रांची से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के बाद हेमंत सोरेन अब जेल से बाहर आ जाएंगे। हालांकि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि ईडी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है।

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