नबीनगर छात्रा हत्याकांड: सामूहिक दुष्कर्म के बाद अपराधियों ने गला दबाकर की थी हत्या, अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार के औरंगाबाद पुलिस ने बिहार को हिला कर रख देने वाले नबीनगर के बहुचर्चित छात्रा हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस के खुलासे के मुताबिक 11 जून को कोचिंग जाने के लिए घर से निकली नाबालिग छात्रा को पहले अगवा किया गया था। उसके बाद एक गेस्ट हाउस में अपहर्ताओं ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। फिर गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को आल्टो कार से ले जाकर इंद्रपुरी नहर में फेंक दिया था। दरअसल, पुलिस ने यह खुलासा गेस्ट हाउस के संचालक और उसके भाई की गिरफ्तारी के बाद किया है।
दोनों ने पुलिस के समक्ष घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए पूरे मामले की सिलसिलेवार जानकारी दी है। मामले में तीन अपराधियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। दो और अपराधियों की ताजा गिरफ्तारी से मामले में संलिप्त अपराधियों की संख्या पांच हो गई है। इनमें एक महिला भी शामिल रही है, जिसकी घटना में लाइनर की भूमिका रही।घटना के बाद से ही मामले का पर्दाफाश करने में जुटी थी पुलिस
मामले का पर्दाफाश करते हुए औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने शनिवार को दोपहर प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि 11 जून को नाबालिग छात्रा की मां ने बेटी को अगवा किए जाने की शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर नबीनगर पुलिस ने 12 जून को प्राथमिकी संख्या-162/24 दर्ज की थी। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी थी। इसी दौरान 13 जून को रोहतास जिले के इंद्रपुरी थाना पुलिस ने इंद्रपुरी नहर से एक शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल भेजा था। शव की पहचान नबीनगर की अगवा छात्रा के रूप में की गई थी।
एसआइटी ने मामले के त्वरित खुलासे के लिए औरंगाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर-01 संजय कुमार पांडेय और साइबर पुलिस उपाधीक्षक डॉ. अन्नू कुमारी के नेतृत्व में जिला आसूचना इकाई के कर्मियों को शामिल करते हुए एक विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया था।एसआईटी ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज, नियमित रूप से की समीक्षा एसआईटी ने मामले के खुलासे के लिए विभिन्न जगहों का सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया। संभावित घटनास्थलों का निरीक्षण किया। कई लोगों से पूछताछ की। मामले की प्रतिदिन की समीक्षा की। मामले में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला, पटना की टीम ने गेस्ट हाउस, इंद्रपुरी बैराज और घटना में प्रयुक्त आल्टो कार के विभिन्न प्रदर्शों का नमूना जांच के लिए लिया। वहीं, टीम ने घटना में प्रयुक्त आल्टो कार को विधिवत जब्त किया। साथ ही शव को ठिकाने लगाने के लिए इंद्रपुरी नहर ले जाने में इस्तेमाल किए गए संभावित मार्ग सहित सभी बिंदुओं की गहन समीक्षा की। इस दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक छत्रनील सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर एसआईटी को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। मामले में तकनीकी, वैज्ञानिक व मानवीय साक्ष्यों से मिला अहम सुराग इसके बाद टीम ने तकनीकी, वैज्ञानिक और मानवीय साक्ष्यों का विश्लेषण तथा संकलन से मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने गेस्ट हाउस के संचालक राकेश कुमार सिंह और उसके भाई धर्मेंद्र कुमार सिंह को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद अपराधियों ने गेस्ट हाउस के कमरे में छात्रा से दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या कर शव को छिपाने की नीयत से आल्टो कार की डिक्की में रखकर इंद्रपुरी नहर में फेंकने की बात स्वीकार की है। स्वीकारोक्ति के बाद पुलिस ने घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त आल्टो कार को जब्त कर लिया। साथ ही पुलिस ने दोनों अपराधियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए। उन्होंने बताया कि मामले में पूर्व में तीन नामजद आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया है।मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम में ये पुलिस अधिकारी रहे शामिल,मामले का पर्दाफाश करने वाली पुलिस की एसआईटी टीम में औरंगाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर-01 संजय कुमार पांडेय, साइबर सेल की पुलिस उपाधीक्षक डॉ. अन्नू कुमारी, नबीनगर के पुलिस निरीक्षक विमल कुमार, जिला आसूचना इकाई के प्रभारी पुलिस निरीक्षक शंभू कुमार, डीआईयू के पुलिस अवर निरीक्षक राम इकबाल यादव, नबीनगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय, औरंगाबाद की महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी, डीआईयू के पुसअनि संतोष कुमार, सिपाही मुन्ना कुमार और डीआईयू के सभी सदस्य शामिल रहे।
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